IPO की धूम! वेकफिट और कोरोना रेमेडीज ग्रे मार्केट में रॉकेट, क्या लिस्टिंग पर मोटा मुनाफा कमाने का मौका?
Overview
निवेशक उत्साहित हैं क्योंकि वेकफिट इनोवेशन और कोरोना रेमेडीज अपने आईपीओ के लिए तैयार हैं। दोनों कंपनियों को ग्रे मार्केट में जबरदस्त मांग दिख रही है, प्रीमियम काफी बढ़ रहे हैं, जो आकर्षक लिस्टिंग गेन की संभावना जता रहे हैं। वेकफिट ₹1,289 करोड़ जुटाना चाहती है, जबकि कोरोना रेमेडीज ₹655.37 करोड़ की योजना बना रही है, दोनों इश्यू 8 दिसंबर को खुल रहे हैं।
आगामी आईपीओ में ग्रे मार्केट की मजबूत हलचल
वेकफिट इनोवेशन और कोरोना रेमेडीज के दो बड़े आगामी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (आईपीओ) काफी उत्साह पैदा कर रहे हैं, जैसा कि उनके बढ़ते ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) से संकेत मिलता है। ग्रे मार्केट की यह हलचल मजबूत निवेशक रुचि और स्टॉक एक्सचेंजों पर मजबूत शुरुआत के अनुमान का सुझाव देती है।
वेकफिट इनोवेशन लॉन्च की तैयारी में
- वेकफिट इनोवेशन, एक प्रमुख होम और फर्निशिंग कंपनी, अपना पहला पब्लिक ऑफर लॉन्च करने जा रही है।
- आईपीओ का लक्ष्य लगभग ₹1,289 करोड़ जुटाना है।
- सदस्यता अवधि 8 दिसंबर से 10 दिसंबर तक निर्धारित है।
- कंपनी ने ₹185 से ₹195 प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है।
- यह मूल्य निर्धारण वेकफिट इनोवेशन को अनुमानित ₹6,400 करोड़ पर महत्व देता है।
- एंकर निवेशकों के लिए आवंटन 5 दिसंबर को निर्धारित है।
- स्टॉक एक्सचेंजों पर बहुप्रतीक्षित लिस्टिंग 15 दिसंबर को अपेक्षित है।
- वर्तमान में, वेकफिट शेयर ग्रे मार्केट प्रीमियम पर लगभग 18 प्रतिशत का कारोबार कर रहे हैं, जहां इन्वेस्टोर्गेन ने इसे ₹231 बताया है, जो संभावित लिस्टिंग लाभ का लगभग 18.46 प्रतिशत दर्शाता है।
कोरोना रेमेडीज भी पीछे नहीं
- फार्मास्युटिकल फर्म कोरोना रेमेडीज, जिसका समर्थन प्राइवेट इक्विटी निवेशक क्रिसकैपिटल ने किया है, अपने पब्लिक डेब्यू की तैयारी कर रही है।
- इसका आईपीओ ₹655.37 करोड़ जुटाने का प्रयास कर रहा है।
- इश्यू भी 8 दिसंबर को खुलेगा और 10 दिसंबर को समाप्त होगा।
- कोरोना रेमेडीज आईपीओ के लिए प्राइस बैंड ₹1,008 और ₹1,062 प्रति शेयर के बीच निर्धारित किया गया है।
- वेकफिट की तरह, कोरोना रेमेडीज भी 15 दिसंबर को लिस्ट होने वाली है।
- कोरोना रेमेडीज शेयरों के लिए ग्रे मार्केट प्रीमियम लगभग 15 प्रतिशत है, जो सकारात्मक निवेशक भावना को दर्शाता है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) को समझना
- ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) आईपीओ बाजार में एक अनौपचारिक संकेतक है।
- यह वह प्रीमियम है जिस पर आईपीओ शेयरों की स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट में ट्रेडिंग होती है।
- बढ़ते जीएमपी को अक्सर एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जाता है, जो मजबूत मांग और निवेशकों के लिए संभावित उच्च लिस्टिंग लाभ का संकेत देता है।
- हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जीएमपी कोई आधिकारिक संकेतक नहीं है और इसे अन्य मौलिक विश्लेषणों के साथ माना जाना चाहिए।
इस घटना का महत्व
- ये आगामी आईपीओ निवेशकों को वेकफिट इनोवेशन और कोरोना रेमेडीज की विकास गाथाओं में भाग लेने का अवसर प्रदान करते हैं।
- मजबूत जीएमपी यह संकेत देता है कि इन कंपनियों को बाजार द्वारा अच्छी तरह से प्राप्त किया जा रहा है, जो संभावित रूप से सफल लिस्टिंग का कारण बन सकता है।
- कंपनियों के लिए, सफल आईपीओ उन्हें विस्तार, ऋण कटौती, या अन्य रणनीतिक पहलों के लिए पूंजी प्रदान करेंगे।
प्रभाव
- सकारात्मक निवेशक भावना: दोनों आईपीओ के लिए मजबूत जीएमपी भारतीय प्राथमिक बाजार में समग्र निवेशक विश्वास को बढ़ावा दे सकता है।
- पूंजी प्रवाह: सफल धन उगाहने से वेकफिट इनोवेशन और कोरोना रेमेडीज अपनी विकास योजनाओं को बढ़ावा दे पाएंगे।
- बाजार तरलता: इन नई कंपनियों की लिस्टिंग से ट्रेडिंग वॉल्यूम और भारतीय शेयर बाजार की विविधता में वृद्धि होगी।
- प्रभाव रेटिंग (0-10): 7

