Insurance
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Updated on 13 Nov 2025, 08:56 am
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
इंश्योरेंस कंपनियाँ सालाना लाखों क्लेम प्रोसेस करती हैं, जिनमें से अधिकांश स्वीकृत हो जाते हैं। हालाँकि, अस्वीकृतियाँ अक्सर दस्तावेज़ीकरण और खुलासे के बीच विसंगतियों, छूटी हुई समय-सीमाओं, या पॉलिसीधारक की गलतफहमी के कारण होती हैं।
क्लेम अस्वीकृत होने के पाँच सबसे आम कारण हैं:
1. **मेडिकल हिस्ट्री का खुलासा न करना**: पॉलिसी खरीदते समय थायरॉइड जैसी छोटी-मोटी पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं, पुराने फ्रैक्चर, या उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों का खुलासा न करने से क्लेम अस्वीकृत हो सकता है। यदि किसी अप्रकट महत्वपूर्ण जानकारी का पता चलता है तो बीमाकर्ता कानूनी रूप से क्लेम अस्वीकार कर सकते हैं। 2. **लैप्स या निष्क्रिय पॉलिसियाँ**: यदि किसी घटना के होने से पहले पॉलिसी का प्रीमियम छूट जाता है या उसकी नवीनीकरण (renewal) तिथि बीत जाती है, तो कवरेज शून्य हो जाता है, जिससे क्लेम अस्वीकृत हो जाता है। नवीनीकरण रिमाइंडर या ऑटो-डेबिट के माध्यम से पॉलिसियों को सक्रिय रखना महत्वपूर्ण है। 3. **अनुमत समय-सीमा के बाहर क्लेम फाइल करना**: बीमाकर्ताओं के पास घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए सख्त समय-सीमाएँ होती हैं। स्वास्थ्य बीमा के लिए, यह अक्सर अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटे के भीतर होता है, और मोटर बीमा के लिए, मरम्मत शुरू होने से पहले। देर से सूचना देने से क्लेम अस्वीकृत हो सकता है। 4. **पॉलिसी बहिष्कृतियों (Exclusions) को गलत समझना**: सभी पॉलिसियों में बहिष्कृतियाँ होती हैं (जैसे, स्वास्थ्य योजनाओं में दंत चिकित्सा, मोटर योजनाओं में यांत्रिक विफलता, जीवन योजनाओं में आत्महत्या)। इन विशिष्ट सीमाओं को न समझने से अप्रत्याशित अस्वीकृतियाँ हो सकती हैं। 5. **अपर्याप्त दस्तावेज़ीकरण**: आवश्यक दस्तावेज़ जैसे कि अस्पताल के बिल, डिस्चार्ज सारांश, दुर्घटनाओं के लिए एफआईआर (FIR), या स्वामित्व का प्रमाण न होने पर अस्वीकृति के आधार मिल सकते हैं। घटना और नुकसान को स्थापित करने के लिए स्पष्ट, पूर्ण दस्तावेज़ीकरण महत्वपूर्ण है।
**प्रभाव (Impact)** यह खबर भारत के सभी बीमा पॉलिसीधारकों के लिए अत्यधिक प्रासंगिक है, जो उनकी वित्तीय सुरक्षा को प्रभावित करती है और यदि क्लेम अस्वीकृत हो जाते हैं तो संभावित रूप से महत्वपूर्ण तनाव और वित्तीय नुकसान पहुंचा सकती है। बीमा कंपनियों के लिए, बार-बार होने वाली अस्वीकृतियाँ ग्राहक असंतोष और नियामक जांच का कारण बन सकती हैं। पॉलिसीधारकों की वित्तीय भलाई और बीमा क्षेत्र में विश्वास पर इसका प्रभाव काफी है। रेटिंग: 6/10
**परिभाषाएँ (Definitions)** * **पॉलिसीधारक (Policyholder)**: वह व्यक्ति जो बीमा पॉलिसी का मालिक है। * **क्लेम (Claim)**: बीमा पॉलिसी की शर्तों के आधार पर भुगतान के लिए बीमा कंपनी से किया गया एक औपचारिक अनुरोध। * **खुलासा न करना (Non-disclosure)**: महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा न करना जो जोखिम का आकलन करने के लिए बीमाकर्ता के लिए आवश्यक है। * **सामग्री जानकारी (Material Information)**: ऐसे तथ्य जो बीमाकर्ता के कवरेज की पेशकश करने या प्रीमियम निर्धारित करने के निर्णय को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त महत्वपूर्ण हों। * **लैप्स पॉलिसी (Lapsed Policy)**: एक बीमा पॉलिसी जो प्रीमियम का भुगतान न करने या नियत तारीख तक नवीनीकरण न करने के कारण समाप्त हो गई हो। * **बहिष्कृतियाँ (Exclusions)**: बीमा पॉलिसी द्वारा कवर नहीं की जाने वाली विशिष्ट स्थितियाँ या घटनाएँ। * **एफ.आई.आर. (FIR)**: फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट, एक आपराधिक जांच की शुरुआत में पुलिस के साथ दर्ज की गई रिपोर्ट।