IPO
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28th October 2025, 11:11 AM

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Heading: भारत का IPO बाज़ार सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा भारत का शेयर बाज़ार इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) क्षेत्र में एक असाधारण उछाल का गवाह बन रहा है, जो निवेशकों की मजबूत मांग और बढ़े हुए कॉर्पोरेट विश्वास से प्रेरित है। 1 अक्टूबर, 2024 से 24 अक्टूबर, 2025 के बीच, रिकॉर्ड 288 कंपनियों ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस दाखिल किए, जिनका लक्ष्य लगभग ₹4.18 लाख करोड़ जुटाना है। इनमें से, 111 IPO पहले ही लॉन्च हो चुके हैं, और 174 को नियामक मंज़ूरी मिल चुकी है, जिनसे सामूहिक रूप से ₹2.71 लाख करोड़ जुटाए गए हैं, जो ₹2.18 लाख करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। Heading: IPO बूम के कारक इस उछाल का श्रेय घरेलू स्थिरता और नीतिगत निरंतरता को दिया जाता है, जिसने बाज़ार को सशक्त बनाया है। निवेश बैंकरों को उम्मीद है कि यह प्रवृत्ति जारी रहेगी, और आने वाले वर्ष में मेनबोर्ड IPO में 20% की वृद्धि का अनुमान है, जो लगभग 130-135 नए इश्यू के बराबर होगा। बाज़ार की ताकत काफी हद तक घरेलू निवेशक प्रवाह से प्रेरित है, खासकर म्यूचुअल फंड और व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIPs) के माध्यम से, जो औसतन लगभग ₹30,000 करोड़ प्रति माह हैं। यह गहरा, स्थिर स्थानीय पूंजी विदेशी निवेशकों पर निर्भरता कम करती है और इश्यूअर्स को विश्वास प्रदान करती है। Heading: प्रमुख और आगामी IPOs कई महत्वपूर्ण लिस्टिंग ने बाज़ार को बढ़ावा दिया है, जिनमें अक्टूबर 2024 में हुंडई मोटर इंडिया का ₹27,859 करोड़ का इश्यू शामिल है, जो भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा था। सार्वजनिक पेशकश की योजना बनाने वाली अन्य उल्लेखनीय कंपनियों में टाटा कैपिटल, HDB फाइनेंशियल सर्विसेज, स्विगी, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज, विशाल मेगा मार्ट और बजाज हाउसिंग फाइनेंस शामिल हैं। पर्याप्त फंड जुटाने के लक्ष्य वाले आगामी IPO में लेंसकार्ट सॉल्यूशंस (₹8,000 करोड़) और ग्रो (₹7,000 करोड़) शामिल हैं, दोनों के नवंबर की शुरुआत में आने की उम्मीद है। पाइन लैब्स, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी, boAt, और हीरो फिनकॉर्प भी दिसंबर के अंत तक सार्वजनिक होने की उम्मीद वाली कंपनियों में से हैं। Heading: प्रभाव मजबूत IPO बाज़ार गतिविधि भारतीय अर्थव्यवस्था और इसकी विकास संभावनाओं में निवेशकों के मजबूत विश्वास को दर्शाती है। यह कंपनियों को विस्तार, नवाचार और रोज़गार सृजन के लिए महत्वपूर्ण पूंजी प्रदान करती है। निवेशकों के लिए, यह निवेश और संभावित धन सृजन के नए रास्ते प्रदान करती है। घरेलू तरलता की बढ़ी हुई उपलब्धता बाहरी फंडिंग पर निर्भरता कम करती है, जिससे बाज़ार की स्थिरता बढ़ती है। भारतीय शेयर बाज़ार पर समग्र प्रभाव सकारात्मक है, जो एक स्वस्थ और गतिशील पूंजी-निर्माण वातावरण का संकेत देता है। Impact Rating: 9/10 Heading: शब्दावली (Glossary) इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार अपने शेयर जनता को पेश करती है, जिससे वह एक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन जाती है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI): वह नियामक निकाय जो भारत में प्रतिभूति बाज़ार को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है। ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस (या ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस - DRHP): IPO की योजना बना रही कंपनी द्वारा SEBI को दाखिल किया जाने वाला एक दस्तावेज़, जिसमें कंपनी, उसके वित्त, व्यवसाय और प्रस्तावित IPO के बारे में विस्तृत जानकारी होती है। मेनबोर्ड IPOs: स्टॉक एक्सचेंज के प्राथमिक एक्सचेंज बोर्ड पर सूचीबद्ध IPO, जो आमतौर पर बड़ी, अधिक स्थापित कंपनियों के लिए होते हैं। सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP): म्यूचुअल फंड में नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि का निवेश करने का एक तरीका, जो अनुशासित धन सृजन की अनुमति देता है।