Mutual Funds
|
28th October 2025, 5:47 PM

▶
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड निवेशक शुल्क और संचालन को प्रभावित करने वाले प्रमुख सुधार प्रस्तावित किए हैं। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक मुख्य प्रस्ताव कुल व्यय अनुपात (TER) संरचना को सुव्यवस्थित करता है। सेबी ब्रोकरेज लागतों में भारी कटौती का सुझाव देता है: नकद बाजारों के लिए 0.12% से 0.02% और डेरिवेटिव के लिए 0.05% से 0.01%। संशोधित TER में आधार व्यय, ब्रोकरेज और नियामक शुल्कों सहित सभी शुल्क शामिल होंगे। सेबी वितरण कमीशन और विपणन के लिए अतिरिक्त शुल्क समाप्त करने की भी योजना बना रहा है। AMCs का समर्थन करने के लिए, ओपन-एंडेड सक्रिय योजनाओं के पहले दो व्यय अनुपात स्लैब के लिए 5 बीपीएस की थोड़ी वृद्धि प्रस्तावित की गई है। STT और GST जैसे सांविधिक लेवी को TER से बाहर रखा जा सकता है, जिससे भविष्य में कर परिवर्तन सीधे निवेशकों पर पारित होंगे। AMCs पर व्यावसायिक प्रतिबंधों को भी आसान बनाया जा रहा है, जिससे वे सख्त 'चीनी दीवार' प्रोटोकॉल के तहत बड़े निवेशकों के लिए गैर-पूल वाली निधियों का प्रबंधन कर सकें। अन्य प्रस्तावों में प्रदर्शन-लिंक्ड शुल्क और NFO लागतों पर स्पष्टीकरण शामिल हैं।
**Impact** ये बदलाव भारतीय निवेशकों के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं, जो संभावित रूप से लागत को कम कर सकते हैं और पारदर्शिता बढ़ा सकते हैं। AMCs के लिए, यह राजस्व मॉडल समायोजन और अतिरिक्त अनुपालन के साथ नए व्यावसायिक अवसर दर्शाता है। भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग संरचनात्मक विकास का सामना कर रहा है। Rating: 8/10