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SEBI ने म्यूचुअल फंड नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया, कैपिटल मार्केट शेयरों में बिकवाली का दबाव

Mutual Funds

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29th October 2025, 5:10 AM

SEBI ने म्यूचुअल फंड नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया, कैपिटल मार्केट शेयरों में बिकवाली का दबाव

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Stocks Mentioned :

Nuvama Wealth Management Limited
Computer Age Management Services Limited

Short Description :

भारतीय कैपिटल मार्केट के शेयरों, खासकर स्टॉक ब्रोकिंग और एसेट मैनेजमेंट में, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के एक कंसल्टेशन पेपर के बाद गिरावट देखी गई। सेबी के म्यूचुअल फंड रेगुलेशन में प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य नियमों को सरल बनाना और निवेशक लागत को कम करना है, जिसमें ब्रोकरेज फीस कम करना, टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) से वैधानिक शुल्कों को बाहर रखना और परफॉरमन्स-लिंक्ड फीस शुरू करना शामिल है। इस रेगुलेटरी कदम से संबंधित शेयरों पर तत्काल बिकवाली का दबाव पड़ा है।

Detailed Coverage :

बुधवार को भारत के कैपिटल मार्केट शेयरों में बिकवाली का दबाव देखा गया, जिससे निफ्टी कैपिटल मार्केट्स इंडेक्स में काफी गिरावट आई। नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट, कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज (CAMS), एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज, 360 वन WAM, निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट और केफिन टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियों के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 5% से 9% तक गिर गए।

इस बाजार प्रतिक्रिया का मुख्य कारण सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा जारी एक कंसल्टेशन पेपर है। यह पेपर म्यूचुअल फंड (MF) रेगुलेशन में प्रस्तावित बड़े बदलावों की रूपरेखा बताता है, जिनका उद्देश्य नियमों को सुव्यवस्थित करना और निवेशकों के लिए लागत कम करना है।

मुख्य प्रस्तावित बदलावों में शामिल हैं: - ब्रोकरेज लागत में कमी, जिसमें कैश मार्केट ब्रोकरेज फीस 12 बेसिस पॉइंट (bps) से घटकर 2 bps और डेरिवेटिव लेनदेन शुल्क 5 bps से घटकर 1 bp हो सकता है। - सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT), कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (CTT), गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) और स्टाम्प ड्यूटी जैसे वैधानिक शुल्कों को टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) की सीमा से बाहर रखा जाएगा, जिससे उन्हें कैप्ड ब्रोकरेज लागत के ऊपर चार्ज करने की अनुमति मिलेगी। - फंड हाउस के लिए परफॉरमेंस-लिंक्ड फीस की शुरुआत। - फंड हाउस द्वारा पहले एग्जिट लोड के माध्यम से एकत्र किए गए अतिरिक्त 5 bps शुल्क को हटाना। - एएमसी को एडवाइजरी सेवाओं जैसी नई गतिविधियों में शामिल होने की संभावित अनुमति देना, विशेष रूप से फैमिली ऑफिस या ग्लोबल एंडोमेंट फंड के लिए।

प्रभाव (Impact): विश्लेषकों का सुझाव है कि ये बदलाव ब्रोकरेज फर्मों के लिए बड़े पैमाने पर नकारात्मक हैं क्योंकि कम ब्रोकरेज फीस से राजस्व कम होगा। एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) शुरुआत में कुछ लागतें वहन कर सकती हैं, लेकिन बाद में उन्हें ग्राहकों पर डाल सकती हैं। 5 bps एग्जिट लोड घटक को हटाने से एएमसी की कमाई या वितरक कमीशन पर असर पड़ सकता है। निवेशकों के लिए, इन बदलावों से लंबी अवधि में कुल योजना व्यय (TERs) में कमी आने की उम्मीद है, जिससे उन्हें लाभ होगा। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का अनुमान है कि कमीशन में 5 bps की कटौती का आनंद राठी की कमाई पर 4.8% और 360 वन की कमाई पर 2% का प्रभाव पड़ सकता है।

प्रभाव रेटिंग: 7/10

कठिन शब्दावली: - म्यूचुअल फंड (MF): एक सामूहिक निवेश वाहन जो कई निवेशकों से पैसा इकट्ठा करके स्टॉक और बॉन्ड जैसी प्रतिभूतियों में निवेश करता है। - एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC): एक कंपनी जो निवेशकों की ओर से म्यूचुअल फंड योजनाओं का प्रबंधन करती है। - टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER): एएमसी द्वारा म्यूचुअल फंड के प्रबंधन के लिए लिया जाने वाला वार्षिक शुल्क, जिसे फंड की प्रबंधित संपत्ति के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। - सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी): भारत में प्रतिभूति बाजार के लिए नियामक निकाय। - ब्रोकरेज: प्रतिभूतियों को खरीदने या बेचने की सुविधा के लिए ब्रोकर को दिया जाने वाला शुल्क। - वैधानिक शुल्क (Statutory Levies): कानून द्वारा लगाए गए कर और शुल्क, जैसे STT (सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स), CTT (कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स), GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स), और स्टाम्प ड्यूटी। - एग्जिट लोड: निवेशकों से लिया जाने वाला शुल्क यदि वे एक निर्दिष्ट लॉक-इन अवधि से पहले अपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स को रिडीम करते हैं। - कंसल्टेशन पेपर: नियामक द्वारा अंतिम रूप देने से पहले प्रस्तावित नीतिगत परिवर्तनों पर प्रतिक्रिया एकत्र करने के लिए जारी किया गया दस्तावेज। - थीमेटिक इंडेक्स (Thematic Indices): स्टॉक मार्केट इंडेक्स जो कैपिटल मार्केट्स जैसे किसी विशिष्ट क्षेत्र या थीम के भीतर कंपनियों को ट्रैक करते हैं। - निफ्टी 50: NSE पर सूचीबद्ध शीर्ष 50 भारतीय कंपनियों के प्रदर्शन का प्रतिनिधित्व करने वाला एक बेंचमार्क स्टॉक मार्केट इंडेक्स। - निफ्टी कैपिटल मार्केट्स इंडेक्स: NSE पर कैपिटल मार्केट्स और वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनियों के प्रदर्शन को विशेष रूप से ट्रैक करने वाला एक इंडेक्स। - bps (बेसिस पॉइंट): माप की एक इकाई जो एक प्रतिशत के सौवें (0.01%) के बराबर होती है।