IPO
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Updated on 07 Nov 2025, 02:58 pm
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
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लोकप्रिय स्टॉकब्रोकिंग प्लेटफॉर्म Groww की पेरेंट कंपनी Billionbrains Garage Ventures का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) 17.60 गुना ओवरसब्सक्राइब हो गया है, जो सभी श्रेणियों के निवेशकों से मजबूत मांग का संकेत देता है। क्वॉलिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) के लिए आरक्षित हिस्से को 22.02 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) को 14.20 गुना बिड्स मिलीं, और रिटेल इन्वेस्टर्स ने 9.43 गुना सब्सक्रिप्शन लिया। कुल मिलाकर, ऑफर पर 36.48 करोड़ शेयरों के मुकाबले लगभग 641.87 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं। ₹6,632 करोड़ का यह IPO ₹95-100 प्रति शेयर के बैंड में था, जिसमें ₹1,060 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹5,572 करोड़ का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) कंपोनेंट शामिल था। पीक XV, टाइगर कैपिटल और माइक्रोसॉफ्ट सीईओ सत्या नडेला जैसे प्रमुख निवेशकों द्वारा समर्थित यह कंपनी जुटाई गई धनराशि का रणनीतिक रूप से उपयोग करने की योजना बना रही है। निवेश के प्रमुख क्षेत्रों में ब्रांड बिल्डिंग और मार्केटिंग के लिए ₹225 करोड़, Groww Creditserv Technology Pvt Ltd (GCS) को अपने NBFC कैपिटल को मजबूत करने के लिए ₹205 करोड़, Groww Invest Tech Pvt Ltd (GIT) को अपनी मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा का समर्थन करने के लिए ₹167.5 करोड़, और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए ₹152.5 करोड़ शामिल हैं। शेष पूंजी का उपयोग संभावित अधिग्रहण और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। एंकर निवेशकों ने IPO में ₹2,984 करोड़ से अधिक का योगदान दिया। Groww 12 नवंबर, 2025 को शेयर बाजार में अपनी शुरुआत करने वाली है।
प्रभाव यह खबर भारतीय शेयर बाजार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक प्रमुख फिनटेक खिलाड़ी की सार्वजनिक लिस्टिंग का प्रतीक है। उच्च सब्सक्रिप्शन दरें Groww के बिजनेस मॉडल और भविष्य की विकास संभावनाओं में निवेशकों के मजबूत विश्वास का सुझाव देती हैं। सफल IPO फिनटेक सेक्टर के प्रति निवेशक भावना को बढ़ावा दे सकता है और संभावित रूप से संबंधित शेयरों में भागीदारी बढ़ा सकता है। कंपनी की प्रौद्योगिकी निवेश और विस्तार की योजनाएं भी इसकी दीर्घकालिक दिशा के लिए सकारात्मक संकेतक हैं। रेटिंग: 8/10।
कठिन शब्द और उनके अर्थ: IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर बेचती है, एक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन जाती है। सब्सक्रिप्शन: IPO में पेश किए गए शेयरों को खरीदने के लिए निवेशकों द्वारा आवेदन करने की प्रक्रिया। क्वॉलिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs): बड़े संस्थागत निवेशक जैसे म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड और बीमा कंपनियां। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs): उच्च नेट वर्थ वाले व्यक्ति और कॉर्पोरेट निकाय जो क्वॉलिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स नहीं हैं। रिटेल इन्वेस्टर्स: व्यक्तिगत निवेशक जो आमतौर पर छोटी मात्रा में शेयरों के लिए आवेदन करते हैं। फ्रेश इश्यू: जब कोई कंपनी अपने संचालन या विस्तार के लिए नई पूंजी जुटाने हेतु नए शेयर जारी करती है। ऑफर-फॉर-सेल (OFS): जब मौजूदा शेयरधारक नए निवेशकों को अपनी होल्डिंग्स का एक हिस्सा बेचते हैं। एंकर इन्वेस्टर्स: बड़े संस्थागत निवेशक जो जनता के लिए IPO खुलने से पहले IPO शेयरों के एक हिस्से की सदस्यता लेने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, जिससे स्थिरता मिलती है। NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी): एक वित्तीय संस्थान जो बैंकिंग जैसी सेवाएं प्रदान करता है लेकिन उसके पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता है। क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर: क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाएं प्रदान करने वाले अंतर्निहित हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर घटक, जो इंटरनेट पर स्केलेबल आईटी संसाधनों को सक्षम करते हैं। जनरल कॉर्पोरेट पर्पज: कंपनी के नियमित व्यावसायिक संचालन, प्रशासनिक लागतों और अन्य सामान्य रणनीतिक जरूरतों के लिए उपयोग किए जाने वाले फंड।