IPO
|
Updated on 05 Nov 2025, 05:26 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
▶
क्विक कॉमर्स लीडर ज़ेप्टो ने कथित तौर पर अपनी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की तैयारियां फिर से शुरू कर दी हैं और उम्मीद है कि अगले दो से तीन हफ्तों में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जमा करेगा। फाइलिंग गोपनीय मार्ग (confidential route) के माध्यम से होने की उम्मीद है, जो एक ऐसी प्रक्रिया है जो कंपनियों को शुरू में अपने IPO विवरणों को निजी रखने की अनुमति देती है। प्रस्तावित सार्वजनिक निर्गम (public issue) में $450 मिलियन से $500 मिलियन (लगभग 4,000 करोड़ रुपये से 4,500 करोड़ रुपये) के शेयरों का एक फ्रेश इश्यू (fresh issuance) और इसके शुरुआती निवेशकों (early investors) द्वारा एक ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल होगा। हालाँकि, ये आंकड़े प्रारंभिक हैं और ज़ेप्टो के वित्तीय प्रदर्शन, विशेष रूप से इसके नकदी जलाने की दर (cash burn rate) के आधार पर बदल सकते हैं। कंपनी का लक्ष्य अगले साल जुलाई और सितंबर के बीच शेयर बाजार में लिस्टिंग करना है। पहले, ज़ेप्टो ने अपनी IPO योजनाओं को स्थगित कर दिया था, जो मूल रूप से 2025 या 2026 की शुरुआत के लिए तय थीं, ताकि विकास, लाभप्रदता और घरेलू स्वामित्व (domestic ownership) बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। एक रणनीतिक बदलाव और IPO तैयारियों के हिस्से के रूप में, ज़ेप्टो ने इस साल की शुरुआत में अपना डोमिसाइल (domicile) सिंगापुर से भारत स्थानांतरित कर दिया था और अप्रैल में अपने पंजीकृत इकाई (registered entity) को किरानकर्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड से ज़ेप्टो प्राइवेट लिमिटेड के रूप में रीब्रांड किया था। यह कदम पिछले महीने एक महत्वपूर्ण फंडिंग राउंड के बाद आया है, जहाँ ज़ेप्टो ने $7 बिलियन के मूल्यांकन पर $450 मिलियन (लगभग 3,955 करोड़ रुपये) जुटाए थे। यह फंडिंग, प्राथमिक और द्वितीयक पूंजी (primary and secondary capital) का मिश्रण, इसे Blinkit और Swiggy Instamart जैसे प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ तेजी से बढ़ते क्विक कॉमर्स सेगमेंट में मजबूत स्थिति में लाता है। ज़ेप्टो ग्राहकों के लिए हैंडलिंग और सर्ज फीस (handling and surge fees) माफ करके अपना बाजार हिस्सा (market share) बढ़ाने की भी कोशिश कर रहा है। वित्तीय रूप से, ज़ेप्टो ने महत्वपूर्ण राजस्व वृद्धि (revenue growth) की सूचना दी है, जिसमें FY25 में राजस्व 149% बढ़कर 11,100 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 4,454 करोड़ रुपये से अधिक है। इस वृद्धि के बावजूद, कंपनी ने FY24 में 1,248.64 करोड़ रुपये का घाटा (loss) दर्ज किया। IPO से पहले अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए, ज़ेप्टो लागत-कटौती उपायों (cost-cutting measures) को लागू कर रहा है, जिसमें इस साल अप्रैल से लगभग 500 कर्मचारियों की छंटनी (layoffs) भी शामिल है, जो एक पुनर्गठन अभ्यास (restructuring exercise) का हिस्सा है। यह खबर ज़ेप्टो के लिए सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो संभावित रूप से क्विक कॉमर्स सेक्टर और अन्य टेक स्टार्टअप्स में निवेशक विश्वास (investor confidence) को बढ़ावा दे सकती है। एक सफल IPO से महत्वपूर्ण पूंजी प्रवाह (capital infusion) हो सकता है, जो आगे विस्तार और प्रतिस्पर्धा को सक्षम करेगा। यह समान कंपनियों के लिए निवेशक भावना (investor sentiment) और बाजार मूल्यांकन (market valuations) को भी प्रभावित कर सकता है। लिस्टिंग से घरेलू स्वामित्व भी बढ़ सकता है और इस क्षेत्र में अधिक तरलता (liquidity) आ सकती है।