Media and Entertainment
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Updated on 14th November 2025, 4:06 AM
Author
Satyam Jha | Whalesbook News Team
भारतीय सरकार ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के लिए नए नियम लाने पर विचार कर रही है ताकि टीवी चैनल लैंडिंग पेजों के लिए अलग ऑडियो वॉटरमार्किंग का इस्तेमाल किया जा सके। इसका उद्देश्य उन चैनलों को दर्शकों की संख्या कृत्रिम रूप से बढ़ाने से रोकना है जो टीवी चालू होते ही स्वचालित रूप से दिखाई देते हैं। यह कदम सटीक दर्शक माप, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और टेलीविजन विज्ञापन उद्योग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए है।
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सूचना और प्रसारण मंत्रालय, ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) को टेलीविज़न "लैंडिंग पेजों" के लिए एक अलग ऑडियो वॉटरमार्किंग लागू करने का निर्देश देने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में, BARC ब्रॉडकास्ट फीड्स में एम्बेडेड सुनाई न देने वाले ऑडियो कोड्स का उपयोग करके व्यूअरशिप मापता है। हालांकि, मौजूदा सिस्टम यह भेद नहीं कर पाता कि चैनल दर्शक द्वारा जानबूझकर चुना गया है या सेट-टॉप बॉक्स या टेलीविज़न चालू करने पर लैंडिंग पेज के रूप में स्वचालित रूप से चल रहा है। इस खामी का फायदा कुछ ब्रॉडकास्टरों ने, विशेष रूप से समाचार और इन्फोटेनमेंट शैलियों में, अपनी रेटिंग्स को कृत्रिम रूप से बढ़ाने और इस प्रकार अधिक विज्ञापन राजस्व आकर्षित करने के लिए उठाया है। प्रस्तावित बदलाव का मतलब होगा कि लैंडिंग पेजों पर एक अलग, पहचानने योग्य वॉटरमार्क होगा। इससे BARC को आधिकारिक रेटिंग्स से ऐसी "अनिवार्य दर्शक संख्या" (forced viewership) की पहचान करने और उसे बाहर करने की अनुमति मिलेगी, जिससे अधिक सटीक दर्शक डेटा प्राप्त होगा। उद्योग विशेषज्ञों का सुझाव है कि यह कदम लैंडिंग पेजों को दर्शक संख्या बढ़ाने वाले के रूप में उपयोग करने की प्रथा को प्रभावी ढंग से समाप्त कर देगा, क्योंकि चैनल विज्ञापनदाताओं के सामने अनिवार्य प्रदर्शन के लिए उजागर होंगे, न कि वास्तविक दर्शक जुड़ाव के लिए। यह प्रथा, जो केबल प्लेटफार्मों पर प्रचलित है और ब्रॉडकास्टर खर्चों में सालाना 100 करोड़ रुपये से अधिक की है, उन विज्ञापनदाताओं के लिए लंबे समय से चिंता का विषय रही है जो दर्शक माप डेटा के आधार पर टीवी विज्ञापन में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित करते हैं। मंत्रालय BARC के पैनल के आकार को बढ़ाकर 120,000 घरों तक विस्तारित करने का भी प्रस्ताव कर रहा है। **Impact**: यह नियामक हस्तक्षेप सीधे भारतीय मीडिया और विज्ञापन उद्योग को प्रभावित करता है, जिसका लक्ष्य दर्शक माप में अधिक पारदर्शिता और सटीकता लाना है। इससे वास्तविक दर्शक संख्या के आधार पर विज्ञापन बजटों का पुन: आवंटन हो सकता है, जो उन चैनलों की राजस्व धाराओं को प्रभावित करेगा जो बढ़ी हुई संख्याओं पर निर्भर थे। यदि ब्रॉडकास्टरों की बढ़ी हुई संख्या को ठीक किया जाता है, तो उन्हें विज्ञापन दरों में कमी दिख सकती है, जबकि विज्ञापनदाताओं को अधिक कुशल विज्ञापन व्यय से लाभ हो सकता है। यह कदम कनेक्टेड टीवी प्लेटफार्मों पर आधुनिक माप तकनीकों को व्यापक रूप से अपनाने के लिए भी प्रेरित करता है। इस विनियमन से निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बढ़ने और प्रणाली में विज्ञापनदाताओं का विश्वास बढ़ने की उम्मीद है। **Difficult Terms**: * **Audio Watermarking**: एक तकनीक जो ऑडियो सिग्नल में एक अनूठा, अक्सर सुनाई न देने वाला, डिजिटल कोड एम्बेड करती है। इस कोड का उपयोग स्रोत की पहचान करने, सामग्री को ट्रैक करने या प्रामाणिकता सत्यापित करने के लिए किया जा सकता है। इस संदर्भ में, इसका उपयोग दर्शक माप के लिए प्रसारण सामग्री को टैग करने के लिए किया जाता है। * **Landing Pages**: टेलीविज़न प्रसारण में, ये वे चैनल हैं जो सेट-टॉप बॉक्स या टीवी चालू होने पर, दर्शक द्वारा चैनल चुनने से पहले, स्वचालित रूप से दिखाई देते हैं। चैनलों को स्वचालित, संक्षिप्त प्रदर्शन के लिए इन स्लॉट पर रखने के लिए भुगतान करना पड़ता है। * **Viewership Numbers/Ratings**: यह डेटा दर्शाता है कि कितने लोग किसी विशेष टीवी चैनल या कार्यक्रम को देख रहे हैं। विज्ञापन दरें निर्धारित करने के लिए ये संख्याएँ महत्वपूर्ण हैं। * **Peoplemeters**: नमूना घरों में स्थापित उपकरण जो रिकॉर्ड करते हैं कि कौन से टीवी चैनल देखे जा रहे हैं। * **Set Top Box (STB)**: डिजिटल टेलीविजन सिग्नल प्राप्त करने और डिकोड करने के लिए उपयोग किया जाने वाला उपकरण। * **DTH Operators**: डायरेक्ट-टू-होम सैटेलाइट टेलीविजन सेवा प्रदाता। * **Linear Television**: पारंपरिक प्रसारण टेलीविजन, जहाँ दर्शक निर्धारित समय पर कार्यक्रम देखते हैं। * **Connected TV Platforms**: स्मार्ट टीवी या ऐसे डिवाइस जो स्ट्रीमिंग और इंटरनेट-आधारित सामग्री की अनुमति देते हैं।