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सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में बड़े बदलाव: निवेशकों के लिए कम लागत, प्रदर्शन-आधारित शुल्क

Mutual Funds

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30th October 2025, 4:27 PM

सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में बड़े बदलाव: निवेशकों के लिए कम लागत, प्रदर्शन-आधारित शुल्क

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Short Description :

भारत के बाजार नियामक, सेबी ने एक नया ढाँचा पेश किया है जिससे म्यूचुअल फंड की लागतें अधिक पारदर्शी और प्रदर्शन-संचालित होंगी। इसमें टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) को 15-25 बेसिस पॉइंट तक कम करना, फंड की फीस को प्रदर्शन से जोड़ना, और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को न्यू फंड ऑफर (NFO) के खर्चों के लिए जिम्मेदार बनाना शामिल है। जहाँ इन बदलावों का लक्ष्य उचित मूल्य प्रदान करना और शुद्ध निवेशक रिटर्न को थोड़ा बढ़ाना है, वहीं यह AMCs द्वारा फंड प्रबंधन और विपणन के तरीके को भी बदल सकता है और अल्पकालिक प्रदर्शन को चेज़ करने जैसे जोखिम पैदा कर सकता है।

Detailed Coverage :

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) म्यूचुअल फंड के लिए नए नियम लागू कर रहा है, जिनका मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और शुल्क को सीधे फंड के प्रदर्शन से जोड़ना है।

मुख्य बदलावों की व्याख्या: * **TER में कमी:** टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) को 15-25 बेसिस पॉइंट (0.15% से 0.25%) तक कम किया जा रहा है। इसका मतलब है कि निवेशकों को अपने म्यूचुअल फंड निवेशों के प्रबंधन के लिए सालाना कम शुल्क देना होगा। उदाहरण के लिए, 12% सालाना रिटर्न पर ₹1 लाख के निवेश पर, लंबी अवधि में ₹1,500-₹2,500 तक की बचत हो सकती है, और बड़े पोर्टफोलियो और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIPs) के लिए इसका लाभ और भी अधिक होगा। * **प्रदर्शन-आधारित शुल्क:** एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि फंड प्रबंधन शुल्क का एक हिस्सा फंड के बेंचमार्क की तुलना में उसके प्रदर्शन से जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य फंड मैनेजरों के हितों को निवेशकों के हितों के साथ संरेखित करना है। * **NFO लागतें:** एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) अब न्यू फंड ऑफर (NFOs) लॉन्च करने से जुड़ी लागतें खुद वहन करेंगी। इससे विपणन-भारी या "गिमिक" NFOs की संख्या कम होने की उम्मीद है और AMCs को अधिक चयनात्मक बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। * **लागत स्पष्टता:** गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) और सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) जैसे करों को TER से अलग रिपोर्ट किया जाएगा, जिससे परिचालन व्यय निवेशकों के लिए अधिक स्पष्ट हो जाएंगे।

प्रभाव: * **निवेशकों के लिए:** कम खर्चों के कारण शुद्ध रिटर्न में थोड़ी वृद्धि की उम्मीद करें। कम TERs से होने वाली चक्रवृद्धि बचत का दीर्घकालिक प्रभाव काफी महत्वपूर्ण हो सकता है, जो एक दशक में पोर्टफोलियो में हजारों जोड़ सकता है। हालांकि, प्रदर्शन-आधारित शुल्क फंड मैनेजरों को अल्पकालिक लाभ का पीछा करने के लिए प्रोत्साहित करने का जोखिम रखते हैं, जो हमेशा दीर्घकालिक, जोखिम-समायोजित रिटर्न के लिए सर्वोत्तम नहीं हो सकता है। शुरुआती लोगों को परिवर्तनीय शुल्क जटिल लग सकते हैं। * **AMCs के लिए:** उद्योग में NFO लॉन्च में मंदी देखी जा सकती है, जिसमें AMCs मौजूदा फंडों पर और एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) को बढ़ाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगी। वे मार्जिन बनाए रखने के लिए पैसिव या कम लागत वाले उत्पादों को भी प्राथमिकता दे सकते हैं। यदि वितरक नए कमीशन ढांचे के तहत वॉल्यूम लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आक्रामक रूप से उत्पादों को बढ़ावा देते हैं, तो छोटे बाजारों में गलत बिक्री का भी संभावित जोखिम है।

इंपैक्ट रेटिंग: 8/10

कठिन शब्द: * **टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER):** एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) द्वारा म्यूचुअल फंड के प्रबंधन के लिए लिया जाने वाला वार्षिक शुल्क, जो फंड की संपत्ति का प्रतिशत होता है। * **बेसिस पॉइंट्स (bps):** वित्त में इस्तेमाल की जाने वाली एक इकाई जो एक प्रतिशत बिंदु के सौवें हिस्से (0.01%) के बराबर होती है। तो, 15-25 bps का मतलब 0.15%-0.25% है। * **एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs):** वे फर्में जो म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करती हैं। * **न्यू फंड ऑफर (NFO):** वह अवधि जब कोई नई म्यूचुअल फंड योजना स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होने से पहले सदस्यता के लिए खुली होती है। * **सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIPs):** म्यूचुअल फंड में नियमित अंतराल पर, आमतौर पर मासिक, एक निश्चित राशि का निवेश करने का एक तरीका। * **अल्फा:** फंड मैनेजर की क्षमता का एक माप जो लिए गए जोखिम या बाजार के प्रदर्शन से अपेक्षित रिटर्न से परे रिटर्न उत्पन्न कर सकता है। * **AUM (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट):** सभी संपत्तियों का कुल बाजार मूल्य जो एक वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों की ओर से प्रबंधित करता है। * **GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स):** वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला एक उपभोग कर। * **STT (सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स):** स्टॉक एक्सचेंज पर कर योग्य प्रतिभूति लेनदेन पर लगाया जाने वाला एक प्रत्यक्ष कर।