Law/Court
|
Updated on 13 Nov 2025, 11:09 am
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने दिल्ली की एक अदालत में मानहानि का मामला शुरू किया है, जिसमें कोबरापोस्ट, बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड ('द इकोनॉमिक टाइम्स' और 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के प्रकाशक), और लाइव मीडिया एंड पब्लिशर्स प्राइवेट लिमिटेड को निशाना बनाया गया है, साथ ही जॉन डो (अज्ञात) के तौर पर पहचाने गए प्रतिवादियों को भी शामिल किया गया है। करकरडूमा कोर्ट में सीनियर सिविल जज विवेक बेनीवाल द्वारा सुनी गई इस कानूनी कार्रवाई का उद्देश्य 30 अक्टूबर की कोबरापोस्ट रिपोर्ट का जवाब देना है। इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने 2006 से अपनी कंपनियों से फंड की हेराफेरी कर ₹41,921 करोड़ से अधिक की वित्तीय धोखाधड़ी की है। अंबानी की कानूनी टीम का तर्क है कि इन आरोपों, जिन्हें 'द इकोनॉमिक टाइम्स' जैसे अन्य प्रकाशनों ने भी कवर किया है, ने उनकी प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। विस्तृत आदेश लंबित है, और अगली सुनवाई 17 नवंबर के लिए निर्धारित है। Impact यह खबर मुख्य रूप से अनिल अंबानी और उनके समूह की प्रतिष्ठा को प्रभावित करती है, साथ ही इसमें शामिल मीडिया संस्थाओं को भी। यदि आरोप अधिक जोर पकड़ते हैं या कानूनी कार्यवाही लंबी खिंचती है, तो यह रिलायंस ग्रुप की कंपनियों के प्रति निवेशक भावना को प्रभावित कर सकती है। हालांकि यह सीधे तौर पर स्टॉक की कीमतों में तत्काल हलचल पैदा नहीं करती है, लेकिन यह प्रतिष्ठा संबंधी जोखिम और कानूनी अनिश्चितता पैदा करती है। Rating: 5/10 Difficult Terms: Defamation (मानहानि): किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को चोट पहुँचाने वाले बयान का संचार करना। Senior Civil Judge (सीनियर सिविल जज): एक न्यायाधीश जो जिला अदालत में दीवानी मामलों की अध्यक्षता करता है, अक्सर महत्वपूर्ण मौद्रिक मूल्य या कानूनी जटिलता वाले मामलों को संभालता है। John Doe parties (जॉन डो पक्ष): कानूनी कार्यवाही में उपयोग किए जाने वाले प्लेसहोल्डर नाम जब किसी प्रतिवादी की वास्तविक पहचान अज्ञात हो या आसानी से निर्धारित न की जा सके।