IPO
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30th October 2025, 8:02 AM

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MTR और ईस्टर्न कोंडिमेंट्स जैसे ब्रांड्स के लिए जानी जाने वाली ओर्क्ला इंडिया ने ₹1,667 करोड़ का एक बड़ा इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लॉन्च किया है। IPO को ऑफर फॉर सेल (OFS) के तौर पर स्ट्रक्चर किया गया है, जिसका मतलब है कि मौजूदा शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं, और कंपनी खुद कोई नया पैसा नहीं जुटा रही है। दूसरे दिन के सब्सक्रिप्शन के आंकड़े मजबूत निवेशक मांग को दर्शाते हैं, जिसमें कुल इश्यू दोपहर 12:39 बजे तक 1.54 गुना सब्सक्राइब हो चुका था। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर (NII) श्रेणी में सबसे ज्यादा रुचि देखी गई, जो 3.57 गुना सब्सक्राइब हुई। रिटेल निवेशकों ने 1.53 गुना सब्सक्राइब किया, और कर्मचारी कोटा 5.02 गुना पर अत्यधिक ओवरसब्सक्राइब हुआ। हालांकि, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर (QIB) सेगमेंट में अब तक बहुत सीमित भागीदारी देखी गई है, जिसमें सब्सक्रिप्शन दर सिर्फ 0.03 गुना है। कंपनी ने पब्लिक ऑफरिंग से पहले ही एंकर निवेशकों से लगभग ₹500 करोड़ सुरक्षित कर लिए थे। IPO 29 अक्टूबर 2025 को खुला था और कल, 31 अक्टूबर 2025 को समाप्त होगा। शेयरों की लिस्टिंग बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 6 नवंबर 2025 को होने की उम्मीद है। प्रभाव: NII और रिटेल सेगमेंट से मजबूत सब्सक्रिप्शन ओर्क्ला इंडिया की पेशकश के प्रति सकारात्मक बाजार भावना का संकेत देता है। इससे लिस्टिंग के दिन एक मजबूत शुरुआत हो सकती है, हालांकि कम QIB भागीदारी देखने वाली बात हो सकती है। OFS IPO, बेचने वाले शेयरधारकों के लिए फायदेमंद होने के बावजूद, कंपनी में विकास के लिए सीधे तौर पर पूंजी नहीं डालता है। Impact Rating: 7/10
कठिन शब्द: IPO (Initial Public Offering): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर पेश करती है, जिससे वह एक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन जाती है। Offer for Sale (OFS): एक IPO जिसमें मौजूदा शेयरधारक कंपनी द्वारा नए शेयर जारी करने के बजाय जनता को अपने शेयर बेचते हैं। Non-Institutional Investor (NII): वे निवेशक जो IPO में ₹2 लाख से अधिक के शेयरों के लिए आवेदन करते हैं। इस श्रेणी में उच्च-नेट-वर्थ वाले व्यक्ति, कॉर्पोरेट निकाय और ट्रस्ट शामिल हैं। Retail Investor: व्यक्तिगत निवेशक जो IPO में ₹2 लाख तक के शेयरों के लिए आवेदन करते हैं। Qualified Institutional Buyer (QIB): बड़े संस्थागत निवेशक जैसे म्यूचुअल फंड, विदेशी संस्थागत निवेशक, बैंक और बीमा कंपनियां। Anchor Investors: वे संस्थागत निवेशक जो IPO जनता के लिए खुलने से पहले शेयर खरीदने की प्रतिबद्धता करते हैं, शुरुआती समर्थन प्रदान करते हुए। Subscription: वह प्रक्रिया जिसमें निवेशक IPO में पेश किए गए शेयरों के लिए आवेदन करते हैं। यदि आवेदन किए गए शेयरों की संख्या पेश किए गए शेयरों की संख्या से अधिक हो जाती है, तो IPO को सब्सक्राइब कहा जाता है। Lot Size: IPO में एक निवेशक द्वारा आवेदन किया जा सकने वाले शेयरों की न्यूनतम संख्या।