Law/Court
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Updated on 13 Nov 2025, 05:56 am
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मनोज गौर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। एजेंसी ने उन पर घर खरीदारों से धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। यह गिरफ्तारी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तब हुई है जब जेपी इंफ्राटेक की बिक्री प्रक्रिया सक्रिय रूप से चल रही है। कंपनी दिवालियापन की कार्यवाही से गुजर रही है, और बिक्री के माध्यम से इसका समाधान हजारों घर खरीदारों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है जो कब्जे का इंतजार कर रहे हैं। प्रभाव इस घटनाक्रम से जेपी इंफ्राटेक की चल रही बिक्री प्रक्रिया पर ग्रहण लगने की उम्मीद है। इससे देरी हो सकती है, संभावित खरीदारों के साथ बातचीत बाधित हो सकती है, और बिक्री के मूल्यांकन या शर्तों पर भी असर पड़ सकता है। घर खरीदारों के लिए, यह पहले से ही लंबी समाधान प्रक्रिया में अनिश्चितता की एक और परत जोड़ता है। यह मूल कंपनी, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के स्टॉक प्रदर्शन को भी प्रभावित कर सकता है, क्योंकि निवेशक अपनी सहायक कंपनी से जुड़े कानूनी मुद्दों पर प्रतिक्रिया करते हैं।