आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने अक्टूबर में अपनी अंतरराष्ट्रीय इक्विटी होल्डिंग्स में 5,800 करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की। फंड हाउस ने माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया और एप्पल जैसी कई विदेशी कंपनियों से बाहर निकलते हुए अपने वैश्विक पोर्टफोलियो में भारी कटौती की, जबकि भारतीय शेयरों में निवेश बढ़ाया।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने अपनी निवेश रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, अक्टूबर के दौरान 5,800 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी इक्विटी होल्डिंग्स को बेच दिया। इस कदम से सितंबर में 151 शेयरों में 7,987 करोड़ रुपये के वैश्विक पोर्टफोलियो को अक्टूबर के अंत तक केवल 11 शेयरों में 2,243 करोड़ रुपये तक काफी कम कर दिया गया। फंड हाउस ने 140 विदेशी कंपनियों से पूरी तरह बाहर निकल गया, आठ में अपनी हिस्सेदारी कम की और तीन में अपनी होल्डिंग्स बनाए रखी।
प्रमुख व्यक्तिगत बिक्री में माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के 57,496 शेयर 265 करोड़ रुपये में बेचना, एनवीडिया में पूरी होल्डिंग (लगभग 251 करोड़ रुपये) से बाहर निकलना और एप्पल इंक से 210 करोड़ रुपये की कीमत के शेयरों को बेचना शामिल था। अल्फाबेट इंक से भी 172 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए, जबकि अमेज़ॅन.कॉम इंक में 89,372 शेयरों की बिक्री के लिए लगभग 169 करोड़ रुपये के साथ आंशिक रूप से कटौती की गई। ब्रॉडकॉम इंक, टेस्ला इंक, मेटा प्लेटफॉर्म्स, फाइजर इंक और एमजेन इंक जैसी कई अन्य वैश्विक कंपनियों से भी पूरी तरह बाहर निकल गए।
इसके विपरीत, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने अपने घरेलू इक्विटी पोर्टफोलियो को मजबूत किया, अक्टूबर में 696 भारतीय शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर लगभग 6.53 लाख करोड़ रुपये कर दी, जो सितंबर में 6.27 लाख करोड़ रुपये थी।
एक प्रमुख फंड हाउस द्वारा पूंजी के इस महत्वपूर्ण पुन: आवंटन से घरेलू बाजारों के प्रति निवेशक भावना में संभावित बदलाव का संकेत मिलता है। विदेशी इक्विटी की बड़े पैमाने पर बिकवाली उन विशिष्ट वैश्विक शेयरों और व्यापक विदेशी बाजारों को प्रभावित कर सकती है, जबकि भारतीय इक्विटी में बढ़ा हुआ निवेश भारतीय कंपनियों और घरेलू शेयर बाजार को बढ़ावा दे सकता है। इस रणनीतिक बदलाव के सटीक कारणों का फंड हाउस द्वारा खुलासा नहीं किया गया है।