Mutual Funds
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Updated on 11 Nov 2025, 06:41 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से अक्टूबर में म्यूचुअल फंडों का मिला-जुला रुख सामने आया है। जहाँ सक्रिय रूप से प्रबंधित इक्विटी म्यूचुअल फंडों ने 24,690.33 करोड़ रुपये का इनफ्लो दर्ज किया, वहीं यह सितंबर में देखे गए 30,421.69 करोड़ रुपये के इनफ्लो की तुलना में 19% की गिरावट को दर्शाता है। इक्विटी फंड निवेश में यह मंदी निवेशक की सावधानी या पूंजी के पुन: आवंटन का संकेत दे सकती है।\n\nइसके विपरीत, व्यापक म्यूचुअल फंड उद्योग ने बहुत मजबूत प्रदर्शन किया। अक्टूबर में उद्योग का कुल शुद्ध इनफ्लो प्रभावशाली 2.15 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया। यह पिछले महीने दर्ज 43,146.32 करोड़ रुपये के शुद्ध आउटफ्लो से एक नाटकीय उलटफेर है। लिक्विड फंड इस भारी समग्र इनफ्लो के प्राथमिक चालक थे, जो अल्पकालिक, कम जोखिम वाले निवेश विकल्पों के लिए मजबूत भूख का सुझाव देते हैं। यह महत्वपूर्ण समग्र इनफ्लो बाजार में पर्याप्त तरलता (liquidity) का संकेत देता है, जो शेयर की कीमतों को सहारा दे सकता है।\n\nप्रभाव:\nयह खबर इक्विटी सेगमेंट में निवेशक की भावना में संभावित बदलाव का संकेत देती है, लेकिन म्यूचुअल फंड उद्योग में मजबूत समग्र तरलता पंप होने का संकेत देती है। लिक्विड फंडों में बड़ी इनफ्लो अल्पकालिक धन की प्रतीक्षा या सुरक्षित संपत्तियों की प्राथमिकता का संकेत दे सकती है, जबकि इक्विटी फंडों में गिरावट सावधानी का संकेत दे सकती है। इससे बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है या व्यापक बाजार सूचकांकों को समर्थन मिल सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि पैसा अंततः कहाँ प्रवाहित होता है। प्रभाव रेटिंग: 7/10।\n\nकठिन शब्द:\nइक्विटी म्यूचुअल फंड: ये वे म्यूचुअल फंड हैं जो मुख्य रूप से शेयरों (इक्विटी) में निवेश करते हैं। इनका लक्ष्य लंबी अवधि में पूंजीगत वृद्धि (capital appreciation) हासिल करना है और इनमें डेट फंडों की तुलना में अधिक जोखिम होता है।\nलिक्विड फंड: यह एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो बहुत कम जोखिम और उच्च तरलता (high liquidity) वाले अल्पकालिक ऋण साधनों (short-term debt instruments) में निवेश करता है, जिससे निवेशक जल्दी से अपना पैसा निकाल सकते हैं।