IPO
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Updated on 10 Nov 2025, 12:39 pm
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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SEBI ने दो कंपनियों के लिए ड्राफ्ट IPO पेपर्स को मंज़ूरी दे दी है: नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज और क्लीन मैक्स एनवीरो एनर्जी सॉल्यूशंस। SEBI ने क्लीन मैक्स एनवीरो एनर्जी सॉल्यूशंस के दस्तावेजों पर 30 अक्टूबर को और नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज के दस्तावेजों पर 4 नवंबर को टिप्पणियां जारी कीं। इन मंज़ूरियों का मतलब है कि दोनों कंपनियां एक साल के भीतर अपने IPO लॉन्च कर सकती हैं।
ब्रुकफील्ड और ऑगमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स द्वारा समर्थित क्लीन मैक्स एनवीरो एनर्जी सॉल्यूशंस, 5,200 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। इसमें 1,500 करोड़ रुपये नए शेयरों से और 3,700 करोड़ रुपये मौजूदा शेयरधारकों द्वारा हिस्सेदारी बेचने (ऑफर-फॉर-सेल) से शामिल होंगे। कंपनी ने 16 अगस्त को अपने ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल किए थे।
बीवीपी ट्रस्ट, इन्वेस्टकॉर्प और एडोरास इन्वेस्टमेंट द्वारा समर्थित नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज, नए शेयर जारी करके 353.4 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। इसके अतिरिक्त, इन्वेस्टकॉर्प और इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन जैसे मौजूदा निवेशक ऑफर-फॉर-सेल के माध्यम से शेयर बेचेंगे। नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज ने 25 जुलाई को अपने ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल किए थे।
प्रभाव: ये IPO मंज़ूरियां भारतीय पूंजी बाज़ारों के लिए सकारात्मक संकेत हैं, जो स्वास्थ्य सेवा और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निवेशक रुचि को आकर्षित कर सकती हैं। सफल धन उगाही दोनों कंपनियों के विस्तार और विकास का कारण बन सकती है। बाज़ार पर प्रभाव को 6/10 का दर्जा दिया गया है क्योंकि पर्याप्त पूंजी जुटाई जा रही है और इन क्षेत्रों में रुचि भी है।
कठिन शब्द: * IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग): यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पूंजी जुटाने के लिए पहली बार जनता को अपने शेयर पेश करती है। * SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड): भारत का पूंजी बाज़ार नियामक, जो उचित प्रथाओं और निवेशक संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार है। * DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस): SEBI के साथ दाखिल किया गया एक प्रारंभिक दस्तावेज़ जिसमें कंपनी और उसके IPO के बारे में विवरण होता है, जिसका उपयोग निवेशक की रुचि का आकलन करने और नियामक मंज़ूरी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। * ऑफर-फॉर-सेल (OFS): यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मौजूदा शेयरधारक (प्रमोटर या निवेशक) कंपनी द्वारा नए शेयर जारी करने के बजाय जनता को अपने शेयर बेचते हैं। * फ्रेश इश्यूएंस (Fresh Issuance): जब कोई कंपनी अपने संचालन या विस्तार के लिए ताज़ा पूंजी जुटाने हेतु जनता को नए शेयर बेचती है।