Whalesbook Logo

Whalesbook

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • News

इक्विटी फंड का क्रेज धीमा? आपके पैसे के बड़े बदलाव का खुलासा! 🚀

Mutual Funds

|

Updated on 12 Nov 2025, 04:00 am

Whalesbook Logo

Reviewed By

Aditi Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

अक्टूबर में भारत में इक्विटी म्यूचुअल फंड प्रवाह 18.8% घटकर ₹24,690 करोड़ हो गया। निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं और विविधीकरण (diversifying) कर रहे हैं, फ्लेक्सी-कैप फंडों में उल्लेखनीय वृद्धि और गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में लगातार रुचि देखी गई। हालांकि, डेट फंडों में मजबूत वापसी हुई। एसआईपी योगदान मजबूत बना रहा।
इक्विटी फंड का क्रेज धीमा? आपके पैसे के बड़े बदलाव का खुलासा! 🚀

▶

Detailed Coverage:

अक्टूबर में इक्विटी म्यूचुअल फंड प्रवाह में 18.83% की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई, जो सितंबर के ₹30,421.69 करोड़ से घटकर ₹24,690.33 करोड़ हो गया। इस मंदी का कारण निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली और बाजार समेकन (consolidation) की अवधि है, जहां निफ्टी एक दायरे में कारोबार कर रहा था, जिससे निवेशकों का धैर्य परखा जा रहा था।

इक्विटी श्रेणियों में, लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंडों में प्रवाह मध्यम रहा। हालांकि, फ्लेक्सी-कैप फंडों ने इस प्रवृत्ति को पार करते हुए ₹8,928.71 करोड़ का निवेश आकर्षित किया, जो 27% अधिक है, यह विविध निवेश रणनीतियों (diversified investment strategies) के प्रति वरीयता दर्शाता है।

कीमती धातुओं में परिसंपत्ति आवंटन (asset allocation) में बदलाव देखा गया। गोल्ड ईटीएफ प्रवाह ₹7,743.19 करोड़ तक सीमित रहा, लेकिन मजबूत बना रहा। सिल्वर ईटीएफ का प्रवाह भी जारी रहा। विशेषज्ञों ने एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति देखी कि निवेशकों ने सोने और चांदी जैसी वस्तुओं (commodities) की ओर रुख किया, जिन्होंने पिछले एक साल में भारतीय इक्विटी को बेहतर प्रदर्शन किया है।

इसके विपरीत, डेट म्यूचुअल फंडों ने एक मजबूत वापसी का अनुभव किया, जिसमें ₹1,59,957.96 करोड़ का प्रवाह हुआ, जो सितंबर के ₹1,01,977.26 करोड़ के बहिर्वाह (outflow) से बिल्कुल उलट है। इस प्रवाह का एक बड़ा हिस्सा ओवरनाइट और लिक्विड फंड जैसे शॉर्ट-ड्यूरेशन फंडों में केंद्रित था।

विशेषीकृत निवेश फंडों (Specialised Investment Funds) ने भी ₹2,004.56 करोड़ के शुद्ध प्रवाह के साथ मजबूत आकर्षण देखा। सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का योगदान अक्टूबर के लिए ₹29,529.37 करोड़ पर मजबूत बना रहा।

प्रभाव: यह खबर भारत में एक सतर्क लेकिन अनुकूलनीय निवेशक भावना को दर्शाती है। इक्विटी प्रवाह में गिरावट मुनाफावसूली और स्थिरता की तलाश का सुझाव देती है, जबकि फ्लेक्सी-कैप और कमोडिटी ईटीएफ में वृद्धि विविधीकरण रणनीतियों को उजागर करती है। डेट फंडों में वापसी सुरक्षा की ओर झुकाव (flight to safety) का संकेत देती है। यह डेटा बाजार तरलता, निवेशक व्यवहार और क्षेत्र की प्राथमिकताओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। समग्र प्रवृत्ति बाजार की अस्थिरता के बीच निवेश के प्रति अधिक मापा दृष्टिकोण (measured approach) की ओर इशारा करती है।


Mutual Funds Sector

भारतीय निवेशकों ने तोड़े रिकॉर्ड: बाज़ार में तेज़ी के बीच म्यूचुअल फंड SIPs अपने ऑल-टाइम हाई पर पहुँचीं!

भारतीय निवेशकों ने तोड़े रिकॉर्ड: बाज़ार में तेज़ी के बीच म्यूचुअल फंड SIPs अपने ऑल-टाइम हाई पर पहुँचीं!

भारतीय निवेशकों ने तोड़े रिकॉर्ड: बाज़ार में तेज़ी के बीच म्यूचुअल फंड SIPs अपने ऑल-टाइम हाई पर पहुँचीं!

भारतीय निवेशकों ने तोड़े रिकॉर्ड: बाज़ार में तेज़ी के बीच म्यूचुअल फंड SIPs अपने ऑल-टाइम हाई पर पहुँचीं!


Renewables Sector

क्या हरित ऊर्जा संकट में है? भारत के कड़े नए बिजली नियमों से डेवलपर्स का बड़ा विरोध!

क्या हरित ऊर्जा संकट में है? भारत के कड़े नए बिजली नियमों से डेवलपर्स का बड़ा विरोध!

क्या हरित ऊर्जा संकट में है? भारत के कड़े नए बिजली नियमों से डेवलपर्स का बड़ा विरोध!

क्या हरित ऊर्जा संकट में है? भारत के कड़े नए बिजली नियमों से डेवलपर्स का बड़ा विरोध!