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वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के लॉन्च में देरी, साज-सज्जा और कारीगरी के मुद्दों के कारण

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3rd November 2025, 5:18 AM

वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के लॉन्च में देरी, साज-सज्जा और कारीगरी के मुद्दों के कारण

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Short Description :

बहुप्रतीक्षित वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों, जिनका मूल रूप से अक्टूबर में लॉन्च होना था, में देरी हो रही है। भारतीय रेलवे मंत्रालय ने साज-सज्जा (furnishings) और कारीगरी (workmanship) से संबंधित मुद्दों की पहचान की है, जैसे कि नुकीले किनारे और सफाई की चुनौतियां। हालांकि रेलवे बोर्ड ने संचालन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, लेकिन इन कमियों को ट्रेनों के सेवा में आने से पहले ठीक करना होगा। सुरक्षा प्रोटोकॉल और परिचालन तत्परता पर भी जोर दिया गया है।

Detailed Coverage :

मूल रूप से अक्टूबर में लॉन्च होने वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के लॉन्च में एक बाधा आ रही है। भारतीय रेलवे मंत्रालय ने, रेलवे बोर्ड के माध्यम से, नई ट्रेनों में साज-सज्जा और कारीगरी की गुणवत्ता को लेकर कई चिंताएं उजागर की हैं। इन मुद्दों में बर्थिंग क्षेत्रों में नुकीले किनारे और कोने, खिड़की के पर्दे के हैंडल में समस्या, और बर्थ कनेक्टर के बीच "pigeon pockets" शामिल हैं, जिनसे सफाई में दिक्कत आती है। इन निष्कर्षों के बावजूद, रेलवे बोर्ड ने 16-कार स्लीपर रैक के संचालन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालांकि, इसने यह अनिवार्य कर दिया है कि ट्रेनों के सेवा में आने से पहले इन पहचानी गई कमियों को ठीक किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कड़े सुरक्षा मानकों का पालन करने के महत्व पर भी जोर दिया है। इसमें आग से सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करना, कवच 4.0 ट्रेन-सुरक्षा प्रणाली स्थापित करना, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर और स्टेशन मास्टर के बीच विश्वसनीय संचार बनाए रखना, और ब्रेकिंग सिस्टम के उचित कामकाज को सुनिश्चित करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, यात्री सुविधा सर्वोपरि है, और परिवेश की स्थिति और दरवाजे के उपयोग को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त आंतरिक कोच तापमान बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय ने यह भी आवश्यक किया है कि रास्ते में प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारी उपलब्ध हों और आपात स्थिति में सेमी-परमानेंट कपलर को 15 मिनट के भीतर अनकपल्ड किया जा सके। मंजूरी प्रक्रिया में रिसर्च डिजाइंस एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) द्वारा परीक्षणों के बाद मुख्य आयुक्त रेलवे सुरक्षा (CCRS) से अंतिम अनुमोदन प्राप्त करना शामिल है। RDSO ने 1 सितंबर, 2025 को अपना अद्यतन अनुपालन प्रस्तुत किया था। यात्री सुरक्षा और उतरने की प्रक्रियाओं के लिए नियमित सार्वजनिक घोषणाएं भी अनिवार्य की गई हैं। **प्रभाव**: इस देरी से लंबी दूरी की वंदे भारत सेवाओं को पेश करने की समय-सीमा प्रभावित हो सकती है, जिससे यात्रियों के यात्रा अनुभव और रेलवे के व्यापक आधुनिकीकरण योजनाओं पर असर पड़ सकता है। यह भारतीय रेलवे द्वारा लागू किए जा रहे कठोर गुणवत्ता नियंत्रण उपायों को भी उजागर करता है। Impact Rating: 7/10.