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29th October 2025, 6:19 PM

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Headline: आईटीएटी ने नेटफ्लिक्स इंडिया के वितरक दर्जे को बरकरार रखा, ₹445 करोड़ की कर मांग रद्द की।
Body: आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी), मुंबई पीठ ने नेटफ्लिक्स एंटरटेनमेंट सर्विसेज इंडिया एलएलपी के पक्ष में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। न्यायाधिकरण ने कर विभाग के नेटफ्लिक्स इंडिया को एक पूर्ण-विकसित उद्यमी या सामग्री प्रदाता के रूप में पुनर्वर्गीकृत करने के प्रयास को खारिज कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, आकलन वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित ₹444.93 करोड़ के ट्रांसफर प्राइसिंग समायोजन को हटा दिया गया है। पीठ ने स्पष्ट किया कि नेटफ्लिक्स इंडिया एक सीमित-जोखिम वितरक के रूप में कार्य करता है, जो स्ट्रीमिंग सेवा तक पहुंच प्रदान करता है, न कि उच्च-जोखिम वाली सामग्री और प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता के रूप में।
Impact: यह निर्णय भारत में संचालित होने वाली डिजिटल और स्ट्रीमिंग बहुराष्ट्रीय निगमों के लिए महत्वपूर्ण है। यह इस सिद्धांत को पुष्ट करता है कि कर अधिकारियों को संविदात्मक समझौतों और कार्यात्मक भूमिकाओं के आर्थिक सार का सम्मान करना चाहिए। सीमित-जोखिम वितरक दर्जे को बनाए रखकर, आईटीएटी का निर्णय समान कंपनियों के लिए कर विवादों और अनिश्चितता को कम कर सकता है, जो उनकी लाभप्रदता और भारत में निवेश निर्णयों को संभावित रूप से प्रभावित कर सकता है। यह निर्णय इस बात की पुष्टि करता है कि केवल परिचालन उपस्थिति का मतलब उद्यमशीलता मूल्य निर्माण नहीं है।