हेवल्स इंडिया लिमिटेड ने एचपीएल ग्रुप के साथ ₹129.6 करोड़ में दशकों पुराने ट्रेडमार्क विवाद का निपटारा किया।
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Updated on 09 Nov 2025, 12:03 pm
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Satyam Jha | Whalesbook News Team
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हेवल्स इंडिया लिमिटेड ने एचपीएल ग्रुप के साथ एक व्यापक निपटारे को आधिकारिक तौर पर संपन्न कर लिया है, जिससे ' हेवल्स' ट्रेडमार्क के उपयोग को लेकर लंबे समय से चले आ रहे कानूनी विवाद का समाधान हो गया है। यह समझौता, जो 8 नवंबर, 2025 को निष्पादित हुआ, हेवल्स इंडिया द्वारा एचपीएल ग्रुप को ₹129.6 करोड़ के एकमुश्त (one-time) भुगतान का प्रावधान करता है।
यह निपटारा दिल्ली उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय सहित विभिन्न अदालतों में चल रही सभी कानूनी कार्यवाहियों को प्रभावी ढंग से समाप्त करता है, जिन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मध्यस्थता (mediation) के लिए भेजा गया था।
निपटान की शर्तों के तहत, एचपीएल ग्रुप ने हेवल्स इंडिया और उसके प्रमोटरों के ' हेवल्स' ट्रेडमार्क पर पूर्ण अधिकारों को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी है, जो 1971 से हैं। एचपीएल ग्रुप ने नाम पर कोई भी भविष्य के दावे को माफ कर दिया है और इसका उपयोग करने या चुनौती देने से बचने की प्रतिबद्धता भी जताई है। इसके अतिरिक्त, एचपीएल ग्रुप अपनी संस्थाओं, 'हेवल्स प्राइवेट लिमिटेड' और 'हेवल्स इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड', का नाम बदलकर ऐसे शीर्षक रखेगा जिनमें ' हेवल्स' नाम शामिल न हो, जिससे यह दशकों पुराना विवाद स्थायी रूप से हल हो जाएगा।
प्रभाव: यह समाधान हेवल्स इंडिया के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो महत्वपूर्ण कानूनी और वित्तीय स्पष्टता प्रदान करता है। यह भविष्य की मुकदमेबाजी की लागत और अनिश्चितताओं के जोखिम को समाप्त करता है, जिससे कंपनी अपने मुख्य व्यवसाय संचालन और विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर सके। निवेशक आम तौर पर ऐसे लंबे समय से चले आ रहे विवादों के समाधान को सकारात्मक रूप से देखते हैं, क्योंकि यह कॉर्पोरेट प्रशासन और ब्रांड अखंडता को बढ़ाता है। रेटिंग: 7/10।