Mutual Funds
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Updated on 12 Nov 2025, 12:39 pm
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team

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नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) वित्तीय सेवा क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए तैयार है, जिसके बोर्ड ने एक इलेक्ट्रॉनिक म्यूचुअल फंड वितरण प्लेटफॉर्म विकसित करने को मंजूरी दे दी है। यह रणनीतिक पहल, जिसके लिए अंतिम नियामक मंजूरी की आवश्यकता है, NCDEX को BSE StAR MF प्लेटफॉर्म और NSE के NMF प्लेटफॉर्म जैसे स्थापित खिलाड़ियों के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा में खड़ा करती है। यह विस्तार NCDEX के पारंपरिक कमोडिटी डेरिवेटिव्स पर ध्यान केंद्रित करने से एक महत्वपूर्ण विविधीकरण को दर्शाता है। इसके अलावा, NCDEX भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के साथ सहयोग करके डेरिवेटिव उत्पादों में नवाचार (innovation) को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहा है। इस वर्ष की शुरुआत में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन (MoU) ने भारत के पहले वेदर डेरिवेटिव्स लॉन्च करने की नींव रखी है। इन साधनों का उद्देश्य किसानों और संबद्ध क्षेत्रों को मौसम-संबंधी वित्तीय जोखिमों, जिनमें अप्रत्याशित वर्षा पैटर्न और अत्यधिक तापमान शामिल हैं, से बचाव के लिए महत्वपूर्ण साधन प्रदान करना है, जिसके लिए IMD के व्यापक मौसम डेटा का लाभ उठाया जाएगा। इन वेदर डेरिवेटिव्स के लॉन्च की समय-सीमा अभी भी अनिश्चित है, क्योंकि उत्पाद विकास और मानसून चक्रों के विरुद्ध कठोर परीक्षण नियामक मंजूरी मांगने से पहले आवश्यक हैं। Impact: यह विकास भारतीय वित्तीय बाजार के लिए महत्वपूर्ण है, जो म्यूचुअल फंड वितरण में नई प्रतिस्पर्धा पेश कर रहा है और मौसम-आधारित जोखिम प्रबंधन उपकरणों में अग्रणी है। इससे फंड वितरण में अधिक दक्षता आ सकती है और कृषि क्षेत्र को महत्वपूर्ण समर्थन मिल सकता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से कमोडिटी बाजारों और समग्र आर्थिक स्थिरता को प्रभावित करेगा। रेटिंग: 7/10। Terms: वेदर डेरिवेटिव्स (Weather Derivatives): ये वित्तीय अनुबंध हैं जिनका मूल्य मौसम-संबंधी घटना, जैसे तापमान, वर्षा, या बर्फबारी से प्राप्त होता है। इनका उपयोग व्यवसायों और किसानों द्वारा प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाव (hedge) करने के लिए किया जाता है।