IPO
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Updated on 10 Nov 2025, 05:14 pm
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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ग्रो (Groww) के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें 17.6 गुना सब्सक्रिप्शन मिले और कंपनी का वैल्यूएशन अनुमानित 61,700 करोड़ रुपये (लगभग 7 अरब डॉलर) तक पहुंच गया है। इससे यह इस साल का सबसे बड़ा फिनटेक पब्लिक फ्लोट (public float) बन गया है। सह-संस्थापक हर्ष जैन ने कहा कि आईपीओ (IPO) की प्रतिक्रिया उम्मीदों से ज़्यादा थी और यह ग्राहक भरोसे को मान्य करती है। ग्रो (Groww), जिसने 2016 में म्यूचुअल फंड पर ध्यान केंद्रित करके शुरुआत की थी, अब एक टेक-फर्स्ट इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म (tech-first investment platform) है। कंपनी ने Q1 FY26 के लिए अपने बॉटम लाइन (शुद्ध लाभ) में 12% की साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की है, जो 378.4 करोड़ रुपये रही। भविष्य में वृद्धि स्टॉक्स, डेरिवेटिव्स, ईटीएफ (ETFs), और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) तथा अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) जैसे वेल्थ प्रोडक्ट्स (wealth products) में विविधीकरण (diversification) से प्रेरित होगी, जो बाज़ार के रुझानों के बजाय ग्राहक मांग पर आधारित होगी। ग्रो (Groww) का लक्ष्य स्थायी रूप से स्केल (scale sustainably) करना है, जिसमें उपयोगकर्ता प्रतिधारण (user retention) पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और व्यापक श्रेणी के निवेशकों को सेवा प्रदान करने के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। Impact: यह खबर भारतीय शेयर बाजार को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है क्योंकि यह फिनटेक कंपनियों के लिए मजबूत निवेशक रुचि को उजागर करती है। यह भविष्य के टेक आईपीओ (IPOs) के लिए एक सकारात्मक मिसाल (precedent) कायम करती है और भारत के डिजिटल निवेश प्लेटफार्मों की विकास क्षमता को मान्य करती है। सफल लिस्टिंग से इस क्षेत्र में अधिक पूंजी आकर्षित हो सकती है और सूचीबद्ध फिनटेक साथियों (peers) के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। Rating: 8/10
Difficult Terms: आईपीओ (IPO - Initial Public Offering): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार जनता को स्टॉक शेयर बेचती है। फिनटेक (Fintech): फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी, वे कंपनियाँ जो वित्तीय सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करती हैं। वैल्यूएशन (Valuation): किसी कंपनी का अनुमानित मूल्य। पी/ई मल्टीपल (P/E multiple - Price-to-Earnings ratio): एक वैल्यूएशन अनुपात जो किसी कंपनी के शेयर मूल्य की तुलना उसके प्रति शेयर आय से करता है। म्यूचुअल फंड (Mutual Fund): एक निवेश वाहन जो कई निवेशकों से पैसा इकट्ठा करके स्टॉक, बॉन्ड, या मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स जैसी प्रतिभूतियाँ खरीदता है। एसआईपी (SIP - Systematic Investment Plan): म्यूचुअल फंड में नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि का निवेश करने की एक विधि। ईटीएफ (ETFs - Exchange-Traded Funds): एक प्रकार की प्रतिभूति जो एक इंडेक्स, सेक्टर, कमोडिटी, या अन्य संपत्ति को ट्रैक करती है, लेकिन जिसे एक नियमित स्टॉक की तरह स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदा या बेचा जा सकता है। एमटीएफ (MTF - Margin Trading Facility): एक सुविधा जहाँ निवेशक अपनी मौजूदा होल्डिंग्स के विरुद्ध अपने ब्रोकर से धन उधार लेकर, प्रतिभूतियों का व्यापार कर सकते हैं। पीएमएस (PMS - Portfolio Management Services): एक पेशेवर सेवा जहाँ एक पोर्टफोलियो प्रबंधक ग्राहक के निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करता है। एआईएफ (AIFs - Alternative Investment Funds): ऐसे फंड जो मान्यता प्राप्त निवेशकों या संस्थागत निवेशकों से धन इकट्ठा करके हेज फंड, प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल जैसे वैकल्पिक निवेशों में निवेश करते हैं। आरईआईटी (REITs - Real Estate Investment Trusts): वे कंपनियाँ जो आय-उत्पादक अचल संपत्ति का स्वामित्व, संचालन या वित्तपोषण करती हैं। HNI (High Net Worth Individual): उच्च निवल मूल्य वाला व्यक्ति, जिसे आमतौर पर एक निश्चित सीमा से ऊपर की निवेश योग्य संपत्ति रखने वाले के रूप में परिभाषित किया जाता है। FY (Fiscal Year): एक 12 महीने की लेखा अवधि जिसका उपयोग कंपनी वित्तीय रिपोर्टिंग के लिए करती है। Q1 (First Quarter): कंपनी के वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (तीन महीने की अवधि)। F&O (Futures and Options): वित्तीय डेरिवेटिव्स अनुबंधों के प्रकार। सेबी (SEBI - Securities and Exchange Board of India): भारत में प्रतिभूति बाजार के लिए नियामक निकाय।