विद्या वायर्स IPO पहले दिन ही धमाका! कुछ ही घंटों में हुआ फुल सब्सक्राइब, रिटेल निवेशकों का रहा दबदबा – GMP दे रहा है बड़े लिस्टिंग गेन के संकेत!
Overview
विद्या वायर्स IPO को पहले दिन ज़बरदस्त मांग मिली, दो घंटे के भीतर ही यह पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया, खासकर रिटेल निवेशकों के कारण जिन्होंने अपने कोटे का 1.86 गुना लिया। ₹300 करोड़ का इश्यू ग्रे मार्केट में 11.5% प्रीमियम पर ट्रेड हो रहा है। विश्लेषकों ने सेक्टर की तेजी और उचित वैल्यूएशन का हवाला देते हुए इसे लॉन्ग-टर्म के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह दी है।
विद्या वायर्स के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) ने पहले दिन, 3 दिसंबर को एक मज़बूत शुरुआत देखी, ₹300 करोड़ का इश्यू महज़ दो घंटों में ही पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया। रिटेल निवेशकों ने कंपनी की पब्लिक ऑफरिंग में महत्वपूर्ण रुचि दिखाते हुए मांग का नेतृत्व किया।
पहले दिन IPO की सफलता निवेशकों की ज़बरदस्त भूख को दर्शाती है। दोपहर 12:06 बजे तक, कुल सब्सक्रिप्शन रेट पेश किए गए शेयरों का 1.14 गुना पहुँच गया था। यह मजबूत मांग विशेष रूप से इसलिए उल्लेखनीय है क्योंकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने अभी तक कोई बोली नहीं लगाई है। रिटेल इंडिविज्युअल इन्वेस्टर्स (RIIs) ने भारी रुचि दिखाई, उनके हिस्से का 1.86 गुना सब्सक्राइब हुआ, जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) ने अपने आवंटन का 96% सब्सक्राइब किया।
सकारात्मक भावना को ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) और मज़बूत करता है। विद्या वायर्स के अनलिस्टेड शेयर कथित तौर पर ₹58 पर ट्रेड हो रहे हैं, जो IPO के अपर प्राइस बैंड ₹52 से ₹6 यानी 11.5% का प्रीमियम है। यह मजबूत लिस्टिंग परफॉर्मेंस की उम्मीदों को दर्शाता है।
₹300 करोड़ के पब्लिक इश्यू में ₹274 करोड़ के इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू और ₹26.01 करोड़ के शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। IPO के लिए प्राइस बैंड ₹48 से ₹52 प्रति शेयर तय किया गया है। एक रिटेल निवेशक को न्यूनतम एक लॉट के लिए आवेदन करना होगा, जिसमें 288 शेयर हैं, जिसके लिए ₹14,976 का निवेश आवश्यक है। सब्सक्रिप्शन विंडो 5 दिसंबर, 2025 तक खुली है।
बाजार विशेषज्ञों का विद्या वायर्स पर मिला-जुला दृष्टिकोण है। एंजल वन और एसबीआई सिक्योरिटीज जैसे ब्रोकरेज फर्मों ने निवेशकों को लंबी अवधि के लिए IPO सब्सक्राइब करने की सलाह दी है। वे इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), AI डेटा सेंटर और रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता विस्तार जैसे अनुकूल इंडस्ट्री ट्रेंड्स का हवाला देते हैं, जिनसे भविष्य में विकास और मार्जिन में सुधार की उम्मीद है।
IPO से जुटाई गई धनराशि का उपयोग रणनीतिक विकास पहलों के लिए किया जाएगा। लगभग ₹140 करोड़ का निवेश एक नए ALCU सब्सिडियरी प्लांट की स्थापना में किया जाएगा, ₹100 करोड़ मौजूदा ऋणों के पुनर्भुगतान या पूर्व-भुगतान के लिए उपयोग किए जाएंगे, और शेष राशि का आवंटन सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
मुख्य सब्सक्रिप्शन नंबर
- पेश किए गए कुल शेयर: 43.34 मिलियन।
- कुल सब्सक्रिप्शन दर (पहले दिन, 12:06 PM): 1.14 गुना।
- रिटेल इंडिविज्युअल इन्वेस्टर्स (RIIs) सब्सक्रिप्शन: 1.86 गुना।
- नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) सब्सक्रिप्शन: 96%।
- क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) सब्सक्रिप्शन: 0%।
ग्रे मार्केट प्रदर्शन
- वर्तमान GMP: ₹6 प्रति शेयर।
- प्रीमियम प्रतिशत: ₹52 के अपर प्राइस बैंड पर 11.5%।
- लिस्टिंग गेन के लिए सकारात्मक निवेशक भावना दर्शाता है।
IPO विवरण
- कुल फंड जुटाने का लक्ष्य: ₹300 करोड़।
- फ्रेश इश्यू का हिस्सा: ₹274 करोड़।
- ऑफर फॉर सेल (OFS) का हिस्सा: ₹26.01 करोड़।
- प्राइस बैंड: ₹48 - ₹52 प्रति शेयर।
- लॉट साइज़: 288 शेयर।
- रिटेल के लिए न्यूनतम निवेश: ₹14,976 (1 लॉट)।
- सब्सक्रिप्शन अवधि: 3 दिसंबर से 5 दिसंबर, 2025।
- संभावित आवंटन तिथि: 8 दिसंबर, 2025।
- अस्थायी लिस्टिंग तिथि: 10 दिसंबर, 2025, BSE और NSE पर।
विश्लेषकों की राय
- एंजल वन 'सब्सक्राइब फॉर लॉन्ग टर्म' की सिफारिश करता है।
- अपर प्राइस बैंड पर वैल्यूएशन (P/E 22.94x) साथियों की तुलना में उचित माना जाता है।
- एसबीआई सिक्योरिटीज भी लंबी अवधि के लिए सब्सक्रिप्शन की सलाह देता है।
- मजबूत सेक्टर मांग और आगामी ALCU क्षमता विस्तार के कारण सकारात्मक आउटलुक।
- EV एडॉप्शन, AI डेटा सेंटर केपेक्स और रिन्यूएबल एनर्जी विस्तार सहित अनुकूल इंडस्ट्री टेलविंड्स।
IPO का उद्देश्य
- नए ALCU सब्सिडियरी प्लांट के लिए फंड: ₹140 करोड़।
- कर्जों का पुनर्भुगतान/पूर्व-भुगतान: ₹100 करोड़।
- सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य: शेष राशि।
प्रभाव
- विद्या वायर्स के लिए सकारात्मक बाज़ार भावना।
- स्टॉक एक्सचेंजों पर मजबूत शुरुआत की संभावना।
- स्पेशियलिटी वायर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेशकों का विश्वास दर्शाता है।
- इंपैक्ट रेटिंग: 7/10।
कठिन शब्दों की व्याख्या
- IPO (Initial Public Offering): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर बेचकर सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली इकाई बन जाती है।
- सब्सक्रिप्शन स्टेटस: बताता है कि IPO में पेश किए गए शेयरों के लिए निवेशकों ने कितनी बार आवेदन किया है। '1.14 गुना' सब्सक्रिप्शन का मतलब है कि निवेशकों ने पेश किए गए हर 1 शेयर के लिए 1.14 शेयर के लिए आवेदन किया है।
- रिटेल इंडिविज्युअल इन्वेस्टर्स (RIIs): व्यक्तिगत निवेशक जो IPO में एक निश्चित सीमा, आमतौर पर ₹2 लाख तक, शेयरों के लिए आवेदन करते हैं।
- नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs): वे निवेशक जो RII सीमा से अधिक IPO शेयरों के लिए आवेदन करते हैं लेकिन क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) नहीं होते। इस श्रेणी में उच्च-नेट-वर्थ वाले व्यक्ति और कॉर्पोरेट निकाय शामिल हैं।
- क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs): बड़े संस्थागत निवेशक जैसे म्यूचुअल फंड, विदेशी संस्थागत निवेशक और वेंचर कैपिटल फंड जो IPOs में निवेश के लिए योग्य होते हैं।
- ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP): वह अनौपचारिक प्रीमियम जिस पर एक IPO के अनलिस्टेड शेयर आधिकारिक लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट में ट्रेड होते हैं। यह बाजार की भावना और संभावित लिस्टिंग लाभ को इंगित करता है।
- ऑफर फॉर सेल (OFS): एक तंत्र जिसके द्वारा कंपनी के मौजूदा शेयरधारक IPO के दौरान जनता को अपने शेयर बेच सकते हैं।
- लॉट साइज़: शेयरों की वह न्यूनतम संख्या जिसके लिए एक निवेशक को IPO में आवेदन करना आवश्यक है।
- P/E (Price-to-Earnings) रेशियो: एक मूल्यांकन मीट्रिक जो कंपनी के स्टॉक मूल्य की उसके प्रति शेयर आय (earnings per share) से तुलना करता है। कम P/E स्टॉक के अंडरवैल्यूड होने का संकेत दे सकता है, जबकि उच्च P/E स्टॉक के ओवरवैल्यूड होने या उच्च विकास की अपेक्षाओं का सुझाव दे सकता है।
- ALCU: संभवतः एल्यूमीनियम कंडक्टर स्टील रीइन्फोर्स्ड (Aluminium Conductor Steel Reinforced) को संदर्भित करता है, जो एक प्रकार का उच्च-वोल्टेज ओवरहेड इलेक्ट्रिकल कंडक्टर है।

