IPO
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Updated on 07 Nov 2025, 07:26 am
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
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टेनेको क्लीन एयर इंडिया, जो क्लीन एयर, पावरट्रेन और सस्पेंशन सिस्टम की निर्माता है, अपना IPO लॉन्च करने की तैयारी में है। सब्सक्रिप्शन विंडो बुधवार, 12 नवंबर से शुक्रवार, 14 नवंबर तक खुली रहेगी। एंकर निवेशक आवंटन 11 नवंबर को अंतिम रूप दिया जाएगा।
IPO पूरी तरह से ऑफर-फॉर-सेल (OFS) है, जिसका मतलब है कि मौजूदा प्रमोटर टेनेको मॉरीशस होल्डिंग्स शेयर बेचेगी, और कंपनी को कोई नया फंड नहीं मिलेगा। कुल इश्यू साइज को पहले नियोजित ₹3,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹3,600 करोड़ कर दिया गया है। IPO के लिए प्राइस बैंड ₹378-₹397 प्रति शेयर तय किया गया है, जिसका फेस वैल्यू ₹10 है। खुदरा निवेशक न्यूनतम 37 शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आवंटन में योग्य संस्थागत खरीदारों (QIBs) के लिए 50% तक, गैर-संस्थागत निवेशकों (NIIs) के लिए कम से कम 15%, और खुदरा निवेशकों के लिए कम से कम 35% का प्रावधान है। कंपनी के भारत में 12 विनिर्माण संयंत्र हैं और यह घरेलू और वैश्विक मूल उपकरण निर्माताओं (OEMs) को सेवा प्रदान करती है।
मुख्य तिथियां: एंकर निवेशक आवंटन: 11 नवंबर सब्सक्रिप्शन खुलेगा: 12 नवंबर सब्सक्रिप्शन बंद होगा: 14 नवंबर अलॉटमेंट का आधार: 17 नवंबर रिफंड/डीमैट क्रेडिट: 18 नवंबर अपेक्षित लिस्टिंग तिथि: 19 नवंबर, बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) पर।
प्रमुख मर्चेंट बैंकर जैसे जेएम फाइनेंशियल (JM Financial), सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया (Citigroup Global Markets India), एक्सिस कैपिटल (Axis Capital), और एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया) (HSBC Securities and Capital Markets (India)) इस इश्यू का प्रबंधन कर रहे हैं, जिसमें एमयूएफजी इनटाइम इंडिया (MUFG Intime India) रजिस्ट्रार है।
प्रभाव: यह IPO भारतीय सार्वजनिक बाजार में, विशेष रूप से ऑटो-कंपोनेंट सेक्टर में, एक नई इकाई पेश करता है। एक OFS-भारी इश्यू प्रमोटर के विस्तार के लिए पूंजी जुटाने के बजाय विनिवेश के इरादे का संकेत दे सकता है, जिस पर निवेशकों को ध्यान देना चाहिए। सफल लिस्टिंग अन्य ऑटो-कंपोनेंट शेयरों के प्रति निवेशक की भावना को प्रभावित कर सकती है। रेटिंग: 6/10।
शर्तों की व्याख्या: IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर पेश करती है, और सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन जाती है। OFS (ऑफर-फॉर-सेल): एक प्रकार का IPO जिसमें मौजूदा शेयरधारक पूंजी जुटाने के लिए कंपनी द्वारा नए शेयर जारी करने के बजाय, नए निवेशकों को अपने शेयर बेचते हैं। एंकर निवेशक: बड़े संस्थागत निवेशक जो आम जनता के लिए IPO खुलने से पहले ही एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, जिससे स्थिरता और विश्वास मिलता है। QIBs (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स): बड़े संस्थागत निवेशक जैसे म्यूचुअल फंड, विदेशी संस्थागत निवेशक और पेंशन फंड, जिन्हें भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने की अनुमति है। NIIs (नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स): ऐसे निवेशक जो संस्थागत नहीं हैं लेकिन बड़ी रकम का निवेश करते हैं, आमतौर पर उच्च-नेट-वर्थ वाले व्यक्ति या कॉर्पोरेट निकाय। खुदरा निवेशक: व्यक्तिगत निवेशक जो एक निर्दिष्ट सीमा (आमतौर पर ₹2 लाख) तक शेयरों के लिए आवेदन करते हैं। GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम): IPO की आधिकारिक लिस्टिंग से पहले मांग का एक अनौपचारिक संकेतक, जो अनौपचारिक बाजार में शेयरों के कारोबार की कीमत को दर्शाता है।