IPO
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Updated on 07 Nov 2025, 10:10 am
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
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प्रमुख आईवियर रिटेलर Lenskart, 10 नवंबर 2025 को शेयर बाजार में अपनी शुरुआत की तैयारी कर रहा है। कंपनी ने अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के माध्यम से ₹7,278.76 करोड़ सफलतापूर्वक जुटाए, जिसमें फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल (OFS) दोनों शामिल थे। IPO में निवेशकों की रुचि काफी अधिक थी, और कुल मिलाकर यह 17.5 गुना सब्सक्राइब हुआ। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने सबसे अधिक मांग दिखाई, उनका कोटा 23.7 गुना बुक हुआ, इसके बाद नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) 13.84 गुना और खुदरा निवेशकों ने 4.57 गुना सब्सक्रिप्शन किया। आधिकारिक लिस्टिंग से पहले, Lenskart के अनलिस्टेड शेयर ग्रे मार्केट में लगभग ₹412.5 पर ट्रेड हो रहे थे, जो IPO इश्यू प्राइस ₹402 से लगभग 2.6% का प्रीमियम दर्शा रहा है। यह भावना बताती है कि Lenskart के शेयर ₹412 के करीब लिस्ट हो सकते हैं, जिससे निवेशकों को मामूली लिस्टिंग लाभ मिलने की संभावना है। बाजार के पेशेवर हालांकि, सावधानी की सलाह देते हैं, यह जोर देते हुए कि ग्रे मार्केट विनियामक निकायों के बाहर संचालित होता है, और इसके प्रीमियम एक्सचेंज पर स्टॉक के प्रदर्शन का गारंटीकृत भविष्यवक्ता नहीं हैं। IPO से प्राप्त ₹2,150.74 करोड़ (फ्रेश इश्यू से) का उपयोग नए कंपनी-स्वामित्व वाले स्टोर स्थापित करने, लीज खर्चों को कवर करने, प्रौद्योगिकी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने, ब्रांड मार्केटिंग, संभावित अधिग्रहण और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए किया जाएगा। Impact: यह खबर Lenskart के IPO में संभावित निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लिस्टिंग दिवस के प्रदर्शन और संभावित रिटर्न का प्रारंभिक दृष्टिकोण प्रदान करती है। एक मजबूत या स्थिर लिस्टिंग से कंपनी और व्यापक IPO बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ सकता है, जबकि एक कमजोर शुरुआत भावना को दबा सकती है। विस्तार और प्रौद्योगिकी के लिए धन का नियोजित उपयोग Lenskart की भविष्य की विकास रणनीति को दर्शाता है, जो दीर्घकालिक निवेशकों के लिए एक प्रमुख विचार है। लिस्टिंग के बाद स्टॉक का प्रदर्शन इसके साथियों और समग्र क्षेत्र के दृष्टिकोण को भी प्रभावित करेगा। Difficult Terms: IPO (Initial Public Offering): पहली बार जब कोई निजी कंपनी पूंजी जुटाने के लिए जनता को अपने शेयर पेश करती है। Grey Market: एक अनौपचारिक बाजार जहां स्टॉक एक्सचेंजों पर आधिकारिक लिस्टिंग से पहले प्रतिभूतियों का कारोबार होता है। Grey Market Premium (GMP): ग्रे मार्केट में प्रतिभूति की कीमत और IPO इश्यू प्राइस के बीच का अंतर, जो लिस्टिंग से पहले मांग को दर्शाता है। Offer for Sale (OFS): एक प्रक्रिया जिसमें मौजूदा शेयरधारक अपने शेयर नए निवेशकों को बेचते हैं; कंपनी को स्वयं इससे धन प्राप्त नहीं होता है। Fresh Issue: कंपनी पूंजी जुटाने के लिए नए शेयर जारी करती है, और आय सीधे कंपनी को जाती है। Qualified Institutional Buyers (QIBs): बड़े संस्थागत निवेशक जैसे म्यूचुअल फंड, विदेशी संस्थागत निवेशक और बीमा कंपनियां। Non-Institutional Investors (NIIs): उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति और कॉर्पोरेट निकाय जो IPOs में निवेश करते हैं। Basis of Allotment: जब IPO ओवरसब्सक्राइब हो जाता है, तो प्रत्येक आवेदक को कितने शेयर प्राप्त होंगे, यह निर्धारित करने की प्रक्रिया। Book-running Lead Managers: निवेश बैंक जो IPO प्रक्रिया के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होते हैं, जिसमें मूल्य निर्धारण और विपणन शामिल है। RHP (Red Herring Prospectus): प्रतिभूति नियामक के पास दायर एक प्रारंभिक दस्तावेज जिसमें IPO के बारे में विस्तृत जानकारी होती है।