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Updated on 05 Nov 2025, 10:36 am
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
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केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा की कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता अच्छी प्रगति कर रही है, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि "संवेदनशील और गंभीर मुद्दों" को हल करने में अधिक समय की आवश्यकता है। व्हाइट हाउस ने भी इस बात पर जोर देते हुए इस बात की पुष्टि की कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, भले ही व्यापार टैरिफ और रूसी तेल आयात पर मौजूदा मतभेद हों।
एक व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के प्रारंभिक चरण पर बातचीत आगे बढ़ रही है, जिसका लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाना है। मार्च से बातचीत के कई दौर हो चुके हैं, जिसमें पहले चरण का लक्ष्य 2025 की शरद ऋतु है। ये वार्ताएं पिछले व्यापारिक घर्षणों के बाद महत्वपूर्ण हैं, जिसमें भारतीय सामानों पर अमेरिकी टैरिफ भी शामिल हैं।
**प्रभाव** यह खबर भारतीय व्यवसायों और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। BTA वार्ता में प्रगति से व्यापार की मात्रा बढ़ सकती है और बाधाएं कम हो सकती हैं, जिससे निवेशक विश्वास और निर्यात के अवसर बढ़ेंगे। अनसुलझे मुद्दे या नए टैरिफ चुनौतियां पेश कर सकते हैं। चल रही बातचीत आर्थिक संबंधों के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करती है। प्रभाव रेटिंग: 8/10.
**कठिन शब्द** * **द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA)**: दो देशों के बीच एक समझौता जो टैरिफ जैसे व्यापार अवरोधों को कम करता है, आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देता है। * **टैरिफ**: आयातित वस्तुओं पर कर, जिनका उपयोग घरेलू उद्योगों की रक्षा के लिए या व्यापार विवाद उपकरण के रूप में किया जाता है। * **रूसी तेल आयात**: रूस से कच्चे तेल की खरीद, जो एक भू-राजनीतिक चिंता का विषय है। * **यूक्रेन संघर्ष**: चल रही सैन्य व्यस्तता जो वैश्विक ऊर्जा बाजारों और व्यापार नीतियों को प्रभावित कर रही है।