IPO
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Updated on 05 Nov 2025, 11:37 am
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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भारत के प्राइमरी मार्केट ने अक्टूबर 2025 में एक अभूतपूर्व मील का पत्थर हासिल किया, 14 मेनबोर्ड इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (IPOs) के माध्यम से ₹44,831 करोड़ जुटाकर एक रिकॉर्ड बनाया। यह आंकड़ा भारत के पूंजी बाजार के इतिहास में दर्ज सबसे अधिक फंडरेज़िंग का प्रतिनिधित्व करता है। इस असाधारण प्रदर्शन को दो बड़े इश्यूज़ से महत्वपूर्ण रूप से गति मिली: टाटा कैपिटल का ₹15,512 करोड़ का IPO, जो हाल ही में वित्तीय क्षेत्र के सबसे बड़े IPOs में से एक है, और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का ₹11,607 करोड़ का डेब्यू, जिसने भारत के उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में मजबूत विश्वास को दर्शाया। विश्लेषक इस उछाल का श्रेय स्थिर सेकेंडरी मार्केट सेंटिमेंट, मजबूत घरेलू लिक्विडिटी और सार्वजनिक होने वाली प्रतिष्ठित कंपनियों की एक पाइपलाइन को देते हैं। यह रिकॉर्ड-तोड़ सिलसिला अक्टूबर 2024 (₹38,690 करोड़) के पिछले उच्च स्तरों को भी पार कर गया है। मजबूत गति जारी रहने की उम्मीद है, जिसमें नवंबर 2025 के लिए रिन्यूएबल एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर, फिनटेक और कंज्यूमर ब्रांड्स जैसे क्षेत्रों में लगभग ₹48,000 करोड़ के IPOs पाइपलाइन में हैं। प्रभाव: यह रिकॉर्ड फंडरेज़िंग भारत के आर्थिक विकास में निवेशकों के मजबूत विश्वास को दर्शाता है। यह कंपनियों को विस्तार के लिए पर्याप्त पूंजी प्रदान करता है, जिससे संभावित रूप से रोजगार और नवाचार को बढ़ावा मिल सकता है, और बाजार की धारणा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। प्रभाव रेटिंग: 8/10। कठिन शब्द: प्राइमरी मार्केट: वह बाज़ार जहाँ कंपनियाँ पूंजी जुटाने के लिए पहली बार नए प्रतिभूतियों (securities) को जारी और बेचती हैं। मेनबोर्ड IPOs: स्थापित कंपनियों द्वारा शेयरों की सार्वजनिक पेशकश जो स्टॉक एक्सचेंजों के मुख्य खंड में सूचीबद्ध हैं। फंडरेज़िंग: पूंजी या धन जुटाने की प्रक्रिया, आमतौर पर किसी व्यवसाय या परियोजना के लिए, प्रतिभूतियों या ऋणों की बिक्री के माध्यम से। दलाल स्ट्रीट: मुंबई में शेयर बाजारों को संदर्भित करने वाले भारत के वित्तीय जिले का उपनाम। विश्वसनीयता (Credibility): विश्वास करने और भरोसा करने की गुणवत्ता, जो अक्सर प्रतिष्ठा से जुड़ी होती है। सेकेंडरी मार्केट: वह बाज़ार जहाँ मौजूदा प्रतिभूतियाँ उनके प्रारंभिक निर्गम के बाद निवेशकों के बीच कारोबार करती हैं। लिक्विडिटी (तरलता): वह आसानी जिसके साथ किसी संपत्ति को उसकी कीमत को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किए बिना बाज़ार में खरीदा या बेचा जा सकता है। इश्यूअर्स (Issuers): कंपनियाँ या संस्थाएँ जो पूंजी जुटाने के लिए प्रतिभूतियाँ बेचने की पेशकश करती हैं। फिनटेक (Fintech): वित्तीय सेवाओं को नए तरीकों से, अक्सर ऑनलाइन, वितरित करने के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीक। SME (Small and Medium-sized Enterprises): छोटे और मध्यम आकार के उद्यम, वे व्यवसाय जिनका आकार निश्चित होता है और जो बड़ी निगमों से अलग होते हैं। मेनबोर्ड: स्टॉक एक्सचेंज का प्राथमिक खंड जहाँ बड़ी, अधिक स्थापित कंपनियाँ सूचीबद्ध होती हैं। NSE SME Emerge platform: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का एक विशिष्ट ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म जो स्मॉल एंड मीडियम-साइज़्ड एंटरप्राइजेज की प्रतिभूतियों की लिस्टिंग और ट्रेडिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है।