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अनिल अंबानी को ED का समन: 100 करोड़ रुपये की हाईवे मिस्ट्री क्या है?

Law/Court

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Updated on 14th November 2025, 5:39 AM

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Author

Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team

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Crux:

रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने जयपुर-रींगस हाईवे प्रोजेक्ट से जुड़े कथित 100 करोड़ रुपये के अवैध विदेशी फंड ट्रांसफर की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष वर्चुअली पेश होने का अनुरोध किया है। उन्होंने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) की जांच में पूरा सहयोग करने का वादा किया है, जबकि उनके प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि मूल अनुबंध घरेलू था और इसमें विदेशी मुद्रा का कोई तत्व शामिल नहीं था।

अनिल अंबानी को ED का समन: 100 करोड़ रुपये की हाईवे मिस्ट्री क्या है?

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Stocks Mentioned:

Reliance Infrastructure Ltd.

Detailed Coverage:

रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से एक निर्धारित बैठक के लिए वर्चुअली उपस्थित होने की औपचारिक अनुमति मांगी है। यह समन फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत एक चल रही जांच का हिस्सा है, जो जयपुर-रींगस हाईवे प्रोजेक्ट से जुड़े लगभग 100 करोड़ रुपये के अवैध विदेशी फंड ट्रांसफर के आरोपों से संबंधित है। अंबानी के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर एजेंसी के साथ पूर्ण सहयोग करने की अपनी मंशा की पुष्टि की है। एक बयान में यह स्पष्ट किया गया कि फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) का यह मामला 2010 का है और यह रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा जेआर टोल रोड के निर्माण के लिए दिए गए एक घरेलू इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) अनुबंध से संबंधित है। बयान पर जोर दिया गया कि इस अनुबंध में कोई विदेशी मुद्रा घटक नहीं था, और निर्मित राजमार्ग 2021 से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के प्रबंधन में है। यह भी उल्लेख किया गया कि अनिल अंबानी ने अप्रैल 2007 से मार्च 2022 तक रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के बोर्ड में एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य किया था, लेकिन वर्तमान में वे ऐसी कोई स्थिति नहीं रखते हैं और दैनिक संचालन में शामिल नहीं थे। प्रभाव: यह खबर अनिल अंबानी और व्यापक रिलायंस समूह से जुड़ी कंपनियों के प्रति निवेशक की भावना को प्रभावित कर सकती है, जो प्रवर्तन निदेशालय की जांच की प्रगति और निष्कर्षों पर निर्भर करेगा। रेटिंग: 5/10। कठिन शब्दों की व्याख्या: प्रवर्तन निदेशालय (ED): भारत सरकार की एक कानून प्रवर्तन एजेंसी जो आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराधों से लड़ने के लिए जिम्मेदार है। फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA): विदेशी मुद्रा प्रबंधन से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करने के लिए अधिनियमित एक भारतीय कानून। EPC अनुबंध: इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन अनुबंध, जिसमें एक एकल ठेकेदार किसी परियोजना के डिजाइन, खरीद और निर्माण को संभालता है। हवाला: धन हस्तांतरण की एक अवैध प्रणाली, जिसमें अक्सर नकद लेनदेन शामिल होते हैं, जो आधिकारिक बैंकिंग चैनलों को दरकिनार करती है।


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