IPO
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Updated on 15th November 2025, 12:31 AM
Author
Simar Singh | Whalesbook News Team
होम-फर्निश्ड ब्रांड वेकफिट दिसंबर की शुरुआत में ₹1,400 करोड़ के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए तैयारी कर रहा है। इस पेशकश में ₹200 करोड़ का प्री-IPO राउंड भी शामिल होगा और इसमें प्राइमरी शेयर व मौजूदा हितधारकों द्वारा सेकेंडरी बिक्री दोनों शामिल होंगी। जुटाई गई धनराशि का उद्देश्य कंपनी के स्टोर की संख्या का काफी विस्तार करना है। यह कदम उन स्टार्टअप्स के बढ़ते चलन के अनुरूप है जो पब्लिक मार्केट लिस्टिंग की तलाश में हैं।
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यह खबर होम-फर्निश्ड ब्रांड वेकफिट से संबंधित है, जो दिसंबर की शुरुआत में ₹1,400 करोड़ का एक महत्वपूर्ण इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लाने की योजना बना रहा है। IPO में एंकर इन्वेस्टर हिस्सेदारी से पहले घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशकों को शामिल करते हुए ₹200 करोड़ का प्री-IPO फंडिंग राउंड होगा। पेशकश में प्राइमरी (नए शेयर) और सेकेंडरी (वर्तमान मालिकों द्वारा बेचे गए मौजूदा शेयर) दोनों घटक शामिल होंगे। वेकफिट का लक्ष्य इन फंडों का उपयोग मुख्य रूप से अपने स्टोर की संख्या को दोगुना से अधिक करने और खुदरा उपस्थिति का विस्तार करने के लिए करना है। कंपनी के प्रमोटर, संस्थापक और पीक XV, इन्वेस्टकॉर्प और वर्लिनवेस्ट जैसे प्राइवेट इक्विटी निवेशक ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेच सकते हैं। 2016 में स्थापित वेकफिट, मुख्य रूप से ऑनलाइन गद्दे, बिस्तर और सोफे बेचता है, लेकिन अब इसने एक्सपीरियंस सेंटर और फिजिकल स्टोर्स में भी विस्तार किया है। FY25 के पहले नौ महीनों में, इसने ₹994.3 करोड़ का राजस्व और ₹8.8 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में घटते घाटे को दर्शाता है। वेकफिट का यह कदम उन स्टार्टअप्स द्वारा पब्लिक मार्केट में उतरने के एक बड़े चलन का हिस्सा है, जिसमें लेंसकार्ट और ग्रो जैसे कई अन्य कंपनियां भी लिस्टिंग प्रक्रिया में हैं, जिससे यह कैपिटल मार्केट्स के लिए एक व्यस्त अवधि बन गई है। एक्सिस कैपिटल, आईआईएफएल सिक्योरिटीज और नोमुरा इस इश्यू का प्रबंधन कर रहे हैं। Impact Rating: 8/10 यह खबर भारतीय शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह IPO सेगमेंट में निरंतर उछाल का संकेत देती है, जिससे निवेशक पूंजी आकर्षित होती है। वेकफिट के लिए, IPO विस्तार के लिए पर्याप्त धन प्रदान करेगा, जिससे प्रतिस्पर्धी होम फर्निशिंग क्षेत्र में इसके बाजार हिस्सेदारी और लाभप्रदता को बढ़ावा मिल सकता है। यह भारतीय स्टार्टअप्स और उपभोक्ता ब्रांडों में मजबूत निवेशक विश्वास को भी दर्शाता है। कठिन शब्दों का स्पष्टीकरण: IPO (Initial Public Offering): जब कोई निजी कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर बेचती है। Pre-IPO round: IPO से पहले कंपनी द्वारा किया जाने वाला फंडिंग राउंड, जिसमें अक्सर संस्थागत निवेशक शामिल होते हैं। Anchor investor: एक बड़ा संस्थागत निवेशक जो IPO जनता के लिए खुलने से पहले शेयर खरीदने की प्रतिबद्धता करता है, स्थिरता प्रदान करता है। Primary share sale: जब कोई कंपनी पूंजी जुटाने के लिए नए शेयर जारी करती है और बेचती है। Secondary share sale (Offer for Sale - OFS): जब मौजूदा शेयरधारक (जैसे संस्थापक, निवेशक) अपने शेयर नए निवेशकों को बेचते हैं, और पैसा बेचने वालों को जाता है, कंपनी को नहीं। Regulator: एक प्राधिकरण जो किसी विशेष उद्योग या बाजार की देखरेख और नियंत्रण करता है (जैसे भारत में SEBI)। FY25: वित्तीय वर्ष 2025 (भारत में आमतौर पर अप्रैल 2024 से मार्च 2025)। Valuation: कंपनी का अनुमानित मूल्य।