Industrial Goods/Services
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Updated on 06 Nov 2025, 12:37 pm
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
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किर्लोस्कर फेरस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 30 सितंबर, 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं। कंपनी ने ₹86.2 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में रिपोर्ट किए गए ₹77.6 करोड़ की तुलना में 11% की वृद्धि है। परिचालन से राजस्व में भी सकारात्मक रुझान देखा गया, जो 5.3% बढ़कर ₹1,755 करोड़ हो गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह ₹1,666 करोड़ था। इसके अलावा, कंपनी की ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई (EBITDA) 11% बढ़कर ₹215.3 करोड़ हो गई, जो पिछले वर्ष के ₹194 करोड़ से अधिक है। इस वृद्धि के साथ EBITDA मार्जिन में भी सुधार हुआ, जो पिछले वर्ष के 11.6% से बढ़कर 12.3% हो गया।
1991 में स्थापित, किर्लोस्कर फेरस इंडस्ट्रीज पिग आयरन और ग्रे आयरन कास्टिंग में विशेषज्ञता रखने वाली एक प्रमुख भारतीय निर्माता है, जो ऑटोमोटिव और इंजन जैसे क्षेत्रों को सेवा प्रदान करती है। यह स्थापित किर्लोस्कर समूह का हिस्सा है।
प्रभाव: ये वित्तीय परिणाम किर्लोस्कर फेरस इंडस्ट्रीज के लिए स्वस्थ परिचालन प्रदर्शन और विकास का संकेत देते हैं। लाभ, राजस्व और मार्जिन में वृद्धि प्रभावी व्यवसाय प्रबंधन और बाजार की मांग का सुझाव देती है, जिससे निवेशकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल सकती है और कंपनी के शेयर प्रदर्शन पर संभावित प्रभाव पड़ सकता है। प्रभाव रेटिंग: 7/10।
कठिन शब्द: - शुद्ध लाभ (Net Profit): कुल राजस्व से सभी खर्चों, करों और लागतों को घटाने के बाद बचा हुआ लाभ। - परिचालन से राजस्व (Revenue from Operations): कंपनी की मुख्य व्यावसायिक गतिविधियों से उत्पन्न आय। - EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization): वित्तपोषण लागत, करों और गैर-नकद व्यय को ध्यान में रखे बिना कंपनी के परिचालन प्रदर्शन का एक माप। - EBITDA मार्जिन (EBITDA Margin): EBITDA को राजस्व से विभाजित करके गणना की जाती है, यह राजस्व के प्रतिशत के रूप में कंपनी के मुख्य व्यावसायिक संचालन की लाभप्रदता को दर्शाता है। - साल-दर-साल (Year-on-year - YoY): रुझानों को समझने के लिए, पिछले वर्ष की समान अवधि के वित्तीय डेटा की तुलना।