IPO
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Updated on 07 Nov 2025, 08:56 am
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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पाइन लैब्स के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की शुरुआत धीमी गति से हुई है, जिसमें बोली के पहले कुछ घंटों में केवल 9% सब्सक्रिप्शन हासिल हुआ। दोपहर 13:09 IST तक, पेश किए गए 9.78 करोड़ शेयरों के मुकाबले कुल 88.57 लाख शेयरों के लिए बोलियां आईं। कर्मचारी खंड एकमात्र उज्ज्वल स्थान रहा, जिसने 2.08 गुना ओवरसब्सक्रिप्शन देखा। खुदरा निवेशकों ने कुछ रुचि दिखाई, जिनके कोटे का 40% सब्सक्रिप्शन हुआ, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों (NIIs) का केवल 5% सब्सक्रिप्शन देखा गया। रिपोर्ट लिखे जाने तक योग्य संस्थागत खरीदारों (QIBs) ने कोई बोली नहीं लगाई थी।
IPO का प्राइस बैंड 210 से 221 रुपये प्रति शेयर के बीच निर्धारित है। ऊपरी छोर पर, कुल इश्यू साइज का अनुमान 3,900 करोड़ रुपये लगाया गया है, जो कंपनी का मूल्यांकन लगभग 25,377 करोड़ रुपये (लगभग $2.8 बिलियन) करता है। इस ऑफर में 2,080 करोड़ रुपये तक का ताजा इश्यू (fresh issue) और एक ऑफर फॉर सेल (OFS) घटक शामिल है, जहां पीक XV पार्टनर्स, टेमासेक, पेपैल और मास्टरकार्ड जैसे मौजूदा निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं।
पाइन लैब्स ने सार्वजनिक इश्यू से पहले ही 71 एंकर निवेशकों से 1,753.8 करोड़ रुपये सफलतापूर्वक जुटाए हैं, जिनमें एसबीआई म्यूचुअल फंड और नोमुरा इंडिया जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। ताजे इश्यू से जुटाई गई धनराशि का उपयोग ऋण चुकाने, विदेशी सहायक कंपनियों में निवेश करने और अपनी प्रौद्योगिकी अवसंरचना को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
पाइन लैब्स, जिसकी स्थापना 1998 में हुई थी, विश्व स्तर पर डिजिटल भुगतान समाधान प्रदान करती है। वित्तीय मोर्चे पर, कंपनी ने Q1 FY26 में 4.8 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो एकमुश्त कर क्रेडिट (tax credit) की सहायता से उसका पहला लाभदायक तिमाही था। पिछले वर्ष की इसी अवधि में 27.9 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। Q1 FY26 में परिचालन राजस्व (operating revenue) साल-दर-साल (YoY) लगभग 18% बढ़कर 615.9 करोड़ रुपये हो गया। FY25 में, शुद्ध घाटा 57% घटकर 145.4 करोड़ रुपये रहा, जबकि परिचालन राजस्व 28% बढ़कर 2,274.3 करोड़ रुपये हो गया।
प्रभाव: इस IPO के प्रदर्शन पर भारतीय फिनटेक क्षेत्र और व्यापक प्राथमिक बाजार द्वारा बारीकी से नजर रखी जाएगी। एक सफल लिस्टिंग से प्रौद्योगिकी और भुगतान समाधान कंपनियों में निवेशकों का विश्वास बढ़ सकता है, जिससे मूल्यांकन और भविष्य के IPO पाइपलाइन प्रभावित हो सकते हैं। इसके विपरीत, एक कमजोर शुरुआत आगामी टेक IPOs के लिए उत्साह को कम कर सकती है। प्रारंभिक सब्सक्रिप्शन डेटा सतर्क भावना का सुझाव देता है, जो लिस्टिंग के बाद स्टॉक पर दबाव डाल सकता है यदि इसमें सुधार नहीं होता है। प्रभाव रेटिंग: 7/10।
कठिन शब्द: IPO (Initial Public Offering): पहली बार जब कोई निजी कंपनी पूंजी जुटाने के लिए अपने शेयर जनता को पेश करती है। OFS (Offer for Sale): मौजूदा शेयरधारक नए निवेशकों को अपने शेयर बेचते हैं। Anchor Investors: बड़े संस्थागत निवेशक जो IPO खुलने से पहले शेयर खरीदने की प्रतिबद्धता करते हैं, स्थिरता प्रदान करते हैं। Subscription: वह अनुपात जो दर्शाता है कि निवेशकों द्वारा पेश किए गए शेयरों के लिए कितनी बार आवेदन किया गया है। Price Band: कंपनी द्वारा निर्धारित सीमा जिसके भीतर उसके शेयर IPO के दौरान पेश किए जाएंगे। Valuation: किसी कंपनी का अनुमानित कुल मूल्य। FY26 (Fiscal Year 2026): वित्तीय वर्ष जो 1 अप्रैल, 2025 से 31 मार्च, 2026 तक है। FY25 (Fiscal Year 2025): वित्तीय वर्ष जो 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक है। YoY (Year-on-Year): पिछले वर्ष की समान अवधि के वित्तीय डेटा की तुलना। Net Profit: सभी खर्चों, ब्याज और करों को घटाने के बाद बचा हुआ लाभ। Operating Revenue: कंपनी की मुख्य व्यावसायिक गतिविधियों से उत्पन्न आय। Tax Credit: कर देनदारी में कमी, जो अनिवार्य रूप से देय कर की राशि को कम करती है।