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SEBI के म्यूचुअल फंड पेपर से पारदर्शिता बढ़ेगी, AMC के मुनाफे पर असर पड़ सकता है

Mutual Funds

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29th October 2025, 3:52 AM

SEBI के म्यूचुअल फंड पेपर से पारदर्शिता बढ़ेगी, AMC के मुनाफे पर असर पड़ सकता है

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Stocks Mentioned :

HDFC Asset Management Company Limited
Nippon Life India Asset Management Limited

Short Description :

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का म्यूचुअल फंड पर कंसल्टेशन पेपर इस क्षेत्र में पारदर्शिता को काफी बढ़ाने का लक्ष्य रखता है, आनंद राठी वेल्थ के फ़िरोज़ अज़ीज़ के अनुसार। हालांकि यह पेपर निवेशकों के लिए एक्सपेंस रेशियो को बहुत कम नहीं करेगा, यह HDFC AMC और Nippon India AMC जैसी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) की कमाई को प्रभावित कर सकता है। जेफ़रीज़ की एक रिपोर्ट बताती है कि इक्विटी एग्जिट लोड में प्रस्तावित कटौती से उनके FY27 के प्रॉफिट बिफोर टैक्स (PBT) में 30-33% की कमी आ सकती है।

Detailed Coverage :

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने म्यूचुअल फंड नियमों में महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव देने वाला एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है। आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ, फ़िरोज़ अज़ीज़, इस पेपर को सकारात्मक रूप से देखते हैं, और निवेशकों के लिए एक्सपेंस रेशियो में भारी कटौती के बजाय, इसे आवश्यक पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हैं। अज़ीज़ ने समझाया कि खर्चों को अनबंडल (अलग-अलग करके) करके, जैसे कि सांविधिक शुल्कों (statutory levies) को टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) से बाहर रखना, SEBI इस बात पर अधिक स्पष्टता प्रदान करेगा कि निवेशक किस चीज़ के लिए भुगतान कर रहे हैं। इससे वितरकों (distributors) के लिए वितरण योग्य TER को समझना आसान हो जाएगा।

हालांकि, जेफ़रीज़ की एक रिपोर्ट में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) की कमाई के लिए संभावित जोखिमों पर प्रकाश डाला गया है यदि यह पेपर लागू होता है। सबसे प्रभावशाली प्रस्ताव इक्विटी एग्जिट लोड को 5 बेसिस पॉइंट तक कम करने का सुझाव है। जेफ़रीज़ का अनुमान है कि अकेले यह बदलाव HDFC एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड और Nippon Life India Asset Management Limited जैसी प्रमुख सूचीबद्ध AMCs के वित्तीय वर्ष 2027 के प्रॉफिट बिफोर टैक्स को लगभग 30-33% तक कम कर सकता है।

अज़ीज़ ने 5 बेसिस पॉइंट के अतिरिक्त खर्च को हटाने के प्रस्ताव को तार्किक बताया, लेकिन वितरकों द्वारा सामना किए जाने वाले परिवर्तनीय लागतों (variable costs) के बारे में SEBI को आगाह किया, यह कहते हुए कि पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं (economies of scale) AMCs की तरह समान रूप से लागू नहीं हो सकती हैं। इन संभावित प्रभावों के बावजूद, अज़ीज़ का मानना है कि नया ढांचा AMCs को फीस पर अधिक आक्रामक तरीके से प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे अंततः निवेशकों को लाभ होगा।

प्रभाव (Impact) यह खबर भारतीय म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लागतों पर अधिक स्पष्टता का वादा करती है और फीस प्रतिस्पर्धा में वृद्धि का कारण बन सकती है। सूचीबद्ध AMCs के लिए, यह लाभप्रदता (profitability) के लिए एक जोखिम प्रस्तुत करती है, विशेष रूप से एग्जिट लोड और व्यय संरचनाओं (expense structures) में प्रस्तावित परिवर्तनों के कारण। भारतीय शेयर बाजार पर समग्र प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि इन प्रस्तावों को कैसे अंतिम रूप दिया जाता है और उद्योग द्वारा अपनाया जाता है। रेटिंग: 7/10

कठिन शब्द (Difficult Terms) SEBI: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, भारत में प्रतिभूति बाजारों का नियामक निकाय। कंसल्टेशन पेपर: प्रस्तावित नीतिगत परिवर्तनों पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया आमंत्रित करने के लिए नियामक द्वारा जारी एक दस्तावेज। एक्सपेंस रेशियो (TER): म्यूचुअल फंड द्वारा अपनी संपत्ति का प्रबंधन करने के लिए लिया जाने वाला कुल वार्षिक शुल्क, जिसे फंड की नेट संपत्ति के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। सांविधिक शुल्क (Statutory levies): कानून द्वारा लगाए गए कर या आधिकारिक शुल्क। अनबंडलिंग कॉस्ट्स (Unbundling costs): कुल लागत के विभिन्न घटकों को अलग-अलग दिखाना। ब्रोकरेज कैप्स (Brokerage caps): ब्रोकर्स या वितरकों को दिए जा सकते हैं fees पर निर्धारित सीमाएं। इक्विटी एग्जिट लोड (Equity exit loads): इक्विटी म्यूचुअल फंड इकाइयों को एक निर्दिष्ट अवधि के भीतर भुनाने (बेचने) पर निवेशक द्वारा लिया जाने वाला शुल्क। बेसिस पॉइंट्स (bps): एक प्रतिशत बिंदु के सौवें भाग (0.01%) के बराबर माप की इकाई। प्रॉफिट बिफोर टैक्स (PBT): कंपनी का लाभ जिसकी गणना आयकर व्यय को ध्यान में रखने से पहले की जाती है। इकोनॉमीज ऑफ स्केल (Economies of scale): बढ़ी हुई मात्रा या उत्पादन के कारण प्राप्त लागत लाभ। एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs): ग्राहकों की ओर से निवेश फंड का प्रबंधन करने वाली फर्में। वितरक (Distributors): निवेशकों को म्यूचुअल फंड जैसे वित्तीय उत्पाद बेचने वाले व्यक्ति या संस्थाएं।