Law/Court
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Updated on 14th November 2025, 9:33 AM
Author
Abhay Singh | Whalesbook News Team
अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस ने Q2FY26 के लिए 2,701 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया है, जो Q2FY25 में 2,282 करोड़ रुपये और Q1FY26 में 2,558 करोड़ रुपये से अधिक है। कंपनी का राजस्व 87 करोड़ रुपये रहा। जून 2019 से कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया के अधीन, कंपनी के मामलों का प्रबंधन एक समाधान पेशेवर (Resolution Professional) कर रहा है। इसके अतिरिक्त, अनिल अंबानी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) की जांच के संबंध में तलब किया है, और एक अलग मामले में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की गई है।
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रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह का हिस्सा, रिलायंस कम्युनिकेशंस ने वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2FY26) के लिए 2,701 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया है। यह पिछले वित्तीय वर्ष की समान तिमाही (Q2FY25) में दर्ज 2,282 करोड़ रुपये के शुद्ध घाटे और पिछली तिमाही (Q1FY26) में 2,558 करोड़ रुपये के घाटे की तुलना में घाटे में वृद्धि दर्शाता है। तिमाही के लिए कंपनी का राजस्व मात्र 87 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।\n\nयह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस 28 जून, 2019 से कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (Corporate Insolvency Resolution Process) के अधीन है। इसके संचालन, व्यवसाय और संपत्तियों का प्रबंधन वर्तमान में अनीश निरंजन ननावटी कर रहे हैं, जो नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, मुंबई बेंच द्वारा नियुक्त समाधान पेशेवर (Resolution Professional) के रूप में कार्य करते हैं। निदेशक मंडल (board of directors) के पास पहले के सभी अधिकार अब उनमें निहित हैं।\n\nमामलों को और जटिल बनाते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत एक जांच के संबंध में तलब किया है। एक अलग कार्रवाई में, ED ने 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को भी अस्थायी रूप से कुर्क किया है।\n\nप्रभाव:\nयह खबर रिलायंस कम्युनिकेशंस की निरंतर वित्तीय संकट और इसके प्रमोटर, अनिल अंबानी पर चल रही नियामक जांच को उजागर करती है। हालांकि कंपनी दिवालियापन (insolvency) में है और उसके शेयर का प्रदर्शन काफी सीमित है, ये घटनाक्रम रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के आसपास की व्यापक भावना को प्रभावित कर सकते हैं और संभावित आगे की कानूनी और वित्तीय चुनौतियों का संकेत दे सकते हैं। ED की कार्रवाई, भले ही FEMA से संबंधित हों, अनिश्चितता पैदा कर सकती हैं। रेटिंग: 4/10।\n\n**कठिन शब्दों का स्पष्टीकरण:**\nविदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA): भारत में बाहरी व्यापार और भुगतान को सुविधाजनक बनाने के लिए अधिनियमित एक कानून, और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के व्यवस्थित विकास और रखरखाव को बढ़ावा देना।\nकॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (CIRP): इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 के तहत कॉर्पोरेट देनदारों के समाधान के लिए एक समयबद्ध प्रक्रिया।\nसमाधान पेशेवर (RP): इंसॉल्वेंसी समाधान प्रक्रिया के दौरान कॉर्पोरेट देनदार के मामलों का प्रबंधन करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा नियुक्त एक व्यक्ति।