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SEBI ने म्यूचुअल फंड नियमों में सादगी और निवेशक सुरक्षा के लिए बड़े बदलाव का प्रस्ताव दिया

Mutual Funds

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28th October 2025, 4:13 PM

SEBI ने म्यूचुअल फंड नियमों में सादगी और निवेशक सुरक्षा के लिए बड़े बदलाव का प्रस्ताव दिया

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Short Description :

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) मौजूदा ढांचे को सरल बनाने, अनावश्यकताओं को दूर करने और निवेशक सुरक्षा बढ़ाने के लिए म्यूचुअल फंड नियमों में बदलाव कर रहा है। प्रस्तावित प्रमुख परिवर्तनों में व्यय अनुपात (expense ratios) में समायोजन, ब्रोकरेज कैप में काफी कमी, पारदर्शिता के लिए कुल व्यय अनुपात (TER) से वैधानिक शुल्कों को बाहर करना, और डिजिटल संचार व एकीकृत प्रकटीकरण (disclosures) के माध्यम से अनुपालन को सुव्यवस्थित करना शामिल है। नियामक का उद्देश्य शासन मानदंडों और परिभाषाओं को भी स्पष्ट करना है। मसौदे पर सार्वजनिक टिप्पणियां 17 नवंबर तक खुली हैं।

Detailed Coverage :

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अपने म्यूचुअल फंड नियमों में व्यापक सुधार का प्रस्ताव दिया है। इसका उद्देश्य उस ढांचे को सरल बनाना है जो लगभग तीन दशकों में कई छोटे-छोटे संशोधनों के कारण जटिल हो गया है, जिससे नियामकों और निवेशकों दोनों के लिए इसे समझना और लागू करना आसान हो जाएगा। प्रस्तावित प्रमुख बदलावों में 5 बेसिस पॉइंट (bps) का अतिरिक्त व्यय शुल्क हटाना शामिल है जिसे एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) एग्जिट लोड वाली योजनाओं पर लगा सकती थीं। इसकी आंशिक भरपाई के लिए, ओपन-एंडेड योजनाओं के लिए आधार व्यय अनुपात स्लैब को 5 bps तक थोड़ा बढ़ाया जाएगा। ब्रोकरेज कैप को नकद लेनदेन के लिए 12 bps से घटाकर 2 bps और डेरिवेटिव के लिए 5 bps से घटाकर 1 bps कर दिया गया है, जिसका उद्देश्य निवेशकों को अनुसंधान सेवाओं के लिए दोहरे लागत का भुगतान करने से रोकना है। अधिक पारदर्शिता के लिए, अब वस्तु एवं सेवा कर (GST), स्टाम्प ड्यूटी और प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) जैसे वैधानिक शुल्कों को कुल व्यय अनुपात (TER) सीमा के बाहर माना जाएगा। अनुपालन बोझ को कम किया जा रहा है, जिसमें हार्ड कॉपी प्रस्तुतियों और समाचार पत्र की सूचनाओं की जगह डिजिटल संचार लिया जाएगा और अर्ध-वार्षिक पोर्टफोलियो खुलासों को मासिक रिपोर्टों में एकीकृत किया जाएगा। संरचनात्मक सुधारों में प्रायोजकों (sponsors) और ट्रस्टियों की पात्रता को स्पष्ट करना, अनावश्यक योजना श्रेणियों को हटाना, और TER व '"independent trustees"' जैसी परिभाषाओं को स्पष्ट करना शामिल है। गैर-पूल या गैर-व्यापक-आधारित फंडों का प्रबंधन करने वाली एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को संघर्षों के प्रबंधन के लिए कड़े निरीक्षण के साथ अलग व्यावसायिक इकाइयों के माध्यम से काम करना होगा। प्रभाव: इन सुधारों से म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए अधिक पारदर्शी और संभावित रूप से कम लागत की उम्मीद है। नियमों को सरल बनाकर और खुलासों को स्पष्ट करके, SEBI का उद्देश्य निवेशक का विश्वास बढ़ाना और उद्योग के परिचालन ढांचे को सुव्यवस्थित करना है, साथ ही फंड प्रबंधन में संभावित हितों के टकराव को भी दूर करना है। रेटिंग: 7/10। परिभाषाएँ: ब.$SEBI$ ने म्यूचुअल फंड नियमों में सादगी और निवेशक सुरक्षा के लिए बड़े बदलाव का प्रस्ताव दिया