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ख़तरनाक डाइवर्सिफिकेशन अलर्ट! बहुत ज़्यादा म्यूचुअल फ़ंड रखने से आपके रिटर्न डूब सकते हैं!

Mutual Funds

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Updated on 12 Nov 2025, 12:10 pm

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Reviewed By

Abhay Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

कई निवेशकों को लगता है कि ज़्यादा म्यूचुअल फ़ंड रखने से बेहतर डाइवर्सिफिकेशन होता है, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि इससे डुप्लीकेशन (दोहराव) हो सकता है और रिटर्न पर बुरा असर पड़ सकता है। कई फ़ंड रखने से अक्सर एक ही स्टॉक अलग-अलग योजनाओं में आ जाते हैं, जिससे जोखिम कम हुए बिना जटिलता बढ़ जाती है। वित्तीय योजनाकार पोर्टफोलियो के आकार के आधार पर कुछ चुनिंदा फ़ंड रखने और ओवरलैप की जांच करने की सलाह देते हैं ताकि सही डाइवर्सिफिकेशन सुनिश्चित हो सके।
ख़तरनाक डाइवर्सिफिकेशन अलर्ट! बहुत ज़्यादा म्यूचुअल फ़ंड रखने से आपके रिटर्न डूब सकते हैं!

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Detailed Coverage:

यह लेख बताता है कि बहुत ज़्यादा म्यूचुअल फ़ंड रखने से अपने आप बेहतर डाइवर्सिफिकेशन नहीं होता, बल्कि इससे 'ओवर-डाइवर्सिफिकेशन' और अंतर्निहित संपत्तियों का 'डुप्लीकेशन' (दोहराव) हो सकता है। वित्तीय योजनाकारों का कहना है कि अधिकांश इक्विटी फ़ंड में पहले से ही काफी स्टॉक होते हैं, जिसका मतलब है कि निवेशक अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से उन्हीं स्टॉक में निवेश कर रहे हो सकते हैं। यह तरीका जोखिम को प्रभावी ढंग से कम किए बिना पोर्टफोलियो प्रबंधन को जटिल बनाता है और रिटर्न को पतला कर सकता है। विशेषज्ञ पोर्टफोलियो के आकार के आधार पर फ़ंड की संख्या सीमित करने की सलाह देते हैं: ₹25 लाख तक के पोर्टफोलियो के लिए 3-4, ₹50 लाख के आसपास के लिए 4-6, और ₹1 करोड़ या उससे अधिक के लिए अधिकतम 8-10 फ़ंड। वे एक ही श्रेणी में कई फ़ंड रखने से बचने की भी सलाह देते हैं। ओवरलैप का पता लगाने के लिए, निवेशकों को फ़ंड फैक्टशीट में शीर्ष होल्डिंग्स और सेक्टर आवंटन की समीक्षा करनी चाहिए। प्रभाव: यह खबर व्यक्तिगत निवेशकों को उनके म्यूचुअल फ़ंड पोर्टफोलियो को अनुकूलित करने के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करती है, जिससे बेहतर जोखिम-समायोजित रिटर्न और सरलीकृत प्रबंधन की संभावना है। व्यापक रूप से अपनाने से अप्रत्यक्ष रूप से निवेश व्यवहार और फ़ंड प्रवाह प्रभावित हो सकता है।


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