Industrial Goods/Services
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Updated on 12 Nov 2025, 10:31 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team

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भारत के म्यूचुअल फंड्स के लिए सबसे बड़े रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट, कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज (CAMS), अगले चार से छह हफ्तों के भीतर अपने प्रमुख आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्लेटफॉर्म, CAMS Lens को लॉन्च करने की तैयारी में है। यह लॉन्च अगले दो तिमाहियों में नियोजित चार AI-आधारित इंटीग्रेशन की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है। CAMS Lens को कस्टम-ट्रेन्ड लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) का उपयोग करके एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) और बिचौलियों (intermediaries) के लिए रेगुलेटरी कंप्लायंस में क्रांति लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सेबी जैसी वित्तीय नियामक वेबसाइटों को लगातार स्कैन करेगा, नए सर्कुलर की तुरंत पहचान करेगा, उन्हें वर्गीकृत करेगा, और फिर समरी, कंप्लायंस चेकलिस्ट और अलर्ट जेनरेट करेगा। इसकी एक खास विशेषता यह है कि यह एसक्यूएल (SQL) आधारित क्वेरीज़ लिख सकता है ताकि ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड्स के मुकाबले कंप्लायंस डेटा को स्वचालित रूप से मान्य किया जा सके, जिससे मैन्युअल गलतियाँ कम हों और ऑडिट प्रिसिजन में सुधार हो। CAMS के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुज कुमार ने बताया कि यह प्लेटफॉर्म पूरी तरह से लागू होने से पहले 99 प्रतिशत से अधिक सटीकता सुनिश्चित करने के लिए छह से नौ महीनों तक मैन्युअल प्रक्रियाओं के साथ-साथ चलेगा। CAMS 2024 से IIT और IIM के लगभग 100 ग्रेजुएट्स को हायर करके अपनी AI प्रतिभा को मजबूत कर रहा है और डेवलपमेंट के लिए Google के साथ पार्टनरशिप की है।
प्रभाव: इस इनोवेशन से म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में ऑपरेशनल एफिशिएंसी में काफी बढ़ावा, कंप्लायंस प्रक्रियाओं का ऑटोमेशन और सटीकता में वृद्धि होने की उम्मीद है। CAMS के लिए, यह एक महत्वपूर्ण तकनीकी छलांग का प्रतिनिधित्व करता है, जो संभावित रूप से इसकी मार्केट पोजीशन को मजबूत कर सकता है और नए रेवेन्यू स्ट्रीम बना सकता है। निवेशक CAMS के बेहतर ऑपरेशनल एफिशिएंसी और अत्याधुनिक AI टेक्नोलॉजी को अपनाने के कारण बेहतर परफॉरमेंस मेट्रिक्स की उम्मीद कर सकते हैं। क्यूरेटेड, रेगुलेटर-अप्रूव्ड कंटेंट पर फोकस विश्वसनीयता बढ़ाता है, जो कंप्लायंस डोमेन में एक महत्वपूर्ण कारक है।