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अडानी डिफेंस स्वदेशी रक्षा निर्माण के लिए निवेश तिगुना करेगा, क्षमता का विस्तार करेगा

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Published on 17th November 2025, 3:07 PM

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Author

Aditi Singh | Whalesbook News Team

Overview

अडानी डिफेंस और एयरोस्पेस अगले कुछ वर्षों में निवेश को काफी बढ़ाकर ₹15,000 करोड़ करने की योजना बना रहा है। कंपनी का लक्ष्य छोटे कैलिबर के गोला-बारूद (ammunition) का वार्षिक उत्पादन 500 मिलियन राउंड तक बढ़ाना और मध्यम व बड़े कैलिबर के गोला-बारूद संयंत्र शुरू करना है, जिससे भारत की स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षमताएं बढ़ेंगी और आयात पर निर्भरता कम होगी।

अडानी डिफेंस स्वदेशी रक्षा निर्माण के लिए निवेश तिगुना करेगा, क्षमता का विस्तार करेगा

Stocks Mentioned

Adani Enterprises Limited

अडानी डिफेंस और एयरोस्पेस, अडानी ग्रुप का एक अहम हिस्सा, अपने संचालन का बड़े पैमाने पर विस्तार करने के लिए तैयार है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रक्षा और एयरोस्पेस शाखा में अगले कुछ वर्षों में निवेश को तिगुना कर कुल पूंजी व्यय (capital expenditure) ₹15,000 करोड़ तक ले जाया जाएगा, जबकि पहले ही ₹5,000 करोड़ का निवेश किया जा चुका है। यह शाखा, जिसके पास वर्तमान में $1.2-1.5 बिलियन का ऑर्डर पाइपलाइन है, मानव रहित प्रणालियाँ (unmanned systems), काउंटर ड्रोन, छोटे हथियार, सहायक उपकरण और गोला-बारूद का निर्माण करती है।

तत्काल ध्यान कानपुर में छोटे गोला-बारूद सुविधा (small ammunition facility) का विस्तार करने पर है। लक्ष्य यह है कि 2025 के मध्य तक छोटे कैलिबर के गोला-बारूद की वार्षिक क्षमता दोगुनी करके 300 मिलियन राउंड तक पहुँचाई जाए, और अंततः पूरी क्षमता 500 मिलियन राउंड तक हो। इसके अतिरिक्त, जनवरी 2027 में मध्यम कैलिबर के गोला-बारूद का उत्पादन शुरू होने वाला है, जिसकी वार्षिक क्षमता 8 मिलियन राउंड होगी, और बड़े कैलिबर के गोला-बारूद का उत्पादन अगले साल की शुरुआत में 3 लाख राउंड की क्षमता के साथ शुरू होगा। प्राइमर (Primer) और प्रोपेलेंट (Propellant) संयंत्र 2027 तक चालू होने की उम्मीद है।

मुख्य उद्देश्य भारत की स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षमताओं को मजबूत करना है। अडानी डिफेंस का लक्ष्य गोला-बारूद की सभी घरेलू मांगों को पूरा करना है, जिससे आयात की आवश्यकता समाप्त हो और 100% स्वदेशी आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) स्थापित हो। वर्तमान में, यह भारत की वार्षिक गोला-बारूद की जरूरतों का लगभग एक-चौथाई हिस्सा आपूर्ति करता है।

कंपनी अपने भौतिक विनिर्माण आधार का भी विस्तार कर रही है। कानपुर सुविधा को गोला-बारूद, मिसाइल और ऊर्जा सामग्री (energetics) के लिए 750 एकड़ तक बढ़ाया गया है। हैदराबाद संयंत्र, जो 20 एकड़ में फैला है, मानव रहित प्रणालियों, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (electronic warfare) और लॉइटरिंग मूनिशन्स (loitering munitions) के लिए तैयार किया जा रहा है।

अशोक वाधवान, हेड लैंड सिस्टम्स, ने इस बात पर जोर दिया कि अध्यक्ष गौतम अडानी द्वारा निर्धारित दृष्टिकोण केवल व्यावसायिक नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय रक्षा क्षमता के निर्माण पर केंद्रित है। कंपनी के लॉइटरिंग मूनिशन्स और काउंटर ड्रोन पहले ही भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा तैनात किए जा चुके हैं।

प्रभाव

यह विस्तार भारत की रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता को काफी बढ़ावा देगा, संभावित रूप से आयात लागत कम करेगा और निर्यात के अवसर बढ़ाएगा। यह अडानी ग्रुप के रक्षा वर्टिकल के लिए मजबूत विकास क्षमता का संकेत देता है।

प्रभाव रेटिंग: 8/10.


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