Law/Court
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29th October 2025, 11:44 AM

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दिल्ली हाई कोर्ट ने चीनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट, DeepSeek से उत्पन्न होने वाले मुद्दों से निपटने के लिए अपनी योजनाओं के संबंध में केंद्र सरकार से औपचारिक रूप से सवाल किया है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायाधीश तुषार राव गेडेला की एक डिवीजन बेंच ने सरकार के वकील को इस मामले पर निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया।
अदालत ने इन चिंताओं को शुरुआती चरण में निपटाने के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे शुरुआती चरण में ही निपटाने की आवश्यकता है।"
यह प्रश्न अधिवक्ता भावना शर्मा द्वारा दायर एक जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के दौरान पूछा गया था। याचिका में यह महत्वपूर्ण चिंताएं उठाई गई हैं कि DeepSeek जैसे प्लेटफार्म व्यक्तिगत गोपनीयता और सुरक्षा का उल्लंघन कर सकते हैं, और भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। सुश्री शर्मा ने ऐसे AI उपकरणों तक पहुंच को अवरुद्ध करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की मांग की है।
हाई कोर्ट ने पहले भी सरकार से इस मुद्दे पर निर्देश प्राप्त करने के लिए कहा था और अब उसके वकील को एक विस्तृत योजना प्रस्तुत करने के लिए समय दिया है। मामले को समान मुद्दों से संबंधित अन्य मामलों के साथ सुना जाएगा।
प्रभाव: इस न्यायिक जांच से भारत में AI चैटबॉट्स, विशेष रूप से विदेशी संस्थाओं द्वारा विकसित किए गए, को नियंत्रित करने वाले नए नियमों और नीतियों का विकास हो सकता है। यह डेटा गोपनीयता कानूनों, AI से संबंधित राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल और देश में AI को अपनाने और विकसित करने के व्यापक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है। रेटिंग: 8/10।