Mutual Funds
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Updated on 15th November 2025, 8:12 AM
Author
Simar Singh | Whalesbook News Team
अक्टूबर में भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग ने सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIPs) से ₹29,529 करोड़ का रिकॉर्ड योगदान देखा, जबकि कुल इक्विटी इनफ्लो में लगभग 19% की गिरावट आई और यह ₹24,000 करोड़ रहा। कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) भी ₹79 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का मानना है कि इक्विटी इनफ्लो में यह कमी कमजोरी का संकेत नहीं, बल्कि प्रॉफिट बुकिंग और IPO निवेश के कारण एक स्वस्थ ठहराव है, जो खुदरा निवेशकों की भागीदारी और दीर्घकालिक धन सृजन पर ध्यान केंद्रित करता है।
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अक्टूबर में भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग ने मजबूती दिखाई, जिसमें सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIPs) के माध्यम से ₹29,529 करोड़ का अब तक का सबसे बड़ा योगदान दर्ज किया गया। यह तब हुआ जब शुद्ध इक्विटी इनफ्लो में नरमी आई, जो सितंबर के ₹30,405 करोड़ से लगभग 19% घटकर अक्टूबर में लगभग ₹24,000 करोड़ हो गया। मेराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स की सुरंजना बोर्थकुर जैसे विशेषज्ञों का सुझाव है कि शुद्ध इक्विटी इनफ्लो में यह नरमी चिंताजनक नहीं है। वह स्थिर सकल इनफ्लो की ओर इशारा करती हैं और बताती हैं कि यह गिरावट निवेशकों द्वारा प्रॉफिट बुकिंग, त्योहारी अवधि के दौरान मौसमी नकदी की जरूरत और इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (IPOs) में धन के हस्तांतरण जैसे कारकों के कारण है। उद्योग के कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) भी अक्टूबर में पिछले महीने के ₹75 लाख करोड़ से बढ़कर रिकॉर्ड ₹79 लाख करोड़ हो गए। इस वृद्धि को बाजार की गहराई में वृद्धि का संकेत माना जा रहा है। फिनफिक्स रिसर्च एंड एनालिटिक्स के प्रबलिन बाजपेयी के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में दोगुना से अधिक हो चुके SIPs में लगातार वृद्धि खुदरा निवेशक परिपक्वता और अनुशासन को उजागर करती है। इसके अतिरिक्त, अक्टूबर में SIP रोकने की दरों (stoppage rates) में गिरावट यह दर्शाती है कि निवेशक बाजार की अस्थिरता के माध्यम से निवेशित रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि वर्तमान परिदृश्य एक स्वस्थ ठहराव का प्रतिनिधित्व करता है, जो व्यवस्थित निवेश दृष्टिकोण के माध्यम से दीर्घकालिक धन सृजन की ओर एक मौलिक बदलाव को रेखांकित करता है। प्रभाव: यह खबर म्यूचुअल फंड क्षेत्र में खुदरा निवेशकों के विश्वास और भागीदारी को मजबूत दर्शाती है। रिकॉर्ड SIPs इक्विटी बाजारों में निरंतर पूंजी प्रवाह का सुझाव देते हैं, जो बाजार की स्थिरता और विकास का समर्थन करता है। बढ़ती AUM भी भारत में निवेश परिदृश्य के परिपक्व होने का संकेत देती है। इंपैक्ट रेटिंग: 7/10. कठिन शब्द: सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP): एक विधि जिसमें म्यूचुअल फंड योजना में नियमित अंतराल (आमतौर पर मासिक) पर एक निश्चित राशि का निवेश किया जाता है, जिससे निवेशक समय के साथ अपनी खरीद लागत को औसत कर सकते हैं। एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM): एक फंड मैनेजर या वित्तीय संस्थान द्वारा अपने ग्राहकों की ओर से प्रबंधित सभी निवेशों का कुल बाजार मूल्य। यह फंड या कंपनी का आकार दर्शाता है। इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (IPOs): एक निजी कंपनी द्वारा जनता को स्टॉक की पहली बिक्री, जिससे वह पूंजी जुटा सके और एक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली इकाई बन सके। नरमी (Moderation): वृद्धि या गतिविधि की दर में कमी या धीमा होना। प्रॉफिट बुकिंग: लाभ को सुरक्षित करने के लिए निवेश की कीमत बढ़ने के बाद उसे बेचना।