Industrial Goods/Services
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Updated on 15th November 2025, 11:25 AM
Author
Simar Singh | Whalesbook News Team
भारतीय सरकार स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन्स (SEZs) में उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से राहत उपायों को लागू करने के प्रस्तावों की सक्रिय रूप से जांच कर रही है। मंत्रालय इन ज़ोनों की अतिरिक्त क्षमता का उपयोग भारत के घरेलू बाजार के लिए करने के तरीकों पर भी विचार कर रहा है, जिससे आयात प्रतिस्थापन को बढ़ावा मिलेगा। इन पहलों का उद्देश्य SEZ उत्पादन को बढ़ाना और घरेलू बिक्री के लिए मौजूदा लाभ अंतर को पाटना है।
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भारतीय सरकार स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन्स (SEZs) को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत बदलावों पर विचार कर रही है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा की कि ऐसे राहत उपायों के प्रस्तावों की जांच की जा रही है जो इन ज़ोनों के भीतर उत्पादन को बढ़ावा देंगे। एक मुख्य फोकस SEZs की अतिरिक्त क्षमता का उपयोग घरेलू भारतीय बाजार के लिए करना है, जो आयात प्रतिस्थापन के रूप में कार्य करेगा और विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम करेगा। मंत्री ने बताया कि वर्तमान में, डोमेस्टिक टैरिफ एरिया (DTAs) में SEZ आपूर्ति को आयात की तुलना में नुकसान उठाना पड़ता है। सरकार इस असमानता को दूर करना चाहती है। SEZ उत्पादन को बढ़ाने के लिए, कानूनों या नियमों में संभावित संशोधनों सहित, अतिरिक्त उपायों पर भी विचार किया जा रहा है। SEZs से उत्पादों को इनपुट पर "duty foregone basis" पर DTAs को बेचने पर भी चर्चा चल रही है, जो कि तैयार माल के आउटपुट पर ड्यूटी भुगतान की वर्तमान प्रथा से एक महत्वपूर्ण बदलाव है। SEZs भारत के निर्यात के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिनका 2024-25 में ₹176.6 बिलियन का योगदान रहा है। Impact: यह खबर भारतीय शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे विनिर्माण उत्पादन, रोजगार सृजन और व्यापार संतुलन में सुधार हो सकता है (निर्यात बढ़ाकर और आयात घटाकर)। SEZs के भीतर काम करने वाली कंपनियों को बढ़ी हुई लाभप्रदता और विकास की संभावनाएं दिख सकती हैं, जिससे संबंधित क्षेत्रों के लिए सकारात्मक बाजार भावना पैदा हो सकती है। Rating: 7/10