IPO
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Updated on 30 Oct 2025, 08:59 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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शुरुआती सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) की तैयारी कर रही प्रमुख B2B समुद्री खाद्य आपूर्ति श्रृंखला स्टार्टअप कैप्टन फ्रेश ने वित्तीय वर्ष 2025 (FY25) में एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुधार की सूचना दी है। कंपनी ने 42.4 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ अर्जित किया है, जो FY24 में हुए 229 करोड़ रुपये के घाटे से एक उल्लेखनीय वापसी है। यह लाभप्रदता असाधारण राजस्व वृद्धि से प्रेरित है, जिसमें परिचालन राजस्व FY25 में 145% बढ़कर 3,421 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 1,395 करोड़ रुपये से काफी अधिक है। कंपनी ने FY25 में 123.8 करोड़ रुपये का सकारात्मक EBITDA भी दर्ज किया, जो FY24 के 171.9 करोड़ रुपये के EBITDA घाटे के बिल्कुल विपरीत है। ये वित्तीय खुलासे तब सामने आए हैं जब कैप्टन फ्रेश अपने सार्वजनिक डेब्यू की तैयारी कर रही है, जिसके लिए उसने 400 मिलियन डॉलर (लगभग 3,400 करोड़ रुपये) के सार्वजनिक निर्गम के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास गुप्त रूप से अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है। आईपीओ से प्राप्त धनराशि का उपयोग संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में अधिग्रहण को वित्तपोषित करने और भविष्य में वैश्विक बाजारों में अपने व्यवसाय-से-उपभोक्ता (B2C) विस्तार का समर्थन करने के लिए किया जाएगा। 2020 में उथम गौडा द्वारा स्थापित कैप्टन फ्रेश, भारत, अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व सहित बाजारों में सेवा प्रदान करने वाले एक प्रौद्योगिकी-संचालित प्लेटफॉर्म का संचालन करती है, जिसमें अमेरिकी बाजार मांग का लगभग 60% योगदान देता है। प्रभाव: यह खबर कैप्टन फ्रेश के लिए अत्यधिक सकारात्मक है, जो मजबूत व्यावसायिक निष्पादन और लाभप्रदता का एक स्पष्ट मार्ग प्रदर्शित करती है। भारतीय शेयर बाजार में संभावित निवेशकों के लिए, यह एक स्केलेबल व्यावसायिक मॉडल और वैश्विक महत्वाकांक्षाओं वाले एक आशाजनक आईपीओ उम्मीदवार का संकेत देता है। सफल सुधार और मजबूत विकास मेट्रिक्स से महत्वपूर्ण निवेशक रुचि उत्पन्न होने की उम्मीद है। प्रभाव रेटिंग: 8/10 कठिन शब्द: आईपीओ (Initial Public Offering): पूंजी जुटाने के लिए किसी निजी कंपनी द्वारा पहली बार सार्वजनिक रूप से अपने शेयर पेश करना। B2B (Business-to-Business): एक मॉडल जहां एक व्यवसाय दूसरे व्यवसाय को उत्पाद या सेवाएं बेचता है। RoC filings (Registrar of Companies filings): कंपनियों द्वारा कंपनी की वित्तीय और परिचालन स्थिति का विवरण देने वाले आधिकारिक दस्तावेज। समेकित शुद्ध लाभ (Consolidated Net Profit): कंपनी का कुल लाभ, जिसमें सभी सहायक कंपनियां शामिल हैं, सभी खर्चों और करों के कटौती के बाद। परिचालन राजस्व (Operating Revenue): कंपनी की प्राथमिक व्यावसायिक गतिविधियों से उत्पन्न आय। EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization): वित्तपोषण लागत, करों और गैर-नकद व्यय पर विचार करने से पहले कंपनी के परिचालन प्रदर्शन का एक माप। DRHP (Draft Red Herring Prospectus): आईपीओ से पहले प्रतिभूति नियामक के पास दाखिल किया गया एक प्रारंभिक दस्तावेज, जिसमें कंपनी और पेशकश के बारे में विस्तृत जानकारी होती है। SEBI (Securities and Exchange Board of India): भारत के प्रतिभूति बाजार के लिए प्राथमिक नियामक निकाय। B2C (Business-to-Consumer): एक मॉडल जहां एक व्यवसाय सीधे व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को उत्पाद या सेवाएं बेचता है।
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