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भारतीय बाजारों में लचीलापन दिखा: अस्थिरता के बीच SIP निवेशकों ने लंप-सम निवेशकों को पीछे छोड़ा

Mutual Funds

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28th October 2025, 12:45 PM

भारतीय बाजारों में लचीलापन दिखा: अस्थिरता के बीच SIP निवेशकों ने लंप-सम निवेशकों को पीछे छोड़ा

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Short Description :

पिछले साल भारतीय इक्विटी बाजार में काफी अस्थिरता देखी गई, जिसमें बेंचमार्क इंडेक्स 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गए और फिर 19% से अधिक की तेजी दर्ज की। इस रिकवरी के बावजूद, समग्र वार्षिक वृद्धि मामूली रही। खास बात यह है कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIPs) ने लंप-सम निवेशों (20% से कम) की तुलना में बेहतर रिटर्न (20-25%) दिया, जिसका श्रेय बाजार में गिरावट के दौरान रुपया लागत औसत (rupee cost averaging) को जाता है। SIP की लोकप्रियता बढ़ रही है, मासिक इनफ्लो 29,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है और सक्रिय SIP खातों की संख्या रिकॉर्ड 9.73 करोड़ तक पहुंच गई है।

Detailed Coverage :

भारतीय शेयर बाजार ने एक उतार-चढ़ाव भरा साल पार किया है, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने साल की शुरुआत में अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर को छुआ था। हालांकि, सकारात्मक घरेलू और वैश्विक कारकों के समर्थन से इन निम्न स्तरों से 19% से अधिक की मजबूत वापसी देखी गई है। इस रिकवरी के बावजूद, बेंचमार्क सूचकांकों की एक साल की वृद्धि लगभग 6% ही रही, जो बाजार की अस्थिरता को दर्शाती है। इस उथल-पुथल ने इक्विटी म्यूचुअल फंडों को भी प्रभावित किया, जिसमें लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप जैसी अधिकांश श्रेणियों ने पिछले वर्ष लगभग 6% का रिटर्न दिया। केवल कुछ सेक्टरल फंड ही डबल-डिजिट रिटर्न हासिल कर पाए। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन निवेशकों ने सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIPs) का उपयोग किया, उन्हें काफी बेहतर परिणाम मिले, जिसमें एक दर्जन से अधिक फंडों ने SIP मोड में 20-25% रिटर्न दिया, जो किसी भी लंप-सम निवेश से संभव नहीं हो पाया। यह बेहतर प्रदर्शन रुपया लागत औसत (rupee cost averaging) के कारण है, जो SIPs की एक प्रमुख विशेषता है, जहां बाजार में गिरावट के दौरान कम कीमतों पर नियमित निवेश से अधिक यूनिट जमा होते हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, SIPs की लोकप्रियता बढ़ रही है, मासिक इनफ्लो 29,000 करोड़ रुपये से अधिक हो रहा है और कुल SIP खातों की संख्या 9.73 करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है, जो दर्शाता है कि भारत में धन सृजन के लिए SIPs एक पसंदीदा मार्ग बनता जा रहा है। शीर्ष प्रदर्शन करने वाले फंड जैसे इन्वेस्को इंडिया मिड कैप फंड (25.71% SIP रिटर्न), एसबीआई बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड (25.14% SIP रिटर्न), और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल रिटायरमेंट फंड – प्योर इक्विटी प्लान (24.19% SIP रिटर्न) अस्थिर अवधियों के दौरान अनुशासित, लगातार निवेश के लाभों को दर्शाते हैं। प्रभाव: यह समाचार भारतीय निवेशकों के लिए अत्यंत प्रासंगिक है क्योंकि यह बाजार की अस्थिरता को प्रबंधित करने और लंप-सम निवेशों की तुलना में बेहतर रिटर्न प्राप्त करने में SIP निवेश रणनीतियों की प्रभावशीलता को रेखांकित करता है। यह अनुशासित निवेश और बाजार में गिरावट के दौरान निवेशित रहने के महत्व को पुष्ट करता है। SIPs में वृद्धि भारत में खुदरा निवेशक आधार के परिपक्व होने का संकेत देती है। भारतीय शेयर बाजार पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि यह इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निरंतर निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित करता है, जिससे स्थिरता और विकास की क्षमता मिलती है। रेटिंग: 8/10