मीशो IPO की धूम: पहले दिन ही सब्सक्रिप्शन 2X के पार! रिटेल निवेशकों की भारी भीड़ - क्या अगला ई-कॉमर्स दिग्गज बनेगा?
Overview
ई-कॉमर्स कंपनी मीशो का बहुप्रतीक्षित IPO 3 दिसंबर 2025 को खुला, जिसका लक्ष्य ₹5,421 करोड़ जुटाना है। पहले दिन, इश्यू 2.35 गुना सब्सक्राइब हुआ, जिसमें रिटेल निवेशकों की मांग जोरदार रही (3.85x)। विश्लेषकों का रुख सकारात्मक है, जो मीशो के अनोखे जीरो-कमीशन, एसेट-लाइट मॉडल, टियर 2/3 शहरों पर फोकस और साथियों की तुलना में आकर्षक वैल्यूएशन का हवाला देते हुए 'सब्सक्राइब' करने की सलाह दे रहे हैं। सब्सक्रिप्शन विंडो 5 दिसंबर को बंद होगी।
सॉफ्टबैंक-समर्थित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो का बहुप्रतीक्षित इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) गुरुवार, 3 दिसंबर 2025 को सार्वजनिक सदस्यता के लिए शुरू हुआ। कंपनी अपने IPO के माध्यम से कुल ₹5,421 करोड़ जुटाना चाहती है, जिसमें ₹4,250 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹1,171.2 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है।
बोली के पहले दिन भारी निवेशक रुचि देखी गई, इश्यू 2.35 गुना सब्सक्राइब हुआ। पेश किए गए 277.93 मिलियन शेयरों के मुकाबले कुल 654 मिलियन इक्विटी शेयरों के लिए बोली लगाई गई। रिटेल निवेशकों ने इस दौड़ का नेतृत्व किया, उन्होंने अपने आरक्षित हिस्से को 3.85 गुना सब्सक्राइब किया, जो व्यक्तिगत निवेशकों की मजबूत रुचि को दर्शाता है। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने 2.12 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) ने 1.8 गुना सब्सक्रिप्शन हासिल किया।
दूसरे दिन, 4 दिसंबर को सुबह 11:20 बजे तक, IPO का सब्सक्रिप्शन स्तर बढ़कर 3.22 गुना हो गया था, जिसमें 894.86 मिलियन शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं। यह तीन-दिवसीय सब्सक्रिप्शन अवधि शुक्रवार, 5 दिसंबर को समाप्त होगी।
एनालिस्ट की राय
ब्रोकरेज फर्मों ने मीशो के IPO को 'सब्सक्राइब' करने की सलाह दी है, इसके मजबूत विकास की संभावनाओं और विशिष्ट व्यावसायिक रणनीति को देखते हुए।
- निर्मल बेंग सिक्योरिटीज ने मीशो की टियर 2 और 3 शहरों में मजबूत उपस्थिति पर प्रकाश डाला, जो इसके जीरो-कमीशन, एसेट-लाइट मॉडल द्वारा संचालित है। उन्होंने नोट किया कि कंपनी ने अभी तक लाभ दर्ज नहीं किया है, लेकिन FY25 में सकारात्मक फ्री कैश फ्लो हासिल किया है। ब्रोकरेज को 5.7x FY25 प्राइस/सेल्स पर अपर प्राइस बैंड वैल्यूएशन उचित लगता है।
- स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट ने भारत के एकमात्र प्योर-प्ले वैल्यू ई-कॉमर्स स्टॉक के रूप में मीशो के 'स्केरिटी प्रीमियम' पर जोर दिया। वे अपने साथियों जैसे Zomato (>10x सेल्स) की तुलना में लगभग 5.5x FY25 प्राइस-टू-सेल्स पर इसकी वैल्यूएशन को आकर्षक मानते हैं और लिस्टिंग गेन और दीर्घकालिक निवेश दोनों के लिए इसकी सिफारिश करते हैं।
- आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने बताया कि मीशो का वैल्यू-कॉन्शियस उपभोक्ताओं पर, विशेष रूप से गैर-मेट्रो क्षेत्रों में, ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ इसके कुशल व्यावसायिक मॉडल ने मजबूत राजस्व वृद्धि और लगातार फ्री कैश फ्लो को जन्म दिया है। उन्होंने यह भी नोट किया कि इसकी वैल्यूएशन करीबी साथियों की तुलना में छूट पर है।
- मेह्ता इक्विटीज मीशो को फैशन, होम एंड किचन, और ब्यूटी एंड पर्सनल केयर जैसी श्रेणियों में एक लीडर के रूप में देखता है। उन्होंने इसके मल्टी-साइडेड मार्केटप्लेस, नेटवर्क इफेक्ट्स, AI-संचालित पर्सनलाइजेशन और कुशल लॉजिस्टिक्स आर्म (Valmo) को मुख्य ताकत बताया। विकास में चल रहे निवेशों के कारण लाभप्रदता नकारात्मक होने के बावजूद, वे जोखिम-प्रेमी, दीर्घकालिक निवेशकों के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह देते हैं।
इवेंट का महत्व
- मीशो का IPO भारत के बढ़ते ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है।
- यह निवेशकों को एक अद्वितीय, मूल्य-केंद्रित ऑनलाइन रिटेल प्लेयर में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है।
- मजबूत प्रारंभिक सब्सक्रिप्शन आशाजनक टेक IPOs के लिए मजबूत निवेशक भूख का संकेत देता है।
प्रभाव
- एक सफल IPO भारतीय ई-कॉमर्स और टेक शेयरों में निवेशक विश्वास बढ़ा सकता है।
- यह ऑनलाइन रिटेल स्पेस में एसेट-लाइट, जीरो-कमीशन बिजनेस मॉडल को मान्य करता है।
- सकारात्मक बाजार प्रतिक्रिया अन्य टेक स्टार्टअप्स को सार्वजनिक लिस्टिंग के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।
- इंपैक्ट रेटिंग: 8/10
कठिन शब्दों की व्याख्या
- IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर पेश करती है।
- फ्रेश इश्यू: जब कोई कंपनी पूंजी जुटाने के लिए नए शेयर जारी करती है।
- ऑफर फॉर सेल (OFS): जब मौजूदा शेयरधारक अपने कुछ शेयर नए निवेशकों को बेचते हैं।
- सब्सक्रिप्शन: IPO इश्यू की कुल संख्या, जिसे निवेशकों द्वारा पेश किए गए शेयरों की संख्या की तुलना में खरीदा गया है।
- रिटेल इन्वेस्टर्स: व्यक्तिगत निवेशक जो एक निश्चित सीमा (भारत में आमतौर पर ₹2 लाख) तक शेयरों के लिए आवेदन करते हैं।
- QIBs (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स): बड़े संस्थागत निवेशक जैसे म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड और बीमा कंपनियां।
- NIIs (नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स): हाई-नेट-वर्थ व्यक्ति और कॉर्पोरेट निकाय जो खुदरा सीमा से अधिक राशि का निवेश करते हैं।
- फ्री कैश फ्लो: वह नकदी जो एक कंपनी संचालन का समर्थन करने और पूंजीगत संपत्ति बनाए रखने के लिए बहिर्वाह को ध्यान में रखने के बाद उत्पन्न करती है।
- प्राइस/सेल्स (P/S) रेशियो: एक वैल्यूएशन मीट्रिक जो कंपनी के स्टॉक मूल्य की उसके प्रति शेयर राजस्व से तुलना करता है।
- MAUs (मंथली एक्टिव यूजर्स): किसी दिए गए महीने में किसी डिजिटल उत्पाद या सेवा के साथ जुड़ने वाले अद्वितीय उपयोगकर्ताओं की संख्या।

