Industrial Goods/Services
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Updated on 05 Nov 2025, 02:25 pm
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) की परिसंपत्ति का आकार 2030 तक वर्तमान 6.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 21 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। यह वृद्धि नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (National Infrastructure Pipeline) जैसी पहलों के माध्यम से मजबूत सरकारी खर्च, संस्थागत निवेशकों द्वारा वैकल्पिक संपत्तियों में बढ़ते आवंटन और कॉर्पोरेट पूंजी अनुकूलन रणनीतियों के कारण है। InvIT पारिस्थितिकी तंत्र में वर्तमान में 27 पंजीकृत ट्रस्ट हैं, जो 6.3 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति प्रबंधन (AUM) करते हैं। बाजार पर्यवेक्षकों का कहना है कि खुदरा भागीदारी (retail penetration) कम होने के कारण विकास की काफी गुंजाइश है। नतीजतन, कई InvITs सार्वजनिक निर्गम (public issuances) का विकल्प चुनेंगे, जिनमें वे भी शामिल हैं जिन्होंने पहले निजी प्लेसमेंट (private placements) का विकल्प चुना था। डिजिटल नेटवर्क, मोबिलिटी और स्वच्छ ऊर्जा जैसे अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में अवसर बढ़ रहे हैं, जिसमें अडानी समूह (Adani Group), जेएसडब्ल्यू समूह (JSW Group) और जीएमआर (GMR) जैसे बड़े कॉर्पोरेट्स बंदरगाह और हवाई अड्डा संपत्तियों के लिए InvIT संरचनाओं का मूल्यांकन कर रहे हैं। InvITs की बढ़ती लोकप्रियता के कारणों में उच्च मूल्यांकन (higher valuations), अनुमानित आय धाराएँ (predictable income streams), इक्विटी बाजारों के साथ कम सहसंबंध (low correlation) और मुद्रास्फीति प्रतिरोध (inflation resilience) शामिल हैं। वे निवेशकों को बिजली, सड़क, नवीकरणीय ऊर्जा और बंदरगाह जैसे क्षेत्रों में विविध एक्सपोजर प्रदान करते हैं। नगर निगम निकाय भी पानी और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी शहरी संपत्तियों के लिए समान मॉडल तलाश रहे हैं।
प्रभाव: यह खबर भारतीय शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। InvIT संपत्तियों का तिगुना होना बुनियादी ढांचा विकास में बड़े पैमाने पर पूंजी प्रवाह का संकेत देता है, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, रोजगार पैदा करेगा और राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे में सुधार करेगा। निवेशकों के लिए, InvITs विविधीकरण, स्थिर आय और मुद्रास्फीति से बचाव (inflation hedging) प्रदान करते हैं, जो घरेलू और वैश्विक संस्थागत पूंजी को आकर्षित करते हैं। बढ़ी हुई लोकप्रियता और नए निर्गमों की क्षमता पूंजी बाजारों को गहरा करेगी और अधिक निवेश के अवसर प्रदान करेगी, जिससे संबंधित क्षेत्रों में बाजार की धारणा और तरलता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
रेटिंग: 8/10।
कठिन शब्द: InvIT (Infrastructure Investment Trust): एक सामूहिक निवेश योजना जो आय-उत्पादक अचल संपत्ति या बुनियादी ढांचा संपत्तियों का मालिक है और निवेशकों को लाभकारी हित का प्रतिनिधित्व करने वाली इकाइयाँ प्रदान करती है। नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP): भारत भर में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से एक सरकारी पहल। मल्टी फैमिली ऑफिस (MFO): अल्ट्रा-उच्च-नेट-वर्थ परिवारों की सेवा करने वाली एक निजी धन प्रबंधन फर्म, जो उनके निवेश और वित्त का प्रबंधन करती है। सार्वजनिक निर्गम (Public Issuances): जब कोई कंपनी या ट्रस्ट आम जनता को बिक्री के लिए अपने शेयर या इकाइयाँ प्रदान करता है। निजी प्लेसमेंट (Private Placements): सार्वजनिक पेशकश के बजाय, सीधे सीमित संख्या में परिष्कृत निवेशकों को प्रतिभूतियों की बिक्री। संपत्ति प्रबंधन के तहत (AUM): किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा ग्राहकों की ओर से प्रबंधित संपत्तियों का कुल बाजार मूल्य। कॉर्पोरेट पूंजी अनुकूलन (Corporate Capital Optimization): कंपनियों द्वारा अपनी पूंजी संरचना और वित्तीय दक्षता को बढ़ाने के लिए नियोजित रणनीतियाँ। मुद्रास्फीति प्रतिरोध (Inflation Resilience): बढ़ती मुद्रास्फीति की अवधि के दौरान निवेश की क्रय शक्ति या मूल्य को बनाए रखने की क्षमता। सामूहिक निवेश योजना (Collective Investment Scheme): एक फंड जो कई निवेशकों से धन पूल करता है और प्रतिभूतियों या अचल संपत्ति जैसे विभिन्न संपत्तियों में निवेश करता है। कम सहसंबंध (Low Correlation): एक सांख्यिकीय संबंध जहां दो चर एक दूसरे से स्वतंत्र रूप से चलते हैं, समग्र पोर्टफोलियो जोखिम को कम करते हैं। खुदरा प्रवेश (Retail Penetration): एक विशेष बाजार या परिसंपत्ति वर्ग में व्यक्तिगत, गैर-पेशेवर निवेशकों की भागीदारी की डिग्री। द्वितीयक बाजार (Secondary Market): वह बाजार जहां निवेशक स्टॉक एक्सचेंजों पर पहले से जारी प्रतिभूतियों को खरीदते और बेचते हैं।