IPO
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28th October 2025, 4:43 PM

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भारतीय शेयर बाज़ार का प्राइमरी सेगमेंट अगले हफ़्ते काफी गतिविधि की उम्मीद कर रहा है, जिसमें कम से कम तीन प्रमुख 'यूनिकॉर्न' कंपनियां अपनी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPOs) लॉन्च करने की योजना बना रही हैं। इनमें फिनटेक स्टार्टअप Groww, डिजिटल पेमेंट्स फर्म Pine Labs, और एडटेक प्रोवाइडर Physics Wallah शामिल हैं। इन तीनों से मिलकर लगभग 17,000 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद है। Groww, जो ग्राहकों की संख्या के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा ब्रोकरेज है, का लक्ष्य लगभग 7,000 करोड़ रुपये जुटाना है, जिसमें से 5,940 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल (OFS) से आएंगे। Pine Labs का इरादा 6,180 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने का है, और Physics Wallah लगभग 3,820 करोड़ रुपये जुटाना चाहता है। इस तेज़ी में और इज़ाफ़ा करते हुए, Lenskart का 7,278 करोड़ रुपये का फंडरेज़ उसी हफ़्ते 4 नवंबर तक अपनी पब्लिक बिडिंग अवधि समाप्त करेगा। इन्वेस्टमेंट बैंकरों का अनुमान है कि आने वाले हफ़्ते में कुल लॉन्च और फंडरेज़ लगभग 2 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकते हैं। IPO पाइपलाइन असाधारण रूप से मज़बूत रही है, और सिटीबैंक के सीईओ के. बालासुब्रमण्यन के अनुसार, अगले दो महीनों में भारत में IPOs के माध्यम से कुल फंड जुटाना 10 बिलियन से 15 बिलियन डॉलर के बीच रहने का अनुमान है। Cleanmax Enviro Energy (5,200 करोड़ रुपये), Casagrand Premier Builder (1,100 करोड़ रुपये), और KSH International (745 करोड़ रुपये) जैसी अन्य कंपनियां भी जल्द ही अपने IPO लॉन्च का इंतज़ार कर रही हैं। आगे चलकर, Veeda Clinical Research, Capillary Technologies, और Pranav Construction भी अनुकूल बाज़ार परिस्थितियों के आधार पर हफ़्तों के भीतर बाज़ार में डेब्यू करने की योजना बना रहे हैं। हाल के बड़े IPOs की सफलता ने प्राइमरी मार्केट को फिर से जीवंत किया है, और यह ट्रेंड नवंबर और 2026 की शुरुआत तक जारी रहने की उम्मीद है, जिसे मज़बूत डोमेस्टिक लिक्विडिटी और रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी का समर्थन प्राप्त है। बाज़ार विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले साल 200 से अधिक कंपनियां लगभग 35 बिलियन डॉलर जुटाएंगी, जिसमें एक सिटीग्रुप बैंकर 20 बिलियन डॉलर के IPOs का अनुमान लगा रहा है, जिसमें संभवतः रिलायंस जियो का रिकॉर्ड-तोड़ने वाला IPO भी शामिल हो सकता है। वैश्विक स्तर पर, जहाँ अमेरिका IPO वॉल्यूम में सबसे आगे है, वहीं 2025 में भारत चौथे स्थान पर है। SEBI ने हाल ही में Steamhouse, MilkyMist, Cure Foods, Kanodia Cement, और Gaja Alternative के IPOs को मंज़ूरी दी है, हालांकि इसने Sterlite Electric Ltd के IPO को होल्ड पर रखा है। प्रभाव: IPOs की यह बढ़ी हुई गतिविधि भारतीय शेयर बाज़ार के लिए अत्यधिक सकारात्मक है। यह निवेशकों के मज़बूत विश्वास का संकेत देती है, कंपनियों को विकास के लिए आवश्यक पूंजी प्रदान करती है, और निवेशकों के लिए धन सृजन के नए रास्ते खोलती है। प्राइमरी मार्केट की बढ़ी हुई गतिविधि आम तौर पर अधिक लिक्विडिटी, उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम और एक अधिक जीवंत बाज़ार पारिस्थितिकी तंत्र की ओर ले जाती है। पूंजी का प्रवाह कंपनी विस्तार और रोज़गार सृजन के माध्यम से आर्थिक विकास को गति दे सकता है। हालांकि, आगामी IPOs की भारी संख्या के कारण निवेशकों को पूरी तरह से उचित परिश्रम (due diligence) करने की आवश्यकता होगी। भारतीय शेयर बाज़ार पर इसका प्रभाव 10 में से 8 आंका गया है। कठिन शब्द: * IPO (Initial Public Offering): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पूंजी जुटाने के लिए पहली बार जनता को अपने शेयर पेश करती है। * Unicorn: एक निजी तौर पर आयोजित स्टार्टअप कंपनी जिसका मूल्यांकन 1 बिलियन डॉलर से अधिक हो। * Offer for Sale (OFS): एक ऐसी विधि जहाँ कंपनी के मौजूदा शेयरधारक नए निवेशकों को अपने शेयर बेचते हैं। कंपनी OFS के माध्यम से नया फंड नहीं जुटाती; पैसा बेचने वाले शेयरधारकों को जाता है। * SEBI (Securities and Exchange Board of India): भारत में प्रतिभूति बाज़ार का प्राथमिक नियामक, जो निवेशक हितों की रक्षा और बाज़ार विकास को बढ़ावा देने के लिए ज़िम्मेदार है। * Liquidity: वह आसानी जिससे किसी संपत्ति को बाज़ार में उसकी कीमत पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाले बिना खरीदा या बेचा जा सकता है। शेयर बाज़ार में, उच्च लिक्विडिटी का मतलब है कि शेयरों का आसानी से कारोबार किया जा सकता है। * Retail Participation: शेयर बाज़ार में व्यक्तिगत, गैर-पेशेवर निवेशकों की भागीदारी।