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सेफगार्ड ड्यूटी और मिश्रित कंपनी नतीजों के बीच भारतीय स्टील सेक्टर में निवेशकों की रुचि बढ़ी

Industrial Goods/Services

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Updated on 01 Nov 2025, 01:56 am

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Reviewed By

Aditi Singh | Whalesbook News Team

Short Description :

भारतीय स्टील उद्योग में निवेशकों का ध्यान फिर से आकर्षित हो रहा है, जिसका मुख्य कारण 12% की सेफगार्ड ड्यूटी है जो पूर्वी एशिया से सस्ते आयात को रोकने के लिए लगाई गई है। वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में स्टील आयात में गिरावट आई है, जबकि SAIL और JSW Steel जैसे प्रमुख खिलाड़ी अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर के करीब कारोबार कर रहे हैं। भले ही वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में कीमतों से मिलने वाली आय (price realisations) पर दबाव रहा, JSW Steel ने लागत प्रबंधन में मजबूत प्रदर्शन कर मुनाफे में बड़ी वृद्धि दर्ज की, वहीं SAIL को इनपुट लागत बढ़ने और कम रियलाइजेशन के कारण मुनाफे में गिरावट का सामना करना पड़ा। दोनों कंपनियों ने क्षमता विस्तार के लिए महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय (capital expenditure) योजनाओं की घोषणा की है।
सेफगार्ड ड्यूटी और मिश्रित कंपनी नतीजों के बीच भारतीय स्टील सेक्टर में निवेशकों की रुचि बढ़ी

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Stocks Mentioned :

Steel Authority of India Limited
JSW Steel Limited

Detailed Coverage :

भारत के स्टील सेक्टर में निवेशकों की रुचि फिर से दिखाई दे रही है, जिसे सरकार द्वारा लगाए गए 12% सेफगार्ड ड्यूटी से और बढ़ावा मिला है। इस ड्यूटी का उद्देश्य घरेलू उद्योग को सस्ते आयात, विशेष रूप से पूर्वी एशियाई देशों से, से बचाना है। यह उपाय प्रभावी साबित हो रहा है, क्योंकि FY26 की पहली छमाही में भारत का स्टील आयात पिछले साल की समान अवधि के 5.78 मिलियन टन से घटकर 4.9 मिलियन टन हो गया है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) और JSW Steel जैसे प्रमुख स्टील निर्माताओं के स्टॉक अपने संबंधित 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर के करीब कारोबार कर रहे हैं, जो सकारात्मक बाजार भावना को दर्शाता है।

सितंबर 2025 की तिमाही के कंपनी प्रदर्शन के संबंध में: SAIL ने स्टैंडअलोन राजस्व में 8.2% साल-दर-साल (year-on-year) वृद्धि दर्ज कर 26,703.9 करोड़ रुपये हासिल किए, जिसमें स्टील उत्पाद बिक्री मात्रा एक साल पहले के 4.1 मिलियन टन से बढ़कर 4.9 मिलियन टन हो गई। हालांकि, प्रति टन मूल्य प्राप्ति (price realisations) में लगभग 9% साल-दर-साल की कमी आई। इनपुट लागत में वृद्धि और इन्वेंट्री में बदलाव के कारण इसके मुख्य परिचालन लाभ मार्जिन (core operating profit margin) में 230 आधार अंकों (basis points) की गिरावट आई और यह 9.5% हो गया, जिसके परिणामस्वरूप स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ में लगभग 49% साल-दर-साल की गिरावट आई।

दूसरी ओर, JSW Steel ने समेकित राजस्व (consolidated revenue) में 13.8% साल-दर-साल वृद्धि के साथ 45,152 करोड़ रुपये दर्ज किए। समेकित बिक्री मात्रा 19.7% बढ़कर 7.34 मिलियन टन हो गई, जिसका श्रेय इष्टतम संयंत्र संचालन (optimal plant operations) और सहायक कंपनियों से बढ़े हुए उत्पादन (enhanced output) को जाता है। मूल्य प्राप्ति (realisations) में लगभग 5% साल-दर-साल की गिरावट के बावजूद, JSW Steel का समेकित परिचालन लाभ मार्जिन 210 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 15.8% हो गया, जिसका कारण कड़े लागत नियंत्रण उपाय (stringent cost control measures) थे। इससे समेकित शुद्ध लाभ में लगभग 307% साल-दर-साल की भारी वृद्धि हुई और यह 1,646 करोड़ रुपये हो गया।

पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure - Capex) योजनाओं के संबंध में, JSW Steel आक्रामक रूप से विस्तार कर रहा है, जिसमें H1 FY26 में 6,535 करोड़ रुपये का समेकित Capex और FY26 में 20,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। विस्तार योजनाओं में कोल्ड रोल्ड ग्रेन ओरिएंटेड (CRGO) इलेक्ट्रिकल स्टील क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि शामिल है। SAIL ने अपने एकीकृत स्टील संयंत्रों (integrated steel plants) के चरण-1 विस्तार की योजना बनाई है, जिससे 2030-31 तक स्टील क्षमता को लगभग 19 मिलियन टन से बढ़ाकर 35 मिलियन टन करने का लक्ष्य है, जिसके लिए FY26 हेतु 7,500 करोड़ रुपये का Capex नियोजित है।

मूल्यांकन (Valuations) से पता चलता है कि SAIL 20 गुना से अधिक के P/E अनुपात पर कारोबार कर रहा है, जबकि JSW Steel 48 गुना से अधिक पर कारोबार कर रहा है, जो दर्शाता है कि विकास के अवसरों को वर्तमान स्टॉक कीमतों में पहले ही शामिल कर लिया गया है। निवेशक वैश्विक स्टील कीमतों और आयात रुझानों पर बारीकी से नजर रखेंगे। FY26 के उत्तरार्ध में ऑटो और निर्माण जैसे उपयोगकर्ता उद्योगों (user industries) में सुधार की उम्मीदें क्षेत्र को और समर्थन देंगी।

प्रभाव यह खबर भारतीय शेयर बाजार, विशेष रूप से स्टील सेक्टर को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। सेफगार्ड ड्यूटी घरेलू उत्पादकों के लिए एक सुरक्षात्मक वातावरण प्रदान करती है, जो बिक्री और लाभप्रदता को बढ़ावा दे सकती है। JSW Steel का मजबूत प्रदर्शन प्रभावी परिचालन प्रबंधन को उजागर करता है, जबकि SAIL की चुनौतियाँ लागत दबावों और रियलाइजेशन में गिरावट के प्रभाव को रेखांकित करती हैं। भविष्य की वृद्धि Capex योजनाओं के सफल निष्पादन और अंतिम-उपयोगकर्ता उद्योगों से मांग पर निर्भर करेगी। रेटिंग: 7/10

कठिन शब्द: Safeguard Duty (सेफगार्ड ड्यूटी): यह एक अस्थायी टैरिफ है जो घरेलू उद्योगों को अचानक बढ़े हुए आयात से बचाने के लिए लगाया जाता है, जो उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं। Dalal Street (डालाल स्ट्रीट): भारतीय शेयर बाजार का बोलचाल का नाम, विशेष रूप से मुंबई में स्थित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)। 52-week high (52-सप्ताह का उच्च): वह उच्चतम मूल्य जिस पर एक स्टॉक पिछले 52 हफ्तों (एक वर्ष) में कारोबार किया गया हो। Price Realisations (मूल्य प्राप्ति): कंपनी को अपने उत्पादों के लिए प्राप्त औसत बिक्री मूल्य। Standalone Revenue (स्टैंडअलोन राजस्व): किसी कंपनी द्वारा केवल अपने परिचालन से उत्पन्न राजस्व, किसी भी सहायक कंपनी को छोड़कर। y-o-y (साल-दर-साल): एक अवधि (जैसे तिमाही) की पिछले वर्ष की समान अवधि से तुलना। Input Costs (इनपुट लागत): किसी कंपनी द्वारा अपने सामान या सेवाओं के उत्पादन के लिए किया गया व्यय (जैसे कच्चा माल, ऊर्जा)। Core Operating Profit Margin (मुख्य परिचालन लाभ मार्जिन): लाभप्रदता का एक माप जो ब्याज, करों, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले के लाभ को राजस्व के प्रतिशत के रूप में दिखाता है। Basis Points (आधार अंक): एक प्रतिशत बिंदु का सौवां भाग (0.01%)। 230 आधार अंक = 2.3%। Consolidated Revenue (समेकित राजस्व): एक मूल कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों का कुल संयुक्त राजस्व। Optimum Capacity (इष्टतम क्षमता): उत्पादन के सबसे कुशल स्तर पर संचालन। Planned Maintenance Shutdown (नियोजित रखरखाव शटडाउन): आवश्यक मरम्मत और रखरखाव के लिए एक संयंत्र का अस्थायी बंद होना। Enhanced Output (बढ़ा हुआ उत्पादन): उत्पादन में वृद्धि। Mining Premium and Royalties (खनन प्रीमियम और रॉयल्टी): खनिज निकालने के अधिकार के लिए किए जाने वाले भुगतान, अक्सर राजस्व या मात्रा पर आधारित। Return on Capital Employed (ROCE) (नियोजित पूंजी पर रिटर्न): एक लाभप्रदता अनुपात जो मापता है कि कोई कंपनी लाभ उत्पन्न करने के लिए अपनी पूंजी का कितनी कुशलता से उपयोग कर रही है। Capital Expenditure (Capex) (पूंजीगत व्यय): कंपनी द्वारा संपत्ति, भवन और उपकरण जैसी भौतिक संपत्तियों को प्राप्त करने, अपग्रेड करने और बनाए रखने के लिए उपयोग किया जाने वाला धन। Cold Rolled Grain Oriented (CRGO) Electrical Steel (कोल्ड रोल्ड ग्रेन ओरिएंटेड इलेक्ट्रिकल स्टील): इलेक्ट्रिक ट्रांसफार्मर और मोटर्स में उपयोग किए जाने वाले विशेष प्रकार के स्टील, जो इसके चुंबकीय गुणों के लिए मूल्यवान है। Integrated Steel Plants (एकीकृत स्टील संयंत्र): वे सुविधाएं जो कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पादों तक, स्टील उत्पादन के सभी चरणों को संभालती हैं। GST Rate Cut (जीएसटी दर में कटौती): वस्तु एवं सेवा कर दर में कमी। P/E Ratio (Price-to-Earnings Ratio) (पी/ई अनुपात (मूल्य-से-आय अनुपात)): कंपनी के शेयर मूल्य की उसके प्रति शेयर आय से तुलना करने वाला मूल्यांकन मीट्रिक। उच्च P/E विकास की अपेक्षाओं का सुझाव दे सकता है।

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