फार्मा दिग्गज कोरोना रेमेडीज ₹655 करोड़ के IPO के लिए तैयार: PE-समर्थित फर्म का बाज़ार में डेब्यू!
Overview
अहमदाबाद स्थित कोरोना रेमेडीज़, जिसे क्रिसकैपिटल का समर्थन प्राप्त है, ₹655 करोड़ के ऑफर-फॉर-सेल (OFS) IPO के माध्यम से बाज़ार में कदम रखने के लिए तैयार है। वित्त वर्ष 25 में ₹1,196 करोड़ के राजस्व और ₹149 करोड़ के PAT के साथ, यह तेजी से बढ़ती फार्मा कंपनी 8-10 दिसंबर तक ₹1,008–₹1,062 के मूल्य बैंड में सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगी। कंपनी कोई नई पूंजी नहीं जुटा रही है, बल्कि दृश्यता (visibility) चाहती है और निर्यात (exports) तथा एक नई हार्मोन सुविधा के माध्यम से आगे बढ़ने की योजना बना रही है।
अहमदाबाद स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी कोरोना रेमेडीज़ ₹655 करोड़ के ऑफर-फॉर-सेल (OFS) इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के माध्यम से बाज़ार में एक महत्वपूर्ण प्रवेश के लिए तैयार हो रही है। इस IPO के लिए सब्सक्रिप्शन अवधि 8 दिसंबर से 10 दिसंबर तक निर्धारित है, जिसमें शेयर ₹1,008 से ₹1,062 प्रति शेयर के मूल्य बैंड में पेश किए जाएंगे।
IPO की घोषणा
- भारतीय फार्मास्युटिकल क्षेत्र में एक प्रमुख नाम, कोरोना रेमेडीज़ ने अपने आगामी IPO की घोषणा की है, जिसका लक्ष्य ऑफर-फॉर-सेल के माध्यम से ₹655 करोड़ जुटाना है।
- IPO सब्सक्रिप्शन विंडो निवेशकों के लिए 8 दिसंबर से 10 दिसंबर तक खुली रहेगी।
- कंपनी ने अपने शेयरों के लिए ₹1,008 से ₹1,062 प्रति इक्विटी शेयर का मूल्य बैंड तय किया है।
कंपनी की पृष्ठभूमि और विकास
- 2004 में मात्र ₹5 लाख की प्रारंभिक पूंजी के साथ स्थापित, कोरोना रेमेडीज़ ने वर्षों में काफी वृद्धि की है।
- यह अब भारत की शीर्ष 30 फार्मास्युटिकल कंपनियों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनी में से एक मानी जाती है।
- कंपनी महिला स्वास्थ्य, यूरोलॉजी, दर्द प्रबंधन और कार्डियो-डायबिटो सेगमेंट जैसे महत्वपूर्ण चिकित्सीय क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करती है।
वित्तीय प्रदर्शन
- वित्त वर्ष 2025 (FY25) के लिए, कोरोना रेमेडीज़ ने ₹1,196.4 करोड़ का मजबूत राजस्व दर्ज किया।
- कंपनी ने उसी वित्तीय वर्ष में ₹149.43 करोड़ का लाभ कर पश्चात (PAT) भी अर्जित किया।
- कोरोना रेमेडीज़ एक कैश-जेनरेटिव बिजनेस मॉडल के साथ काम करती है और वर्तमान में ऋण-मुक्त है।
विस्तार और भविष्य की योजनाएँ
- कंपनी एक मजबूत निर्यात रणनीति के साथ अपनी पहुंच का रणनीतिक रूप से विस्तार कर रही है, जिसका लक्ष्य कई अंतरराष्ट्रीय बाज़ार हैं।
- अहमदाबाद में ₹120 करोड़ की एक नई हार्मोन निर्माण सुविधा बनकर तैयार होने वाली है और FY27 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक चालू होने की उम्मीद है।
- यह नई सुविधा विशिष्ट निर्यात बाज़ारों के लिए है, जिसमें अमेरिका और जापान को छोड़कर यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, एशिया और CIS देशों जैसे क्षेत्र शामिल होंगे।
निवेशक यात्रा और PE बैकिंग
- कोरोना रेमेडीज़ की विकास यात्रा में निजी इक्विटी निवेशों का महत्वपूर्ण समर्थन रहा है।
- 2016 में, निजी इक्विटी फर्म क्रेडोर (Creador) ने 19.5% हिस्सेदारी के लिए ₹100 करोड़ का निवेश किया था।
- 2021 में, क्रिसकैपिटल (ChrysCapital) ने ₹2,500 करोड़ में क्रेडोर की हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया, जो 27.5% हिस्सेदारी के साथ एक प्रमुख निवेशक बन गई।
- वर्तमान IPO में क्रिसकैपिटल 6.59% और प्रमोटर 3.5% अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं।
संस्थापक का दृष्टिकोण
- निरव मेहता, प्रबंध निदेशक और सीईओ ने ₹5 लाख के एक छोटे से स्टार्टअप से लेकर वर्तमान स्थिति तक की यात्रा साझा की।
- उन्होंने विकास के लिए आंतरिक संचय (internal accruals) पर कंपनी के फोकस को उजागर किया और शुरुआती वित्तीय चुनौतियों पर काबू पाने के बारे में बताया, जिसमें व्यक्तिगत संपत्तियों को गिरवी रखना भी शामिल था।
- 'कोरोना' नाम सूर्य के कोरोना से प्रेरित था, जो महत्वाकांक्षा और चमक का प्रतीक है।
प्रभाव
- यह IPO भारतीय शेयर बाज़ार में एक नई, अच्छी तरह से समर्थित फार्मास्युटिकल इकाई का परिचय देता है, जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशकों को विविधीकरण (diversification) का अवसर प्रदान कर सकता है।
- विस्तार योजनाएँ, विशेष रूप से हार्मोन सुविधा, भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों के लिए निरंतर वृद्धि और अंतर्राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा का संकेत देती हैं।
- इस IPO की सफलता अन्य मध्यम आकार की फार्मा कंपनियों के लिए भी आत्मविश्वास बढ़ा सकती है जो सार्वजनिक होने की सोच रही हैं।
- प्रभाव रेटिंग: 7/10
कठिन शब्दों की व्याख्या
- IPO (Initial Public Offering): पहली बार जब कोई निजी कंपनी अपने शेयर जनता को पेश करती है, जिससे वह स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध हो सके।
- OFS (Offer-for-Sale): IPO में एक ऐसी विधि जिसमें मौजूदा शेयरधारक (जैसे प्रमोटर या निवेशक) कंपनी द्वारा नए शेयर जारी करने के बजाय, अपने शेयर जनता को बेचते हैं।
- PAT (Profit After Tax): कुल राजस्व से सभी खर्चों, जिसमें कर शामिल हैं, को घटाने के बाद बचा हुआ लाभ।
- EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization): कंपनी के परिचालन प्रदर्शन का एक माप, जिसमें वित्तपोषण लागत, कर और गैर-नकद व्यय को छोड़कर।
- Private Equity (PE): निजी कंपनियों में फर्मों द्वारा किया गया निवेश, अक्सर इक्विटी के बदले में। ये फर्म कंपनी के प्रदर्शन को बेहतर बनाने और लाभ के साथ बाहर निकलने का लक्ष्य रखती हैं।

