2 लाख करोड़ IPO स्टॉक अलर्ट: क्या आपके निवेश इस मार्केट शॉकवेव के लिए तैयार हैं?
Overview
दिसंबर 2025 से मार्च 2026 के बीच, हालिया IPOs से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हो जाएंगे क्योंकि लॉक-इन अवधि समाप्त हो रही है। NSDL, HDB, Groww और Urban Company जैसी प्रमुख कंपनियों को बड़े अनलॉकिंग इवेंट्स का सामना करना पड़ेगा, जिससे संभावित रूप से मार्केट ओवरहैंग पैदा होगा और बढ़ी हुई सप्लाई की उम्मीद के कारण शेयर की कीमतें प्रभावित होंगी। निवेशकों को इन तारीखों पर बारीकी से नजर रखने की सलाह दी जाती है।
बड़े IPO शेयर अनलॉकिंग की आहट
भारतीय शेयर बाज़ार में बड़ी संख्या में हालिया इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPOs) के लॉक-इन अवधि समाप्त होने के कारण शेयरों की भारी आमद के लिए तैयारियाँ चल रही हैं। 3 दिसंबर, 2025 से 30 मार्च, 2026 के बीच, 106 कंपनियों के लगभग 2.19 लाख करोड़ रुपये मूल्य के शेयर ट्रेडिंग के लिए पात्र हो जाएंगे। यह घटना बाज़ार की लिक्विडिटी और निवेशक गतिशीलता में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाती है।
ओवरहैंग का प्रभाव
नुवामा ऑल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च इस बात पर प्रकाश डालता है कि भले ही सभी शेयर तुरंत बेचे न जाएं, प्री-IPO शेयरों की उपलब्धता एक 'ओवरहैंग' पैदा करती है। यह ओवरहैंग संभावित बिकवाली के दबाव के कारण शेयर की कीमतों पर एक मनोवैज्ञानिक सीमा के रूप में कार्य करता है। ट्रेडर्स और निवेशक संभावित बिकवाली के दबाव का अनुमान लगाते हैं, जो लॉक-इन समाप्ति तिथियों से पहले ही ट्रेडिंग निर्णयों और शेयर के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
प्रमुख कंपनियों पर प्रभाव
कई प्रतिष्ठित कंपनियों को महत्वपूर्ण सप्लाई प्रेशर का सामना करने की उम्मीद है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) 5 फरवरी, 2026 को अपने बकाया शेयरों का 75% अनलॉक करेगी, जिससे अत्यधिक प्राइस डिस्कवरी और अस्थिरता आ सकती है। अर्बन कंपनी को भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ेगा, जिसमें 17 मार्च, 2026 को उसकी 66% इक्विटी ट्रेडिंग योग्य हो जाएगी। HDB फाइनेंशियल सर्विसेज और ट्रैवल फूड सर्विसेज के भी बड़े हिस्से जल्द ही अनलॉक होने वाले हैं।
लाभ-वसूली बनाम घाटा-कटौती
इन अनलॉकिंग्स पर प्रतिक्रिया स्टॉक के IPO इश्यू प्राइस की तुलना में उसके प्रदर्शन पर निर्भर करेगी। जो कंपनियाँ अपने इश्यू प्राइस से काफी ऊपर ट्रेड कर रही हैं, जैसे कि बिलियनेयर्स गैरेज वेंचर्स (Groww) या अर्बन कंपनी, उनमें शुरुआती निवेशकों के लिए लाभ बुक करने के आकर्षक अवसर हैं। इसके विपरीत, जो स्टॉक अपने इश्यू प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं, जैसे कि अमंता हेल्थकेयर, उन पर नीचे की ओर दबाव हो सकता है क्योंकि निवेशक तय करते हैं कि नुकसान काटना है या होल्ड करना है।
अलग-अलग समाप्ति तिथियों से निरंतर अस्थिरता
कई लोकप्रिय कंपनियों को कई, अलग-अलग लॉक-इन समाप्ति तिथियों का अनुभव होगा। उदाहरण के लिए, लेंसकार्ट सॉल्यूशंस और फिजिक्सवाला के शेयरों के कई हिस्से कई महीनों तक अनलॉक होंगे। सप्लाई का यह निरंतर इंजेक्शन समायोजन और अनिश्चितता की अवधियों को बढ़ा सकता है, जिससे व्यापक लिक्विडिटी गैप और तेज इंट्राडे मूल्य मूवमेंट होंगे, जो बाज़ार के लिए नई सप्लाई को सुचारू रूप से अवशोषित करना चुनौतीपूर्ण बना देगा।
निवेशक वॉचलिस्ट
नुवामा की ओर से रिटेल और हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल (HNI) निवेशकों को इन समाप्ति तारीखों पर बारीकी से नज़र रखने की सलाह दी जाती है, खासकर वित्तीय सेवाओं और उपभोक्ता-सामना करने वाली प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए। उपलब्ध होने वाले शेयरों की भारी मात्रा बढ़ी हुई अस्थिरता का कारण बन सकती है और इसके लिए सावधानीपूर्वक पोर्टफोलियो प्रबंधन की आवश्यकता होगी।
प्रभाव
- मार्केट अस्थिरता: शेयरों की बढ़ी हुई सप्लाई से प्रभावित स्टॉक और संभावित रूप से व्यापक बाजार सूचकांकों में महत्वपूर्ण मूल्य उतार-चढ़ाव हो सकते हैं।
- मूल्य दबाव: ओवरहैंग प्रभाव शेयर की कीमतों को दबा सकता है, सप्लाई अवशोषित होने तक ऊपर जाने की क्षमता को सीमित कर सकता है।
- लाभ-वसूली के अवसर: कम कीमतों पर खरीदने वाले निवेशक पर्याप्त लाभ प्राप्त करने के लिए अनलॉक का उपयोग कर सकते हैं।
- नए निवेशकों के लिए जोखिम: शुरुआती निवेशक बाहर निकलने पर नए सूचीबद्ध स्टॉक करेक्शन का सामना कर सकते हैं।
- लिक्विडिटी परिवर्तन: मार्केट लिक्विडिटी बढ़ेगी, जो सक्रिय ट्रेडरों के लिए फायदेमंद हो सकती है लेकिन दीर्घकालिक धारकों के लिए अनिश्चितता पैदा कर सकती है।
Impact Rating: 8/10
Difficult Terms Explained
- IPO (Initial Public Offering): यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार अपने शेयर जनता को पेश करती है, और एक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन जाती है।
- Lock-in Period (लॉक-इन अवधि): यह एक प्रतिबंध है जो प्री-IPO निवेशकों (जैसे संस्थापक, शुरुआती कर्मचारी, वेंचर कैपिटलिस्ट) को कंपनी के लिस्टिंग के बाद एक निर्दिष्ट अवधि के लिए अपने शेयर बेचने से रोकता है।
- Overhang (ओवरहैंग): लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद बाज़ार में बड़ी संख्या में शेयरों के बिकने की संभावना, जो प्रत्याशित सप्लाई के कारण शेयर की कीमतों को दबा सकती है।
- HNI (High Net Worth Individual): एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास महत्वपूर्ण शुद्ध संपत्ति हो, जिसे अक्सर एक निश्चित राशि की तरल संपत्ति से परिभाषित किया जाता है।
- Pre-IPO Shares (प्री-IPO शेयर्स): कंपनी के सार्वजनिक होने से पहले निवेशकों के पास रखे गए शेयर।
- Price Discovery (प्राइस डिस्कवरी): वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से बाज़ार किसी सुरक्षा का उचित मूल्य या ट्रेडिंग मूल्य निर्धारित करता है।
- Liquidity (लिक्विडिटी): किसी परिसंपत्ति को बाज़ार में उसकी कीमत को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किए बिना कितनी आसानी से खरीदा या बेचा जा सकता है।
- Issue Price (इश्यू प्राइस): वह मूल्य जिस पर IPO के दौरान शेयर निवेशकों को पेश किए जाते हैं।

