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भारत के सीमेंट सेक्टर में ₹1.2 लाख करोड़ का भारी निवेश, विस्तार की बड़ी तैयारी! निवेशकों को अभी क्या जानना चाहिए!

Industrial Goods/Services

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Updated on 12 Nov 2025, 10:57 am

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Reviewed By

Aditi Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

भारतीय सीमेंट उद्योग FY26 से FY28 के बीच 160-170 मिलियन टन ग्राइंडिंग क्षमता जोड़ने वाला है, जिसमें लगभग ₹1.2 लाख करोड़ के निवेश की आवश्यकता होगी। यह महत्वपूर्ण विस्तार मजबूत मांग और उच्च क्षमता उपयोग से प्रेरित है, जिसका एक बड़ा हिस्सा ब्राउनफील्ड परियोजनाओं में होगा और परिचालन नकदी प्रवाह (operating cashflows) से वित्तपोषित होगा। Crisil Ratings के अनुसार, मजबूत नकदी सृजन और प्रबंधनीय वित्तीय लीवरेज के कारण सीमेंट निर्माताओं की क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहने की उम्मीद है।
भारत के सीमेंट सेक्टर में ₹1.2 लाख करोड़ का भारी निवेश, विस्तार की बड़ी तैयारी! निवेशकों को अभी क्या जानना चाहिए!

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Detailed Coverage:

भारतीय सीमेंट क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वृद्धि होने वाली है। FY26 से FY28 तक 160-170 मिलियन टन (MT) ग्राइंडिंग क्षमता जोड़ने की योजना है। इस महत्वाकांक्षी विस्तार में लगभग ₹1.2 लाख करोड़ की पूंजीगत व्यय (capex) शामिल होगी, जो पिछले तीन वित्तीय वर्षों में जोड़ी गई क्षमता से लगभग 75% अधिक है। यह उछाल मुख्य रूप से सकारात्मक मांग दृष्टिकोण और वर्तमान उच्च क्षमता उपयोग दरों से प्रेरित है। जोखिम को कम करने वाला एक प्रमुख कारक यह है कि इस विस्तार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ब्राउनफील्ड परियोजनाएं होंगी, जिन्हें लागू करना तेज होता है और इसमें कम नई भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होती है। भारी capex का अधिकांश हिस्सा सीमेंट निर्माताओं द्वारा उत्पन्न मजबूत परिचालन नकदी प्रवाह (operating cash flows) द्वारा वित्तपोषित होने की उम्मीद है। नतीजतन, Crisil Ratings का अनुमान है कि इन कंपनियों का वित्तीय लीवरेज (financial leverage) स्थिर रहेगा, जिससे क्रेडिट प्रोफाइल मजबूत बने रहेंगे। 17 प्रमुख सीमेंट उत्पादकों के विश्लेषण में उद्योग में चल रहे समेकन (consolidation) को भी नोट किया गया है। पिछले तीन वित्तीय वर्षों में मजबूत मांग, जिसमें वॉल्यूम 9.5% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़े हैं, ने क्षमता उपयोग को 70% तक पहुंचा दिया है, जो दहाई अंक के औसत से ऊपर है। इसके अलावा, अनुमानित capex का 10-15% हरित ऊर्जा और दक्षता सुधारों के लिए आवंटित किया जाएगा, जो भविष्य की लाभप्रदता में योगदान देगा। प्रभाव: यह खबर भारतीय शेयर बाजार और भारतीय व्यवसायों के लिए अत्यधिक प्रभावशाली है। यह एक मूलभूत उद्योग में मजबूत विकास की संभावनाओं का संकेत देती है, जो सीमेंट कंपनियों में सकारात्मक निवेशक भावना और स्टॉक मूल्य में वृद्धि की क्षमता का सुझाव देता है। यह पर्याप्त निवेश मजबूत आर्थिक गतिविधि और बुनियादी ढांचा विकास को भी दर्शाता है। कठिन शब्दावली: * ग्राइंडिंग क्षमता (Grinding Capacity): सीमेंट प्लांट की वह क्षमता जिससे सीमेंट को क्लिंकर और अन्य कच्चे माल से उत्पादित किया जाता है। * मिलियन टन (MT): द्रव्यमान मापने की एक इकाई, जो दस लाख टन के बराबर होती है। * कैपेक्स (Capex - Capital Expenditure): कंपनी द्वारा संपत्ति, भवन, तकनीक या उपकरण जैसे भौतिक संपत्तियों को प्राप्त करने, अपग्रेड करने और बनाए रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले धन। * ब्राउनफिल्ड प्रोजेक्ट (Brownfield Project): ऐसी साइट पर विस्तार या विकास जो पहले इस्तेमाल की जा चुकी हो, जिसमें मौजूदा बुनियादी ढांचा शामिल हो सकता है। इसके लिए आमतौर पर ग्रीनफील्ड परियोजनाओं की तुलना में कम समय और निवेश की आवश्यकता होती है। * ग्रीनफिल्ड प्रोजेक्ट (Greenfield Project): एक नई, अविकसित साइट पर विकसित परियोजना, जिसमें शुरुआत से निर्माण की आवश्यकता होती है। * ऑपरेटिंग कैशफ्लो (Operating Cashflows): वह नकदी जो कंपनी अपने सामान्य व्यावसायिक कार्यों से उत्पन्न करती है। * वित्तीय लीवरेज (Financial Leverage): वह डिग्री जिस हद तक एक कंपनी अपनी संपत्तियों को वित्तपोषित करने के लिए ऋण का उपयोग करती है। * नेट डेट टू ईबीआईटीडीए अनुपात (Net Debt to Ebitda Ratio): एक वित्तीय मीट्रिक जो कंपनी की अपने ऋण का भुगतान करने की क्षमता को मापता है। ईबीआईटीडीए ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई है। कम अनुपात ऋण चुकाने की बेहतर क्षमता दर्शाता है। * चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR): एक निर्दिष्ट अवधि में किसी निवेश की औसत वार्षिक वृद्धि दर जो एक वर्ष से अधिक हो। * क्षमता उपयोग (Capacity Utilisation): विनिर्माण या सेवा सुविधा अपनी संभावित क्षमता पर किस हद तक काम कर रही है।


Environment Sector

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