FY26 में भारत की पैसिव म्यूचुअल फंड योजनाओं में शुद्ध प्रवाह (net inflows) धीमा पड़ गया है, जो पिछले साल की तुलना में 17% कम है। यह एक बदलाव का संकेत देता है क्योंकि निवेशक अब सक्रिय रूप से प्रबंधित (actively-managed) फंड पसंद कर रहे हैं, जो बाजार से अधिक रिटर्न की तलाश में हैं। पैसिव योजनाओं के लिए नई फंड पेशकशों (NFOs) में भी भारी गिरावट देखी गई है। हालांकि संस्थागत अपनाने (institutional adoption) के कारण कम लागत वाले पैसिव उत्पादों का दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है, खुदरा निवेशक सक्रिय प्रबंधन से अल्फा (alpha) की क्षमता की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।