International News
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Updated on 05 Nov 2025, 03:51 pm
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए बातचीत अपने अंतिम चरण के करीब पहुंच रही है, जिसमें कृषि-प्रौद्योगिकी (agri-tech) साझा करने और श्रम गतिशीलता (labour mobility) पर मुख्य चर्चाएं केंद्रित हैं। न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री, टॉड मैकक्ले ने संकेत दिया कि वे भारत की कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद के लिए अपनी उन्नत कृषि-प्रौद्योगिकी साझा करने के इच्छुक हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य के अनुरूप है। श्रम गतिशीलता पर भी चर्चा हो रही है, हालांकि न्यूजीलैंड ने अपने स्वयं के आप्रवासन प्रोटोकॉल (immigration protocols) का पालन करने पर जोर दिया।
हालांकि, न्यूजीलैंड के डेयरी उत्पादों के लिए बाजार पहुंच को लेकर एक महत्वपूर्ण बाधा बनी हुई है। भारत ने अपने डेयरी किसानों, MSMEs और कमजोर क्षेत्रों की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई है, और इन मोर्चों पर कोई समझौता न करने का संकेत दिया है। जबकि न्यूजीलैंड विशिष्ट उच्च-स्तरीय डेयरी उत्पादों के लिए बाजार पहुंच चाहता है जो भारतीय उत्पादकों के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा में नहीं हैं, भारत अपने कुशल पेशेवरों के लिए आसान आवाजाही और अपने आईटी और सेवा क्षेत्र के लिए बेहतर पहुंच से लाभ प्राप्त करने को प्राथमिकता दे रहा है, क्योंकि न्यूजीलैंड में वस्तुओं पर टैरिफ पहले से ही कम हैं।
भारत-न्यूजीलैंड व्यापार वर्तमान में $1.54 बिलियन है, और दोनों देश महत्वपूर्ण वृद्धि की क्षमता देख रहे हैं। इन वार्ताओं का परिणाम भविष्य के द्विपक्षीय व्यापार गतिशीलता (bilateral trade dynamics) को आकार देगा।
**प्रभाव (Impact)** इस समाचार का भारतीय शेयर बाजार और व्यवसायों पर मध्यम प्रभाव (6/10) है। कृषि-प्रौद्योगिकी साझा करने पर ध्यान केंद्रित करने से यदि प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है तो भारतीय कृषि इनपुट कंपनियों को लाभ हो सकता है। आसान श्रम गतिशीलता प्रावधान आईटी और सेवा क्षेत्र को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगे। डेयरी पर भारत का रक्षात्मक रुख इसके घरेलू डेयरी उद्योग को स्थिरता प्रदान करता है, जबकि अन्य क्षेत्रों में संभावित रियायतें विशिष्ट आयात-निर्भर व्यवसायों को प्रभावित कर सकती हैं। समग्र सौदे का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में अवसर पैदा हो सकते हैं।
**कठिन शब्दों की व्याख्या (Difficult Terms Explained)** * **मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement - FTA):** दो या दो से अधिक देशों के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता, जिसमें उनके बीच आदान-प्रदान किए जाने वाले माल और सेवाओं पर टैरिफ और अन्य व्यापार बाधाओं को कम या समाप्त किया जाता है। * **बाजार पहुंच (Market Access):** विदेशी कंपनियों की किसी अन्य देश के बाजार में अपने उत्पादों या सेवाओं को बेचने की क्षमता, जिसमें अक्सर टैरिफ, कोटा और नियामक आवश्यकताओं पर बातचीत शामिल होती है। * **कृषि-प्रौद्योगिकी (Agri Technology):** कृषि में दक्षता, उत्पादकता और स्थिरता में सुधार के लिए उपयोग किए जाने वाले तकनीकी नवाचार और उपकरण, जैसे सटीक खेती (precision farming), जैव प्रौद्योगिकी (biotechnology) और मशीनीकरण (mechanization)। * **श्रम गतिशीलता (Labour Mobility):** रोजगार के लिए लोगों की एक देश से दूसरे देश में जाने की क्षमता, जिसमें आप्रवासन नीतियां (immigration policies), वीजा नियम (visa regulations) और पेशेवर योग्यता की मान्यता शामिल है। * **MSMEs:** माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज ऐसे व्यवसाय हैं जो निवेश, टर्नओवर और कर्मचारी संख्या के मामले में कुछ निश्चित सीमा से नीचे आते हैं। वे अक्सर रोजगार और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। * **FY2024:** भारतीय वित्तीय वर्ष 2024 को संदर्भित करता है, जो आम तौर पर 1 अप्रैल, 2023 से 31 मार्च, 2024 तक चलता है। * **GTRI:** ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव, एक शोध निकाय जो वैश्विक व्यापार नीतियों और रुझानों का अध्ययन करता है।